पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय को लिखे पत्र में पीडि़त परिवारों ने खुलासा किया है कि डेरा सच्चा सौदा गुरमीत सिंह ने कब-कब और कैसे-कैसे न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास किया। सरकार के नुमाइंदों और न्याय के मंदिर के पुजारियों का नाम सहित फोड़ा भांडा। देखिए क्या लिखा है इस पत्र में...........
सेवा में,
माननीय चीफ जस्ट्सि महोदय,
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय,
चंडीगढ़।
विषय : डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह से सम्बंधित केसों की सुनवाई कर रहे पंचकूला स्थित सीबीआई के विशेष जज श्री नाजर सिंह का एकाएक तबादला संदेह के घेरे में।
माननीय,
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह के जुल्मों से पीडि़त परिवार आपसे निम्नलिखित निवेदन करते हैं।
1. यह कि सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह वास्तव में कितना प्रभावशाली है इसे हरियाणा व पंजाब के लोग भलीभांति जानते हैं। देश की गंदी सियासत का लगभग हर सियासतदान व छुटभैया वोटों के लालच में इस तथाकथित संत के आगे नतमस्तक होता है।
2. डेरा प्रमुख पर एक पत्रकार एवं एडवोकेट रामचन्द्र छत्रपति के कत्ल का मामला और दूसरा कुरुक्षेत्र के निवासी और डेरा प्रमुख के श्रद्धालु रणजीत सिंह के कत्ल का केस व तीसरा अपनी ही अनेकों साध्वियों से बलात्कार का अति संगीन मामला सीबीआई की पंचकूला स्थित विशेष अदालत में लंबित है। डेरा प्रमुख को इन तीनों मामलों में लंबी कवायद व जांच के बाद मुख्य आरोपी बनाया गया है। गौरतलब है कि अब यह तीनों मामले अपने निर्णायक दौर में हैं। एकाएक ऐसे समय में सीबीआई के विशेष जज श्री नाजर सिंह का तबादला कर दिया जाना बहुत बड़ी साजिश की तरफ इशारा करता है। पीडि़त पक्ष द्वारा इस तबादले पर उंगली उठाने के कई ठोस व अकाट्य तर्क हैं। क्योंकि अभी इस विशेष जज का न तो पंचकूला कोर्ट में निर्धारित समय पूरा हुआ है और न ही उनके खिलाफ पीडि़त पक्ष की कोई शिकायत है। उक्त मामलों की गवाहियां नाजर सिंह के समक्ष हुई हैं और वे इन मामलों से बखूबी वाकिफ हैं। और तो और इस तबादले को लेकर डेरा पक्ष जबानी शेखियां बखार रहा है और मिठाई बांटकर खुशी मना रहा है। डेरा के कारिंदे यह कहते भी सुने गए हैं कि यह तबादला डेरा प्रमुख के प्रभाव से हुआ है। पीडि़त परिवारों को इस बात में लेश मात्र भी संदेह नहीं है कि तबादला अचानक किसके इशारे पर क्यूं हुआ है। इससे पूर्व जिन हालातों में डेरा प्रमुख को अग्रिम जमानत व फिर नियमित जमानत मिली वह भी जग जाहिर है। हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्ट्सि विजेन्द्र जैन मुख्यमंत्री हरियाणा के साथ घी-खिचड़ी थे। डेरा प्रमुख की जमानत के बाद जैन ने अपने मित्रों में एक अनौपचारिक टिप्पणी की थी जिसमें कहा गया कि डेरा प्रमुख को जमानत देना हमारी मजबूरी थी। काबिलेजिक्र है कि सीबीआई के स्पैशल जज श्री नाजर सिंह से पूर्व जिस जज से डेरा के लोगों की फिट नहीं बैठी उसे उन्होंने चेन से नौकरी नहीं करने दी। इसी के चलते जज श्री एके नारंग समय पूर्व ही स्वेच्छा से तबादला करवा गए। इन