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Wednesday, 9 November 2011

राष्ट्रीय विधिक साक्षरता कार्यक्रम आयोजित

सिरसा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा आर्थिक तथा अन्य अक्षमताओं से ग्रसित व्यक्तियों को न्याय मुहैया करवाया जाएगा। यह बात जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री सुभाष गोयल ने राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के उपलक्ष्य में स्थानीय कचहरी परिसर में आयोजित राष्ट्रीय विधिक साक्षरता दिवस में बतौर मुख्यातिथि बोलते हुए कही।
उन्होंने कहा कि विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा नि:शुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध करवाने के साथ-साथ कानूनी जानकारी और लोक अदालतों का भी आयोजन किया जाता है। प्राधिकरण के तत्वावधान में महिलाओं, बच्चों, अनुसूचित जाति व जनजातियों के लोगों, श्रमिकों, हिरासत में लिए गए तथा मनोचिकित्सक अस्पतालों में भर्ती व्यक्तियों को नि:शुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध करवाई जाती है। इसके साथ-साथ मानव खरीद फरौत गतिविधियों से पीडि़त व्यक्तियों, आपदा जातीय हिंसा, जातीय अत्याचार, बाढ़, सूखा, भूकंप अथवा औद्योगिक आपदाताओं से पीडि़त व्यक्तियों को, विकलांग व्यक्ति अधिनियम 1995 के अनुसार विकलांग व्यक्तियों को तथा जिन व्यक्तियों की वार्षिक आय एक लाख रुपए से अधिक न हो, उन्हें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा नि:शुल्क कानूनी सेवाएं मुहैया करवाई जाती है। उन्होंने कहा कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर लीगल ऐड क्लीनिक भी स्थापित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में सिरसा में भी लीगल ऐड क्लीनिक स्थापित किया गया है। इन क्लीनिकों का मुख्य उद्देश्य घरेलू हिंसा को रोकना है। उन्होंने आमजन व वकीलों से अपील की कि वे ज्यादा से ज्यादा लोक अदालतों मिडीएशन के माध्यम से मामलों का निपटारा करवाए।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री नरेश कुमार सिंघल ने कहा कि जिला में सस्ता व सुलभ व शीघ्र न्याय दिलवाने के लिए लोक अदालतों की दर्ज पर समझौता सदन का भी गठन किया गया है। इस सदन के माध्यम से सिरसा जिला में अब तक आठ हजार से भी अधिक मामले निपटाए गए हैं जिनमें दोनों पक्षों की सहमति से निर्णय लिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि जिला में स्थाई लोक अदालत, ग्रामीण लोक अदालत काफी सार्थक सिद्ध हो रही है। अब तक सिरसा के विभिन्न गांवों और कचहरी परिसरों में 365 लोक अदालतों का आयोजन करके 46823 मामलों का निपटारा किया जा चुका है जबकि 85 हजार 726 मामले इन लोक अदालतों में रखे गए थे। उन्होंने बताया कि मोटर वाहन दुर्घटना से संबंधित लगभग 1564 मामले लोक अदालतों में निपटाए जा चुके हैं जिसमें 13 करोड़ 40 लाख से भी अधिक की राशि पीडि़त व्यक्तियों को मुआवजे के रूप में दिलवाई जा चुकी है। उन्होंने कहा कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जिला में 1719 लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता दी जा चुकी है जिनमें 1400 पुरूष व 319 महिलाएं शामिल हैं। इसके साथ-साथ जिला के विभिन्न गांवों में 557 कानूनी जागरूकता शिविरों का भी आयोजन किया गया है।
इस कार्यक्रम में श्री सुक्रमपाल (अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश), श्री केके बाली (कंजयूमर कोर्ट अध्यक्ष), श्रीमती सीमा सिंघल, सिविल जज सीनियर डिवीजन आदि उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त एडवोकेट ए.एस. कालड़ा ने भी मुफ्त कानूनी सहायता एवं लोक अदालत तथा विभिन्न कानूनी पहलुओं के बारे में बताया। इस अवसर पर श्रीमती मोनिका शर्मा, रमेश मेहता, संजय गोयल, बलवीर कौर गांधी, पवन कुमार बेनीवाल, अमित गोयल, सुनीता गुप्ता, विक्रम यादव, श्री सीताराम गुप्ता, संदीप कम्बोज, प्रभजोत कौर व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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