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Sunday 8 September 2013

दंगे की आग में झुलस रहा मुज्जफरनगर,सेना बुलाई

मुज्जफरनगर। उत्तर प्रदेश के मुज्जफरनगर में सांप्रदायिक हिंसा में मरने वालों की संख्या 14 हो गई है। मारे गए लोगों में एक टीवी पत्रकार और फोटोग्राफर शामिल है। दंगे में 35 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं,जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मेरठ से बुलाए गए 1000 सैनिक 
          तीन थाना क्षेत्र में अनिश्चिकालीन कर्फ्यू लगाया गया है। हालात बिगड़ते देख सेना बुलाई गई है। मेरठ से बुलाए गए सेना के करीब 1000 जवान हिंसाग्रस्त इलाकों में फ्लैग मार्च कर रही है। शनिवार देर रात से रविवार सुबह तक 30 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस बीच गृह मंत्रालय ने दंगे को लेकर यूपी सरकार से रिपोर्ट मांगी है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि खुफिया सूचना के आधार पर यूपी सरकार को पहले से अलर्ट किया गया था बावजूद इसके दंगे कैसे हुए? सरकार ने एहतियाती कदम क्यों नहीं उठाए? 

नेताओं ने किया हिंसा भड़काने का काम
       मुज्जफरनगर शहर के सिविल लाइंस,कोतवाली और नई मंडी में बेमियादी कर्फ्यू लगाया गया है। मुज्जफरनगर के डीएम कौशलराज के मुताबिक हिंसा के पीछे कुछ नेताओं का हाथ है,जिन्होंने पंचायत के दौरान लोगों को भड़काने का काम किया। मामले में केस दर्ज कर लिया गया है। नेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई की बात कही जा रही है।
पीएससी और आरएएफ की कंपनियां भी तैनात
      साम्प्रदायिक हिंसा के बाद प्रदेश के सभी जिलों को अलर्ट रहने को कहा गया है। राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) अरूण कुमार ने लखनऊ में बताया कि हालत को काबू करने व शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पीएसी और आरएएफ की पांच-पांच अतिरिक्त कंपनियां मुजफ्फरनगर भेजी गई हैं। पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) राजकुमार विशवकर्मा और मेरठ जोन के पुलिस महानिरीक्षक बृजभूषण शर्मा मुजफ्फरनगर में ही कैम्प कर रहे हैं।
पत्रकार के परिजनों को 15 लाख का मुआवजा
         इस बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुजफ्फरनगर में हुई सांप्रदायिक हिंसा में न्यूज चैनल के पत्रकार राजेश वर्मा की मौत पर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि गड़बड़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अधिकारियों को दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मारे गए पत्रकार के परिजनों को 15 लाख व अन्य मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रूपए का मुआवजा देने की घोषणा की गई है। गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हजार और मामूली रूप से घायल हुए लोगों को 20-20 हजार रूपए का मुआवजा दिया जाएगा।
आगरा में भी हाई अलर्ट
          शनिवार शाम मुजफ्फरनगर के दंगे के बाद आगरा में भी पुलिस ने हाई अलर्ट लगा दिया है। 11 और 12 सितंबर को आगरा में होने वाली समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक और उसके बाद भाजपा की रैली के कारण जिला प्रशासन पर दबाव और बढ़ गया है। भाजपा की रैली को वरूण गांधी और लाल कृष्ण आडवाणी संबोधित करेंगे। आगरा प्रशासन ने त्यौहारों और अक्टूबर में प्रतियोगी परीक्षाओं के मद्देनजर शहर में लागू आईपीसी की धारा 144 की अवधि बढ़ा कर तीन नवंबर तक कर दी है।
अखिलेश से बेहतर थी माया की सरकार
              इस बीच कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने यूपी की अखिलेश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य सरकार दंगों को नियंत्रित करने में असफल रही है। सिंह ने ट्वीट किया कि इस कार्यकाल के दौरान सपा सरकार का ट्रैक रिकॉर्ड खराब रहा। वह साम्प्रदायिक ताकतों पर काबू पाने में असफल रही है। इससे अच्छी तो बसपा की सरकार थी। मैं मुज्जफरनगर और पश्चिम यूपी के सभी लोगों से अपील करता हूं कि साम्प्रदायिक ताकतों से लड़ने के लिए शांति और साम्प्रदायिक सद्भाव बनाए रखें।
टाइम लाइन

27 अगस्त: कवल गांव में लड़की से छेड़खानी की घटना के बाद शाहनवाज की हत्या। बदला लेने के लिए गौरव और सचिन नाम के दो युवकों का मर्डर
28 अगस्त: दाह संस्कार स्थल से लौट रही भीड़ ने आगजनी की
29 अगस्त:दोनों पक्षों के बीच पथराव हुआ,एक पूजा स्थल के पास महिला से छेड़खानी
30 अगस्त: शुक्रवार की नमाज के बाद शहीद चौक में मस्जिद के पास भीड़ एकत्रित हुई
31 अगस्त:नांगला मंदौड पंचायत में 40 हजार लोग एकत्रित हुए। खातिमा रोड़ पर भीड़ ने कार में जार रही दंपत्ति पर हमला किया,कार को आग के हवाले किया
1 सितंबर: शहीद चौक और नांगला मंदौड़ पंचायत में भाषण देने वालों के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की। मलिकपुरा में पीडित परिवार ने आत्मदाह की धमकी दी।
2 सितंबर:सांझक और तिटावी में पूजास्थलों की दीवारें गिराई गई। भाजपा ने मुज्जफरनगर बंद बुलाया
3 सितंबर:कंवल की घटना को लेकर फर्जी वीडियो बांटने वाले विधायक संगीत सोम के खिलाफ केस दर्ज,शामली गांव में हिंसा
4 सितंबर: मुज्जफरनगर में हिंसा फैली
5 सितंबर:पूरे मुज्जफरनगर में महाबंद बुलाया गया
6 सितंबर:नांगला मंदौड़ में भारतीय किसान संघ ने महापंचायत बुलाई, जेल के बाहर धरना
7 सितंबर: पंचायत में शामिल होने जा रहे लोगों पर हमला, मुज्जफरनगर में दो पक्षों में फायरिंग, पथराव और आगजनी। 11 लोगों की मौत, तीन थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया। हालात नियंत्रण में लेने के लिए सेना बुलाई।

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