BREAKING NEWS

 

सच और झूठ के बीच कोई तीसरी चीज नहीं होती और मैं सच के साथ हूं : छत्रपति       www.poorasach.com      

Tuesday, 10 September 2013

दोष साबित, देश को इंतजार कल सुबह का

नई दिल्ली। पिछले साल 16 दिसंबरको गैंगरेप की शिकार दामिनी के गुनहगारों को अदालत ने दोषी करार दे दिया है। अब इंतजार है तो उनको सुनाई जाने वाली सजा का। दामिनी के माता-पिता,उसका दोस्त और पूरा देेश दरिंदों को फांसी की सजा सुनाने की मांग कर रहा है। 23 वर्षीय प्रशिक्षु फीजियोथेरेपिस्ट के साथ हुई बर्बरतापूर्ण घटना के सात महीने बाद न्यायालय का फैसला आया है।
मृत्यु से पूर्व दिया बयान बना आधार
        दिल्ली की साकेत कोर्ट के न्यायाधीश योगेश खन्ना ने मंगलवार को चार आरोपियों मुकेश,पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को 13 मामलों में दोषी करार दिया। इन्हें हत्या,हत्या के प्रयास,गैंररेप,अप्राकृतिक सेक्स, डकैती,अपहरण,सबूतों को नष्ट करने और साजिश रचने के आरोप में दोषी करार दिया। इन मामलों में उन्हें उम्र कैद से लेकर फांसी तक की सजा हो सकती है। फैसले में पीडिता के मृत्यु से पूर्व दिया गया बयान और फोरेंसिक एविडेंस महत्वपूर्ण आधार बने। बुधवार सुबह 11 बजे जिरह के बाद कोर्ट दोषियों की सजा पर फैसला सुनाएगी।
दोषी करार देते ही रो पड़ा दरिंदा
         कोर्ट ने जैसे ही चारों आरोपियों को दोषी करार देने का फैसला सुनाया तो पवन गुप्ता रोने लगा। जबकि विनय शर्मा हैरान था। मुकेश को यह कहते हुए सुना गया कि हमने जो किया है उसका परिणाम तो भुगतना होगा। अक्षय के चेहरे पर कोई भाव नहीं थे। दो आरोपियों ने कोर्ट में कहा कि वे उस बस में नहीं थे जिसमें लड़की से गैंगरेप हुआ था। फैसले के बाद मुकेश के माता-पिता रोते हुए अदालत से बाहर निकले। मुकेश की मां रोते हुए एक वकील के पैरों में गिर गई।
वकील ने बताया निर्दोष,फैसले को देंगे चुनौती
             बचाव पक्ष के वकील एपी सिंह ने कहा कि फैसला राजनीतिक दबाव में दिया गया है। उनके मुवक्किल निदोेüष हैं। आरोपियों को फेयर ट्रायल नहीं मिला। यह न्याय का मजाक है। फैसला लोगों को संतुष्ट करने के लिए दिया गया है। वे फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती देंगे। दोषी मुकेश के वकील वीके आनंद ने कहा कि उनके मुवक्किल को कड़ी सजा नहीं दी जानी चाहिए। हम कोर्ट से अपील करेंगे कि मुकेश हमेशा सही तरीके से कोर्ट में पेश हुआ और सहयोग किया,इसलिए कोर्ट को इस मामले में विचार करना चाहिए।
गृह मंत्री ने कहा,दोषियों को फांसी पक्की है
         अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि हमने रेप पर कठोर कानून बनाया। इस मामले में फांसी की सजा पक्की है। भविष्य में इस तरह के सभी मामलों में दोषियों को फांसी पर लटकाया जाएगा। भाजपा नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने कहा कि दोषियों को फांसी की सजा होनी चाहिए। भविष्य के लिए यह नजीर साबित होगा। अन्ना आंदोलन से जुड़ी और पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने टि्वट किया कि सभी दोषी करार दिए गए। इसमें कोई संदेह नहीं था। सबसे बड़ी बात है सजा की गंभीरता। न्याय की मांग है कि इस मामले को रेयर ऑफ रेयरेस्ट की तरह ट्रीट किया जाए। पूर्व गृह सचिव आरके सिंह ने कहा कि यह सबसे घृणित अपराध था,जिसने देश को हिलाकर रख दिया था। हम इस मामले में दोषियों को फांसी की सजा दिए जाने की उम्मीद करते हैं। स्पेशल कोर्ट गठित किए जाने के बावजूद फैसला आने में महीनों लग गए। जांच तेजी से होनी चाहिए।
सस्ते में छूट गया था नाबालिग
           इस मामले में आरोपी नाबालिग को किशोर न्याय बोर्ड ने 31 अगस्त को तीन वर्ष किशोर सुधार गृह में बिताने की सजा सुनाई थी। इस फैसले पर पीडिता के परिवार वालों ने नाराजगी जाहिर की थी और आरोपी को और सख्त सजा दिए जाने की मांग की थी।
            16 दिसंबर को चलती बस में गैंगरेप की घटना के 13 दिन बाद पीडिता की सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी। इस बर्बर घटना के बाद फैले व्यापक जनाक्रोश के कारण केंद्र सरकार को सख्त दुष्कर्म-रोधी कानून बनाना पड़ा। इस मामले में तीन जनवरी को आरोपपत्र दाखिल हुआ तथा पांच फरवरी को सुनवाई शुरू हुई। अभियोजन पक्ष ने 85 गवाह पेश किए जबकि बचाव पक्ष के 17 गवाहों के बयान लिए गए। पुलिस ने अपने आरोपपत्र में कहा था कि घटना में नाबालिग ने पीडिता के सबसे अधिक बर्बरतापूर्ण व्यवहार किया था। मामले में कुल पांच व्यक्ति आरोपित थे,लेकिन मुख्य आरोपी राम सिंह ने सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।
को गैंगरेप की शिकार दामिनी के गुनहगारों को अदालत ने दोषी करार दे दिया है। अब इंतजार है तो उनको सुनाई जाने वाली सजा का। दामिनी के माता-पिता,उसका दोस्त और पूरा देेश दरिंदों को फांसी की सजा सुनाने की मांग कर रहा है। 23 वर्षीय प्रशिक्षु फीजियोथेरेपिस्ट के साथ हुई बर्बरतापूर्ण घटना के सात महीने बाद न्यायालय का फैसला आया है।

No comments:

Post a Comment