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Monday, 16 September 2013

पंचकूला पेशी, पंगु हुआ प्रशासन

 ऊपरी अदालत की शरण लेंगे पीडि़त परिवार

 सिरसा। साध्वी यौन शोषण प्रकरण में डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह की सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष कल होने वाली व्यक्तिगत पेशी टाल दी गई है। सूत्रों के अनुसार पंचकूला प्रशासन की ओर से सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अदालत के समक्ष याचिका लगाई गई थी जिसमें डेरा प्रमुख की पेशी के दौरान कानून व्यवस्था को नियंत्रण में रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा प्रबंधों की आवश्यकता के चलते प्रशासन ने न्यायालय से पेशी को टालने की गुहार लगाई थी। अदालत ने प्रशासन की याचिका पर सुनवाई करते हुए डेरा प्रमुख की कल वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सिरसा से पेश होने के आदेश दिए हैं। ज्ञातव्य हो कि कल साध्वियों से बलात्कार के मामले में आरोपी डेरा प्रमुख के अदालत में बयान दर्ज किए जाने थे। इसी के चलते अदालत ने डेरा प्रमुख को व्यक्तिगत तौर पर पंचकूला पेश होने के आदेश दिए थे। कानून के जानकारों के अनुसार 313 के बयानों के लिए मुलजिम का अदालत में पेश होना जरूरी होता है। डेरा प्रमुख को व्यक्तिगत पेशी से छूट मिलने का सवाल ही पैदा नहीं होता क्योंकि 313 के बयानों पर मुलजिम के हस्ताक्षर भी करवाए जाते हैं। आज नहीं तो कल डेरा प्रमुख को पंचकूला अदालत में हाजिर होना ही पड़ेगा।
           वहीं दूसरी ओर पीडि़त परिवारों ने डेरा प्रमुख की पेशी को लेकर पंचकूला प्रशासन द्वारा लगाई गई याचिका पर सवालिया निशान खड़े किए हैं। पीडि़तों का कहना है कि डेरा प्रमुख को पेशी से इतर सत्संग या सफाई अभियान के लिए देश में कहीं भी जाने पर कोई खतरा नहीं होता और न ही इस दौरान कानून व्यवस्था ही बिगड़ती है। फिर पेशी के दौरान ही प्रशासन इस तरह के अड़ंगे क्यों डालता है? पीडि़तों ने प्रशासनिक गतिविधियों को संदिग्ध बताते हुए कहा कि प्रशासन और सरकार डेरा सच्चा सौदा से मिलीभगत कर न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं। पीडि़तों ने कहा कि वे इसके खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।

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