जोधपुर। नाबालिग से यौन उत्पीड़न मामले में फंसे आसाराम की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही। पुलिस पूछताछ में आसाराम के सेवादार शिवा ने कई राज उगले हैं। इनमें आसाराम की एक गुप्त सीडी के बारे में बताया है। शिवा ने पुलिस को बताया कि इस सीडी में आसाराम द्वारा आश्रम में किए जाने वाले काले कारनामे दर्ज है। सीडी की बरामदगी के लिए पुलिस ने शिवा को तीन दिन की रिमांड पर और लिया है।
वहीं आसाराम के राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश में आश्रमों की जमीन की जांच भी शुरू हो गई है। आसाराम के कई आश्रम विवादास्पद स्थानों पर बने हुए हैं और विभिन्न राज्यों ने अब इस ओर ध्यान दिया है। इसके तहत गुजरात सरकार ने जूनागढ़ में आसाराम के आश्रम पर नोटिस देने की तैयारी कर ली है। वहीं भावनगर में जमीन हड़पने के मामले में बुधेल के पास लाखणका स्थित आश्रम को नोटिस जारी कर दिया है। इसके साथ ही इंदौर, भरतपुर और भीलवाड़ा में भी अतिक्रमण का मामला सामने आने के बाद जांच शुरू हो गई। वहीं जोधपुर पुलिस अब छिंदवाड़ा आश्रम की वार्डन शिल्पी को पकड़ने पर ध्यान केद्रिंत करेगी।
आश्रम को दी जमीन की जांच के आदेश
आसाराम का ट्रस्ट भी विवादों में है। लीज शर्तो के उल्लघंन और सरकारी जमीन पर कब्जे के मामले में इंदौर कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं। खंडवा रोड पर लिंबोदी में 1998 में आसाराम गुरूकुल आश्रम को करीब 17 एकड़ जमीन लीज पर दी थी। लीज में शर्त थी, जमीन पर कोई निर्माण नहीं होगा, पर यहां बिल्डिंग बना दी गई।
भरतपुर में करीब चार बीघा भूमि में बने आसाराम आश्रम कृषि भूमि पर बना पाया गया। इस भूमि का भू-रूपांतरण भी नहीं कराया गया। जिला कलक्टर ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। भीलवाड़ा के हरणीखुर्द गांव में स्थित आश्रम के लिए एक बीघा सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का मामला सामने आया है। भीलवाड़ा कलक्टर औंकारसिंह का कहना था कि जमीन न्यास की है, कार्रवाई भी न्यास करेगा।
भावनगर में जमीन हड़पने के मामले में बुधेल के पास लाखणका स्थित आश्रम को नोटिस जारी कर दिया है। भावनगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अनुसार यह आश्रम बिना पूर्व अनुमति के बनाया गया है। इसमें आश्रम के पक्ष रखने के बाद कार्रवाई होगी। इस मामले मेें भावनगर तहसीलदार ने भी आश्रम की जमीन की जांच शुरू कर दी है। फिलहाल जेल में रहेंगेराहत नहीं मिली है। तहसीलदार प्रज्ञाबेन गोंडलिया ने सभी रिकॉर्ड मंगवाए हैं। जानकारी के अनुसार आश्रम ने यह कब्जा खेती की जमीन पर किया है। इसमें दस कमरें, एक बड़ा प्रार्थना पत्र और परिसर है।
हाईकोर्ट जाएंगे आसाराम
जोधपुर सत्र न्यायालय द्वारा बुधवार को जमानत अर्जी खारिज करने के बाद आसाराम फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में जमानत अर्जी पेश कर सकते हैं। सत्र न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए 15 सितंबर तक जेल भेज दिया था। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (जोधपुर जिला) मनोज कुमार व्यास की अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता आनंद पुरोहित और उनके सहयोगी प्रद्युम्नसिंह जबकि आसाराम की ओर से के.के. मनन ने पैरवी की।
