भाजपा के सांसद बोले-हजकां घायल, मानवीय आधार पर हैं हम साथ
सिरसा। कुरुक्षेत्र से भाजपा सांसद राजकुमार सैनी ने गठबंधन में टूट को एक बार फिर हवा दी है। आज सिरसा में सांसद ने कहा कि सिरसा व हिसार की जनता ने जब ट्रैक्टर की सवारी नहीं स्वीकारी तो भाजपा क्यूं स्वीकारे? कुलदीप के नेतृत्व के सवाल पर सैनी ने चुटकी ली और कहा कि 'जब दो लोग एक साथ सफर पर निकलते हैं तो और बीच रास्ते कोई घायल हो जाता है तो मानवीय आधार पर दूसरा व्यक्ति उसका साथ देता है। हम भी मानवीय आधार से हजकां को साथ लेकर चलने को तैयार हैं।Ó लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद नेतृत्व पर समीक्षा होना जरूरी है लेकिन गठंधन पर अंतिम फैसला समीक्षा के बाद केन्द्रीय नेतृत्व को लेना है। अगर नेतृत्व चाहेगा तो हम ट्रैक्टर को साथ लेकर चलने को तैयार हैं। सैनी ने दावा किया कि देश की तरह हरियाणा में भी भाजपा इतिहास रचेगी। विधानसभा चुनाव में 80 सीटों पर कमल खिलेगा।
सांसद राजकुमार सैनी ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार ने महंगाई पर अंकुश लगाने के लिए प्रत्येक महीने बढऩे वाले डीजल के दामों पर रोक लगा दी है। महंगाई व बेरोजगारी रोकना मोदी सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी समाप्त होगी तो देश में पोडक्शन बढ़ेगी और विदेशों में निर्यात भी बढ़ेगा जिससे आर्थिक मजबूती मिलेगी और देश में महंगाई रुकेगी।
भाजपा में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वे किसी रेस में नहीं हैं। वे सिर्फ पार्टी के नुमाइंदे हैं और प्रदेश में कमल खिलाने के लिए काम कर रहे हैं। पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेवारी देगी वे उसे पूरी निष्ठा व ईमानदारी से निभाएंगे।
सामान्य अस्पताल में चिकित्सक की लापरवाही
गर्भ में बच्चे की मौत
सिरसा। सिरसा का सामान्य अस्पताल लगातार विवादों में घिरता जा रहा है। चिकित्सकों और स्टाफ की लापरवाही का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। चाहे उपचार के लिए आए मरीजों को सुविधाएं देने की बात हो या फिर समय पर ईलाज देने की, अस्पताल प्रशासन दोनों ही मामलों में फिसड्डी साबित हो रहा है। ताजा मामला सिरसा के सामान्य अस्पताल में चिकित्सक की लापरवाही से गर्भ में बच्चे की मौत का है। एक गर्भवती महिला की समय पर डिलीवरी न होने के कारण बच्चे की मौत हो गई। इस मामले में पीडि़त परिवार ने सिविल सर्जन व पुलिस को शिकायत भी की है।
गऊशाला रोड निवासी कैप्टन पुत्र ओमप्रकाश ने बताया कि उसकी पत्नी प्रवीण की 15 जून को डिलीवरी होनी थी। वे सामान्य अस्पताल पहुंचे तो चिकित्सक ने जांच के बाद ऑप्रेशन से डिलीवरी की बात की। ऑप्रेशन उसी दिन सायं आठ बजे किया जाना तय था। प्रवीण ने बताया कि महिला चिकित्सक सुनीता सिहाग को ऑप्रेशन की जिम्मेदारी दी गई थी। आरोप है कि चिकित्सक शाम को ऑप्रेशन के समय पर अस्पताल नहीं पहुंची। इस संबंध में जब परिजनों ने चिकित्सक से फोन पर बात की तो उन्होंने बहाना बनाकर कुछ समय बाद ऑप्रेशन किए जाने की बात कही। हद तो तब हो गई जब आधी रात तक भी चिकित्सक सुनीता सिहाग अस्पताल नहीं पहुंची। सुबह करीब अढाई बजे चिकित्सक अस्पताल पहुंची। इस दौरान प्रसव पीड़ा सहते हुए प्रवीण कौर को करीब 7 घंटे का समय हो चुका था। चिकित्सक के आने के बाद ऑप्रेशन हुआ। इस बीच बच्चे की गर्भ में ही मौत हो चुकी थी। पीडि़त परिवार ने बच्चे की मौत के लिए महिला चिकित्सक को जिम्मेवार ठहराया है। इस संबंध में सिविल सर्जन सुरेन्द्र नैन व जेजे कॉलोनी चौकी में शिकायत देकर आरोपी चिकित्सक के खिलाफ कारवाई की मांग की गई है।
सिविल सर्जन डा. सुरेन्द्र नैन ने बताया कि उन्हें शिकायत मिली है। इस मामले की विभागीय जांच की जा रही है। यदि चिकित्सक दोषी पाया जाता है तो सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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