मृतक की पत्नी, दामाद व एक अन्य ने दबाया था गला
सिरसा। रानियां पुलिस ने हत्या के एक मामले में कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को काबू कर लिया है। आरोपियों ने हत्या को सड़क हादसे का रुप देने की पूरी कोशिश की लेकिन पुलिस की सूझबूझ के चलते उनके मंसूबे फेल हो गए।
जानकारी के अनुसार गांव भूना में गत 24 जून को सड़क पर एक व्यक्ति का शव बरामद हुआ था। जिसकी पहचान सिरसा के गांव खाईशेरगढ़ निवासी राम स्वरुप पुत्र धन्ना राम के रुप में हुई। मृतक के परिजनों ने भी किसी पर कोई शक जाहिर नहीं किया। पुलिस ने इस संदर्भ में अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में राम स्वरुप की मौत सड़क दुर्घटना में नहीं बल्कि गला दबाकर किए जाने का पता चला। इस पर पुलिस ने मुक दमें में धारा 302/201 जोड़ कर जांच शुरु कर दी। इस मामले में पुलिस ने मृतक की पत्नी संतरो देवी, दामाद कमलजीत व उसके दोस्त मनजीत सिंह को गिरफ्तार किया है। तीनों ने मिलकर रामस्वरूप की गला दबाकर हत्या की और शव सड़क किनारे फेंक दिया।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
सिरसा। सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने आज अपनी मांगों को लेकर उपायुक्त कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। हरियाणा रिटायर्ड कर्मचारी संघ के बैनर तले हुए इस प्रदर्शन की अध्यक्षता संघ के जिला प्रधान किशोरीलाल मेहता की। कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रशासन व सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
आज सुबह हरियाणा रिटायर्ड कर्मचारी संघ के बैनर तले सेवानिवृत्त कर्मचारी लघुसचिवालय पहुंचे और उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरने पर बैठ गए। धरने पर बैठे कृष्ण लाल शर्मा, जय राम रोड़, मनोहरलाल, स. नसीब सिंह, भूप सिंह, जसवंत सिंह, नक्षत्र सिंह, दर्शन सिंह आदि ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री के सिरसा दौरे पर अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा था लेकिन उन मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी ये मांगे न मानी गई तो वे 14 जुलाई को हर जिले में कर्मचारी धरने पर बैठेंगे व लोगों सरकार की नाकामियों के बारे में अवगत करवाएंगे।
पंजाबी को मिले उचित मान-सम्मान : अनिरुद्ध
युवा बोलेगा मंच ने उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन
सिरसा। युवा बोलेगा मंच के संयोजक और पूर्व उपप्रधानमंत्री चौ. देवीलाल के पौत्र अनिरुद्ध चौटाला ने मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की अध्यक्षता में आयोजित होने वाले पंजाबी सम्मेलन पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हुड्डा के 10 वर्षों के शासनकाल में पंजाबी भाषा को पूरी तरह से लागू नहीं किया गया। केवल सरकार राजनीति करने के लिए पंजाबी सम्मेलन कर रही है। युवा बोलेगा मंच की ओर से सिरसा के लघु सचिवालय के समक्ष प्रदर्शन किया गया और जिला प्रशासन के आला अधिकारियों की नेम प्लेट जोकि अंग्रेजी में लिखी होती है उन्हें हिंदी और पंजाबी में अंकित करवाकर लगवाने की मांग की। उपायुक्त की नेम प्लेट मंच की ओर से सीटीएम को सौंपी गई। पत्रकारों से बातचीत करते हुए अनिरुद्ध चौटाला ने कहा कि सीधे रूप में मुख्यमंत्री पंजाबी सम्मेलन की आड़ में राजनीति कर रहे हैं।