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Monday 21 November 2011

दमखम बहुत, तकनीक में तरक्की की दरकार : भीम सिंह



खिलाडिय़ों के बीच कुश्ती शुरू करवाते भीम सिंह       छाया : सुनीत सरदाना
कुश्ती लड़तीं प्रतिभागी  

सिरसा। भारत के खिलाडिय़ों को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित करने के लिए अधिक से अधिक खेल विद्यालयों, महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों की स्थापना करनी होगी। खिलाडिय़ों की सफलता में तकनीक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। भारत के खिलाडिय़ों में दमखम की कोई कमी नहीं लेकिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारे खिलाड़ी तकनीक के मामले पिछड़ जाते हैं। इस कमी को दूर करने के लिए केन्द्र व राज्य सरकारों को अच्छी खेल नीति तैयार करके खिलाडिय़ों को बेहतर से बेहतर खेल सुविधायें व प्रशिक्षक प्रदान करने चाहिए। 


यह जानकारी अर्जुन अवार्डी व ऑलम्पियन भीमसिंह ने आज चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय की खेल परिषद् द्वारा आयोजित अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय महिला कुश्ती प्रतियोगिता का विधिवत उद्घाटन करने के उपरान्त खिलाडिय़ों को संबोधित करते हुए दी। मुख्य अतिथि ने खिलाडिय़ों को संबोधित करते हुए कहा कि खेल को हमेशा खेल की भावना से खेला जाना चाहिए। खेलों से सम्पूर्ण व्यक्तित्व का विकास होता है। कुश्ती जैसे परम्परागत खेलों को बढ़ावा देने में मीडिया को भी साकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत का कुश्ती में 1952 के ओलम्पीकस में पहली बार ब्रोंज मैडल आया था और उसके 23 साल उपरान्त वर्ष 2008 में पहलवान सुशील कुमार ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की पहचान कायम की। मुख्यअतिथि ने कहा कि खिलाडिय़ों को सुव्यवस्थित आहार लेना चाहिए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव  डा. मनोज सिवाच, चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय सिरसा की खेल परिषद् के अध्यक्ष प्रो. शमशेर सिंह, सचिव डा. रविन्द्र पाल अहलावत, डा. मोनिका, डा. ईश्वर मलिक, डा. अशोक मलिक, डा. अशोक शर्मा, डा. प्रियंका सिवाच, डा. जे.एस. जाखड़ संहित चालिस टीमों के कोंटीजेन्ट इंचार्ज उपस्थित थे। 

प्रतियोगिता में पहले दिन 48 किलोग्राम भार वर्ग में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ की प्रियंका ने स्वर्णपदक, महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय रोहतक की रितु ने कास्य पदक, शिवाजी विश्वविद्यालय कोलहापुर की घर्ल एम0जी0 व राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर की रूबी चौधरी को रजत पदक मिला। इसी प्रकार 55 किलोग्राम भार वर्ग में महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय रोहतक की बबीता ने सोना झटका और अवध विश्वविद्यालय की अपूर्वा त्यागी को कांस्य पदक और चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ की नीतू राणा और कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरूक्षेत्र की सोनू ने कांस्य पदक जीता। 63 किलोग्राम भार वर्ग में भी महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय रोहतक की साक्षी मलिक पहले स्थान पर कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरूक्षेत्र की सील्पी सोराण दूसरे स्थान पर और चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ की रजनी और राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर की ऊषा चौधरी तीसरे स्थान पर रही। महिला वर्ग के 72 किलाग्राम वाले वर्ग में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की अंशु तौमर पहले स्थान पर कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय कुरूक्षेत्र की एकता दूसरे स्थान पर और महर्षि दयानन्द विश्वविद्यालय रोहतक की राखी और पंजाव विश्वविद्यालय चण्डीगढ़ की मनदीप कौर तीसरे स्थान पर रही।  
उल्लेखनीय है कि चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय सिरसा की खेल परिषद् द्वारा 21 नवम्बर से 25 नवम्बर तक अखिल भारतीय अंतरविश्वविद्यालय पुरूष व महिला कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन करवाया जा रहा है। 22 नवम्बर को महिला चैम्पियन के समापन समारोह पर अजुनअवार्डी गीतिका जाखड़ मुख्य अतिथि होंगी।

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