मामलों में सबसे पहले सीबीआई के जज रहे श्री आरके सैनी ने डेरा प्रमुख की नियमित जमानत पर लंबी बहस सुनने के बाद जमानत दे दी। शायद रेप और मर्डर के आरोपों में घिरे किसी भी आरोपी का यह पहला मामला होगा जिसमें सारी गवाहियों को नजर अंदाज कर न्यायालय ने जमानत दे दी हो। उनके बाद जज रहे श्री एके वर्मा ने गवाह द्वारा डेरा प्रमुख के खिलाफ दिए बयान को ही अनसुना कर दिया। गवाह के बार-बार दोहराने पर भी वर्मा ने डेरा प्रमुख के खिलाफ लिखने की हिम्मत नहीं जुटाई। माननीय, हम पीडि़त परिवार विगत 10 वर्षों से न्याय की बाट जोह रहे हैं। परन्तु इस सिस्टम में एक आम व्यक्ति को आखिरी उम्मीद न्यायालय से ही बचती है और इन मामलों में उच्च न्यायालय ने शीघ्र निपटारे के भी दिशा-निर्देश दिए थे। मामलों को शीघ्र निपटाने के लिए जज श्री नाजर सिंह ने गवाहों को प्रतिदिन बुलाना शुरू कर दिया और उक्त मामले निपटारे के बिल्कुल नजदीक पहुंच गए थे। परन्तु ऐन वक्त पर श्री नाजर सिंह का तबादला कर दिया गया। यहां काबिले गोर है कि जज श्री नाजर सिंह ने डेरा प्रमुख के अधिवक्ता की नाजायज मांगों को भी मानने से इंकार कर दिया था, जिसके चलते डेरा पक्ष श्री नाजर सिंह से खफा था। पीडि़त परिवारों को लगता है कि इस तबादले से उक्त केसों के शीघ्र निपटारे में भी दिक्कतें आ सकती हैं।
3. डेरा सच्चा सौदा के दबाव में यदि न्यायिक प्रक्रिया में भी इस प्रकार का अवरोध पैदा होगा तो पीडि़त परिवारों की शेष बची उम्मीद भी समाप्त हो जाएगी और उनका कानून से विश्वास उठ जाएगा।
पीडि़त
अंशुल छत्रपति
688/बी, सेक्टर 20, हुडा,
सिरसा, हरियाणा
मो. 094161-67677
जोगेंद्र सिंह
गांव खानपुर कोलियां,
जिला कुरुक्षेत्र, हरियाणा
माननीय चीफ जस्ट्सि महोदय,
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय,
चंडीगढ़।
विषय : डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह से सम्बंधित केसों की सुनवाई कर रहे पंचकूला स्थित सीबीआई के विशेष जज श्री नाजर सिंह का एकाएक तबादला संदेह के घेरे में।
माननीय,
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह के जुल्मों से पीडि़त परिवार आपसे निम्नलिखित निवेदन करते हैं।
1. यह कि सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह वास्तव में कितना प्रभावशाली है इसे हरियाणा व पंजाब के लोग भलीभांति जानते हैं। देश की गंदी सियासत का लगभग हर सियासतदान व छुटभैया वोटों के लालच में इस तथाकथित संत के आगे नतमस्तक होता है।
2. डेरा प्रमुख पर एक पत्रकार एवं एडवोकेट रामचन्द्र छत्रपति के कत्ल का मामला और दूसरा कुरुक्षेत्र के निवासी और डेरा प्रमुख के श्रद्धालु रणजीत सिंह के कत्ल का केस व तीसरा अपनी ही अनेकों साध्वियों से बलात्कार का अति संगीन मामला सीबीआई की पंचकूला स्थित विशेष अदालत में लंबित है। डेरा प्रमुख को इन तीनों मामलों में लंबी कवायद व जांच के बाद मुख्य आरोपी बनाया गया है। गौरतलब है कि अब यह तीनों मामले अपने निर्णायक दौर में हैं। एकाएक ऐसे समय में सीबीआई के विशेष जज श्री नाजर सिंह का तबादला कर दिया जाना बहुत बड़ी साजिश की तरफ इशारा करता है। पीडि़त पक्ष द्वारा इस तबादले पर उंगली