अभियोजन के तर्क
-जांच के दौरान पुलिस सब इंस्पेक्टर को प्रलोभन दिया।
-पुलिस उपायुक्त को धमकी दी।
-जमानत से जांच पर विपरीत प्रभाव की आशंका।
-पीडिता यौन दुराचार से सदमे में थी। इसलिए एफआईआर में देरी।
-पीडिता के नाबालिग होने के बारे में पूर्णतया दस्तावेजी साक्ष्य।
-मणाई आश्रम बहुत बड़ा है और घटनास्थल वातानूकुलित कमरा है। इस कारण पीडिता के चिल्लाने की आवाज बाहर नहीं आई।
-आरोपी का कृत्य भादसं की धारा 375 के तहत आता है। पोक्सो में भी अपराध साबित।
-सहआरोपी शिवा से पूछताछ और वार्डन शिल्पी की गिरफ्तारी बाकी।
वहीं आसाराम के राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश में आश्रमों की जमीन की जांच भी शुरू हो गई है। आसाराम के कई आश्रम विवादास्पद स्थानों पर बने हुए हैं और विभिन्न राज्यों ने अब इस ओर ध्यान दिया है। इसके तहत गुजरात सरकार ने जूनागढ़ में आसाराम के आश्रम पर नोटिस देने की तैयारी कर ली है। वहीं भावनगर में जमीन हड़पने के मामले में बुधेल के पास लाखणका स्थित आश्रम को नोटिस जारी कर दिया है। इसके साथ ही इंदौर, भरतपुर और भीलवाड़ा में भी अतिक्रमण का मामला सामने आने के बाद जांच शुरू हो गई। वहीं जोधपुर पुलिस अब छिंदवाड़ा आश्रम की वार्डन शिल्पी को पकड़ने पर ध्यान केद्रिंत करेगी।
आश्रम को दी जमीन की जांच के आदेश
आसाराम का ट्रस्ट भी विवादों में है। लीज शर्तो के उल्लघंन और सरकारी जमीन पर कब्जे के मामले में इंदौर कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं। खंडवा रोड पर लिंबोदी में 1998 में आसाराम गुरूकुल आश्रम को करीब 17 एकड़ जमीन लीज पर दी थी। लीज में शर्त थी, जमीन पर कोई निर्माण नहीं होगा, पर यहां बिल्डिंग बना दी गई।
भरतपुर में करीब चार बीघा भूमि में बने आसाराम आश्रम कृषि भूमि पर बना पाया गया। इस भूमि का भू-रूपांतरण भी नहीं कराया गया। जिला कलक्टर ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। भीलवाड़ा के हरणीखुर्द गांव में स्थित आश्रम के लिए एक बीघा सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का मामला सामने आया है। भीलवाड़ा कलक्टर औंकारसिंह का कहना था कि जमीन न्यास की है, कार्रवाई भी न्यास करेगा।
भावनगर में जमीन हड़पने के मामले में बुधेल के पास लाखणका स्थित आश्रम को नोटिस जारी कर दिया है। भावनगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के अनुसार यह आश्रम बिना पूर्व अनुमति के बनाया गया है। इसमें आश्रम के पक्ष रखने के बाद कार्रवाई होगी। इस मामले मेें भावनगर तहसीलदार ने भी आश्रम की जमीन की जांच शुरू कर दी है। फिलहाल जेल में रहेंगेराहत नहीं मिली है। तहसीलदार प्रज्ञाबेन गोंडलिया ने सभी रिकॉर्ड मंगवाए हैं। जानकारी के अनुसार आश्रम ने यह कब्जा खेती की जमीन पर किया है। इसमें दस कमरें, एक बड़ा प्रार्थना पत्र और परिसर है।
हाईकोर्ट जाएंगे आसाराम
