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Friday, 13 September 2013

दामिनी के दोषियों को दंड

न्यायालय ने सुनाई फांसी की सजा

नई दिल्ली। पिछले साल 16 दिसंबर को गैंगरेप की शिकार दामिनी को इंसाफ मिल गया है। साकेत कोर्ट ने गैंगरेप और हत्या के चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने 16 दिसंबर की घटना को जघन्यतम व बर्बर अपराध मानते हुए दोषी मुकेश,अक्षय ठाकुर,विनय शर्मा और पवन गुप्ता को फांसी की सजा सुनाई।
सजा सुनते ही फूट फूट कर रोने लगे
    सजा सुनते ही चारों दरिंदे फूट फूट कर रोने लगे। वहीं कोर्ट के बाहर खड़े बलात्कार विरोधी प्रदर्शनकारी फैसला सुनते ही खुशी से झूम पड़े। कोर्ट का यह फैसला अपने आप में एतिहासिक है क्योंकि घटना के नौ महीने के भीतर ही दोषियों को सजा सुना दी गई।
जज ने कहा,हम आंखें मूंदे नहीं रह सकते
    कमरा नंबर 304 में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना ने सजा सुनाते हुए कहा कि यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर क्राइम है। पीडि़ता को अमानवीय तरीके से इतना टॉर्चर किया गया कि उसकी मौत हो गई। दोषियों ने उस असहाय लड़की की हत्या की जिसके पास बचने का कोई उपाय नहीं था। न्यायाधीश ने कहा कि जब महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हो तब कोर्ट ऐसे घृणित, जघन्य और बर्बर अपराधों के प्रति आंखें मूंदे नहीं रख सकता। समाज को कड़ा संदेश देने की जरूरत है। दोषी फांसी की सजा के हकदार हैं।
पीडि़ता के पिता ने कहा,हमें न्याय मिला
    दामिनी के पिता ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हमें न्याय मिला है। दामिनी के माता-पिता कोर्ट में मौजूद थे और करीब से कोर्ट की कार्यवाही देख रहे थे। दामिनी की मां ने कहा कि दोषी किसी तरह की दया के हकदार नहीं थे। वह चाहती है कि उन्हें जिंदा जला देना चाहिए। पीडि़ता के माता-पिता ने मीडिया, दिल्ली पुलिस और लोगों से मिले समर्थन के लिए उनका धन्यवाद किया।
दोषियों के पास ये हैं विकल्प
    वे हाईकोर्ट में फैसले को चुनौती दे सकते हैं। हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने पर सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिलने पर राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल कर सकते हैं।

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