उठाने के कई ठोस व अकाट्य तर्क हैं। क्योंकि अभी इस विशेष जज का न तो पंचकूला कोर्ट में निर्धारित समय पूरा हुआ है और न ही उनके खिलाफ पीडि़त पक्ष की कोई शिकायत है। उक्त मामलों की गवाहियां नाजर सिंह के समक्ष हुई हैं और वे इन मामलों से बखूबी वाकिफ हैं। और तो और इस तबादले को लेकर डेरा पक्ष जबानी शेखियां बखार रहा है और मिठाई बांटकर खुशी मना रहा है। डेरा के कारिंदे यह कहते भी सुने गए हैं कि यह तबादला डेरा प्रमुख के प्रभाव से हुआ है। पीडि़त परिवारों को इस बात में लेश मात्र भी संदेह नहीं है कि तबादला अचानक किसके इशारे पर क्यूं हुआ है। इससे पूर्व जिन हालातों में डेरा प्रमुख को अग्रिम जमानत व फिर नियमित जमानत मिली वह भी जग जाहिर है। हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्ट्सि विजेन्द्र जैन मुख्यमंत्री हरियाणा के साथ घी-खिचड़ी थे। डेरा प्रमुख की जमानत के बाद जैन ने अपने मित्रों में एक अनौपचारिक टिप्पणी की थी जिसमें कहा गया कि डेरा प्रमुख को जमानत देना हमारी मजबूरी थी। काबिलेजिक्र है कि सीबीआई के स्पैशल जज श्री नाजर सिंह से पूर्व जिस जज से डेरा के लोगों की फिट नहीं बैठी उसे उन्होंने चेन से नौकरी नहीं करने दी। इसी के चलते जज श्री एके नारंग समय पूर्व ही स्वेच्छा से तबादला करवा गए। इन मामलों में सबसे पहले सीबीआई के जज रहे श्री आरके सैनी ने डेरा प्रमुख की नियमित जमानत पर लंबी बहस सुनने के बाद जमानत दे दी। शायद रेप और मर्डर के आरोपों में घिरे किसी भी आरोपी का यह पहला मामला होगा जिसमें सारी गवाहियों को नजर अंदाज कर न्यायालय ने जमानत दे दी हो। उनके बाद जज रहे श्री एके वर्मा ने गवाह द्वारा डेरा प्रमुख के खिलाफ दिए बयान को ही अनसुना कर दिया। गवाह के बार-बार दोहराने पर भी वर्मा ने डेरा प्रमुख के खिलाफ लिखने की हिम्मत नहीं जुटाई। माननीय, हम पीडि़त परिवार विगत 10 वर्षों से न्याय की बाट जोह रहे हैं। परन्तु इस सिस्टम में एक आम व्यक्ति को आखिरी उम्मीद न्यायालय से ही बचती है और इन मामलों में उच्च न्यायालय ने शीघ्र निपटारे के भी दिशा-निर्देश दिए थे। मामलों को शीघ्र निपटाने के लिए जज श्री नाजर सिंह ने गवाहों को प्रतिदिन बुलाना शुरू कर दिया और उक्त मामले निपटारे के बिल्कुल नजदीक पहुंच गए थे। परन्तु ऐन वक्त पर श्री नाजर सिंह का तबादला कर दिया गया। यहां काबिले गोर है कि जज श्री नाजर सिंह ने डेरा प्रमुख के अधिवक्ता की नाजायज मांगों को भी मानने से इंकार कर दिया था, जिसके चलते डेरा पक्ष श्री नाजर सिंह से खफा था। पीडि़त परिवारों को लगता है कि इस तबादले से उक्त केसों के शीघ्र निपटारे में भी दिक्कतें आ सकती हैं।
3. डेरा सच्चा सौदा के दबाव में यदि न्यायिक प्रक्रिया में भी इस प्रकार का अवरोध पैदा होगा तो पीडि़त परिवारों की शेष बची उम्मीद भी समाप्त हो जाएगी और उनका कानून से विश्वास उठ जाएगा।
पीडि़त
अंशुल छत्रपति
688/बी, सेक्टर 20, हुडा,
सिरसा, हरियाणा
मो. 094161-67677
जोगेंद्र सिंह
गांव खानपुर कोलियां,
जिला कुरुक्षेत्र, हरियाणा
right sir
ReplyDeleteHats off to Late Chhatrapati ji. Lokenath Tiwary
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