जोधपुर सत्र न्यायालय द्वारा बुधवार को जमानत अर्जी खारिज करने के बाद आसाराम फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में जमानत अर्जी पेश कर सकते हैं। सत्र न्यायालय ने उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए 15 सितंबर तक जेल भेज दिया था। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (जोधपुर जिला) मनोज कुमार व्यास की अदालत में अभियोजन पक्ष की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता आनंद पुरोहित और उनके सहयोगी प्रद्युम्नसिंह जबकि आसाराम की ओर से के.के. मनन ने पैरवी की।
अभियोजन के तर्क
-जांच के दौरान पुलिस सब इंस्पेक्टर को प्रलोभन दिया।
-पुलिस उपायुक्त को धमकी दी।
-जमानत से जांच पर विपरीत प्रभाव की आशंका।
-पीडिता यौन दुराचार से सदमे में थी। इसलिए एफआईआर में देरी।
-पीडिता के नाबालिग होने के बारे में पूर्णतया दस्तावेजी साक्ष्य।
-मणाई आश्रम बहुत बड़ा है और घटनास्थल वातानूकुलित कमरा है। इस कारण पीडिता के चिल्लाने की आवाज बाहर नहीं आई।
-आरोपी का कृत्य भादसं की धारा 375 के तहत आता है। पोक्सो में भी अपराध साबित।
-सहआरोपी शिवा से पूछताछ और वार्डन शिल्पी की गिरफ्तारी बाकी।
शिल्पी की गिरफ्तारी पर असमंजस
वही इस मामले में अब तक फरार छिंदवाड़ा आश्रम वार्डन शिल्पी जोधपुर पुलिस की गिरफ्त से फरार है। मामले के खुलासे के बाद से ही शिल्पी भूमिगत हैं। पीडित नाबालिग लड़की को आसाराम तक पहुंचाने में शिल्पी ने अहम भूमिका निभाई थी। वहीं पुलिस को आश्रम के सेवादार शिवा उर्फ सवा से शिल्पी के बारे में जानकारी मिलने की उम्मीद है। शिवा तीन दिन की पुलिस रिमांड पर है। जानकारी मिलने के बाद जल्द ही पुलिस शिल्पी को पकड़ने के लिए दल गठित करेगी। हालांकि अभी तक पुलिस का पूरा ध्यान आसाराम की गिरफ्तारी और उनसे पूछताछ पर ही था। मामले में और सबूत इकट्ठे करने में शिल्पी मददगार साबित हो सकती है।
जेल में जारी आवभगत
जोधपुर जेल प्रशासन आसाराम की आवभगत में जुटा है तो वहीं वह भी कैदियों को "प्रवचन" सुना कर आरोपों पर सफाई दे रहे हैं। आसाराम को बाहर का खाना मुहैया कराया जा रहा है। इस बीच आसाराम द्वारा शिकायत करने पर उनकी मेडिकल जांच भी की गई।
वही इस मामले में अब तक फरार छिंदवाड़ा आश्रम वार्डन शिल्पी जोधपुर पुलिस की गिरफ्त से फरार है। मामले के खुलासे के बाद से ही शिल्पी भूमिगत हैं। पीडित नाबालिग लड़की को आसाराम तक पहुंचाने में शिल्पी ने अहम भूमिका निभाई थी। वहीं पुलिस को आश्रम के सेवादार शिवा उर्फ सवा से शिल्पी के बारे में जानकारी मिलने की उम्मीद है। शिवा तीन दिन की पुलिस रिमांड पर है। जानकारी मिलने के बाद जल्द ही पुलिस शिल्पी को पकड़ने के लिए दल गठित करेगी। हालांकि अभी तक पुलिस का पूरा ध्यान आसाराम की गिरफ्तारी और उनसे पूछताछ पर ही था। मामले में और सबूत इकट्ठे करने में शिल्पी मददगार साबित हो सकती है।
जेल में जारी आवभगत
जोधपुर जेल प्रशासन आसाराम की आवभगत में जुटा है तो वहीं वह भी कैदियों को "प्रवचन" सुना कर आरोपों पर सफाई दे रहे हैं। आसाराम को बाहर का खाना मुहैया कराया जा रहा है। इस बीच आसाराम द्वारा शिकायत करने पर उनकी मेडिकल जांच भी की गई।
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