BREAKING NEWS

 

सच और झूठ के बीच कोई तीसरी चीज नहीं होती और मैं सच के साथ हूं : छत्रपति       www.poorasach.com      

Tuesday, 3 September 2013

डेरा सच्चा सौदा प्रमुख पर भी शीघ्र कसा जाए शिकंजा : अंशुल छत्रपति ... Who is shaltering Dera Sachcha Souda's head Gurmeet Ram Rahim?

पीडि़त परिवारों ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय को लिखा पत्र

हत्या तथा यौन शोषण मामलों का शीघ्र निपटारा कर रहे जज के अचानक तबादले पर उठाए सवाल

चंडीगढ़, 03 सितंबर। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह पर चल रहे हत्या तथा बलात्कार के मामलों का शीघ्र निपटारा होना चाहिए। डेरा प्रमुख के इशारे पर सरकार द्वारा मामले को लटकाने के कुत्सित प्रयास किए जा रहे हैं। हाल ही में मामले की सुनवाई कर रहे विशेष सीबीआई अदालत के जज नाजर सिंह का तबादला किया जाना भी संदेहजनक है। इस संबंध में पीडि़त परिवारों ने एक पत्र पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भी लिखा है। यह बात आज उपरोक्त मामलों के पीडि़त परिवारों ने यहां प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही। गौरतलब है कि सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति तथा डेरा के पूर्व मैनेजर रणजीत सिंह की डेरा सच्चा सौदा प्रमुख के इशारे पर हत्या कर दी गई थी। इसके अलावा डेरा प्रमुख पर उसकी ही साध्वियों ने यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप भी लगाए हैं। तीनों मामलों की सीबीआई जांच के बाद डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह पर आरोप तय हुए थे। सीबीआई की विशेष अदालत में उपरोक्त मामलों की सुनवाई निर्णायक दौर में है।
            अंशुल छत्रपति ने कहा कि आम मामलों में बलात्कार व हत्या के आरोपियों को पुलिस मामला दर्ज होने से पहले ही गिरफ्त में ले लेती है। यहां तक कि आसाराम के मामले में भी पुलिस ने मामला दर्ज होते ही गिरफ्तारी कर ली। उन्होंने कहा कि सरकार की शह के चलते डेरा प्रमुख को अब तक खुली छूट मिली हुई है। उन्होंने कहा कि संभवत: यह भारतीय इतिहास का ऐसा पहला मामला होगा जिसमें किसी व्यक्ति पर यौन शोषण और हत्या जैसे मामलों में आरोप तय हो चुके हों लेकिन अभी तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई है और यहां तक कि उसे न्यायालय द्वारा नियमित जमानत भी दे दी गई है। उन्होंने कहा कि डेरा प्रमुख द्वारा शुरू से ही मामले को प्रभावित करने के लिए अनेक ओछे हथकंडे इस्तेमाल किए गए। अब जब मामला निर्णायक दौर में है और सीबीआई के विशेष जज नाजर सिंह मामले को तुरंत निपटाने के लिए प्रयासरत हैं, ऐसे में डेरा प्रमुख के दबाव में सरकार द्वारा जज को स्थानांतरित करना आमजन का न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास खत्म करेगा। छत्रपति ने बताया कि उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया के दौरान डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह और सरकार की मिलीभगत से उन्हें अवगत करवाया है।
             पीडि़त परिवारों ने कहा कि जिस वोट बैंक का लालच सरकार कर रही है, उसकी पोल तो पिछले पंजाब एवं यूपी विधानसभा चुनावों में खुलकर सामने आ चुकी है। जगजाहिर है कि पंजाब विधानसभा चुनावों में डेरा सच्चा सौदा द्वारा कांग्रेस का खुलकर समर्थन किया गया था जबकि वहां कांग्रेस को अकाली दल से मुंह की खानी पड़ी। यहां तक कि डेरा प्रमुख के समधी जस्सी को भी डेरा का वोट बैंक जिता नहीं पाया। ऐसे में सरकार किस वोट बैंक का वहम पालकर यौन शोषण और हत्या जैसे आरोपों में घिरे व्यक्ति के आगे नतमस्तक है।
            अंशुल छत्रपति ने कहा कि देश के कानून को अपना कार्य ईमानदारी से करना होगा। यदि देश में हैसियत के हिसाब से अलग-अलग कानून होगा तो लोगों का न्यायपालिका से विश्वास उठ जाएगा। आम लोगों को न्याय की उम्मीद न्यायालय से ही बची है। यदि यहां से भी वे नाउम्मीद होंगे तो यह देश के लिए सबसे बड़ा दुर्भाग्य होगा।

No comments:

Post a Comment