सिरसा। राष्ट्रीय राजमार्ग 9 स्थित गांव खैरेकां के निकट घग्घर पर अनियंत्रित बाईक पुल से टकराई। हादसे में एक युवक की घटनास्थल पर मौत हो गई जबकि तीन गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना मिलने पर एंबूलंैस मौके पर पहुंची और घायलों को सामान्य अस्पताल पहुंचाया। तीनों युवकों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें रैफर कर दिया।
जानकारी के अनुसार बनसुधार निवासी सुरेन्द्र पुत्र रतिराम अपने तीन अन्य मित्रों बृजलाल, रोहताश पुत्र चमका राम, सुरेन्द्र पुत्र मंगतू राम एक ही बाईक पर गांव से सिरसा आ रहे थे। जैसे ही वे घग्घर पर पहुंचे तो बाईक अनिंयत्रित होकर पुल की दीवार से जा टकराई। गंभीर चोट के कारण सुरेन्द्र पुत्र रतिराम की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए।
जानकारी के अनुसार बनसुधार निवासी सुरेन्द्र पुत्र रतिराम अपने तीन अन्य मित्रों बृजलाल, रोहताश पुत्र चमका राम, सुरेन्द्र पुत्र मंगतू राम एक ही बाईक पर गांव से सिरसा आ रहे थे। जैसे ही वे घग्घर पर पहुंचे तो बाईक अनिंयत्रित होकर पुल की दीवार से जा टकराई। गंभीर चोट के कारण सुरेन्द्र पुत्र रतिराम की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए।
गर्त में पहुंचा देश : अभय
शहीदी दिवस पर नारनौल में हुई रैली
नारनौल। इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि पिछले 9 सालों में कांग्रेस ने देश और प्रदेश को भ्रष्टïाचार व घोटालों की गर्त में पहुंचा दिया है। उससे उबारने के लिए कांग्रेस सरकार को देश और प्रदेश की सत्ता से बाहर करना जरूरी हो गया है। चौटाला आज यहां हुड्डा ग्राउंड में आयोजित शहीदी दिवस रैली को संबोधित कर रहे थे। इससे पूर्व पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा, अभय सिंह चौटाला सहित अन्य इनेलो नेताओं ने राव तुुलाराम की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर पूर्व विधायक एवं कांग्रेसी नेता रणबीर मंदौला ने अपने समर्थकों सहित कांग्रेस छोड़ इनेलो में शामिल होने की घोषणा की।
रैली में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए अभय सिंह चौटाला ने कहा कि इनेलो ने हमेशा शहीदों और देशभक्तों का सम्मान किया है। चौधरी देवीलाल ने अमर शहीद राव तुलाराम की शहादत को देश की जनता के समक्ष रखते हुए उनके जन्मदिवस को राजपत्रित अवकाश घोषित किया था। अहीरवाल की जनता आजादी से लेकर आज तक देश की एकता और अखंडता के लिए कुर्बानी देने में सबसे आगे रही है। शहीदों को कांग्रेस ने कभी सम्मान नहीं दिया। राव तुलाराम की शहादत को याद करते हुए इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि अंग्रेज सरकार को भारत से बाहर करने के लिए उन्होंने जो कुर्बानी दी है, वह आज भी जिन्दा है। अब वक्त आ गया है कि देश और प्रदेश से कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए हमें राव तुलाराम के पद चिन्हों पर चलना चाहिए। इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार अरोड़ा ने कहा कि कांग्रेस सरकार भ्रष्टïाचार में आकंठ डूबी हुई है। कांग्रेस के तीन मंत्री व विधायक तो भ्रष्टïाचार एवं दुराचार में जेल जा चुके हैं। वहीं एक विधायक पर हत्या जैसा संगीन आरोप हैं। निष्पक्ष जांच की जाए तो हुड्डा सरकार के आधा दर्जन से अधिक नेताओं का हवालात जाना तय है। प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। लोगों पर आए दिन झूठे मुकदमे दर्ज कर जेलों में डाला जा रहा है। जबकि भ्रष्टïाचार व दुराचार में व्याप्त कांग्रेसी नेताओं को सरकार बचाने का काम कर रही है।
रैली में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए अभय सिंह चौटाला ने कहा कि इनेलो ने हमेशा शहीदों और देशभक्तों का सम्मान किया है। चौधरी देवीलाल ने अमर शहीद राव तुलाराम की शहादत को देश की जनता के समक्ष रखते हुए उनके जन्मदिवस को राजपत्रित अवकाश घोषित किया था। अहीरवाल की जनता आजादी से लेकर आज तक देश की एकता और अखंडता के लिए कुर्बानी देने में सबसे आगे रही है। शहीदों को कांग्रेस ने कभी सम्मान नहीं दिया। राव तुलाराम की शहादत को याद करते हुए इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा कि अंग्रेज सरकार को भारत से बाहर करने के लिए उन्होंने जो कुर्बानी दी है, वह आज भी जिन्दा है। अब वक्त आ गया है कि देश और प्रदेश से कांग्रेस सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए हमें राव तुलाराम के पद चिन्हों पर चलना चाहिए। इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष अशोक कुमार अरोड़ा ने कहा कि कांग्रेस सरकार भ्रष्टïाचार में आकंठ डूबी हुई है। कांग्रेस के तीन मंत्री व विधायक तो भ्रष्टïाचार एवं दुराचार में जेल जा चुके हैं। वहीं एक विधायक पर हत्या जैसा संगीन आरोप हैं। निष्पक्ष जांच की जाए तो हुड्डा सरकार के आधा दर्जन से अधिक नेताओं का हवालात जाना तय है। प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है। लोगों पर आए दिन झूठे मुकदमे दर्ज कर जेलों में डाला जा रहा है। जबकि भ्रष्टïाचार व दुराचार में व्याप्त कांग्रेसी नेताओं को सरकार बचाने का काम कर रही है।
जरूरी सेवाओं के लिए आधार कार्य नहीं अनिवार्य : एससी
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज यह व्यवस्था दी कि नागरिकों को आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है। न्यायमूर्ति बी एस चौहान और न्यायमूर्ति एस ए बोब्डे की खंडपीठ ने कहा, केंद्र और राज्य सरकारें नागरिकों को आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराने से पहले आधार कार्ड प्रस्तुत करने के लिए जोर नहीं दे सकतीं।
केंद्र और विभिन्न राज्य सरकारों ने विवाह पंजीकरण, वेतन भुगतान और भविष्य निधि जैसी विभिन्न सार्वजनिक सेवाओं के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य करने पर जोर दिया था, लेकिन कोर्ट ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को अवैध रूप से प्रवास कर रहे लोगों को आधार कार्ड जारी नहीं करने का भी निर्देश दिया। कोर्ट ने केंद्र सरकार की इस दलील को सिरे से खारिज कर दिया कि आधार कार्ड परियोजना पर 50 हजार करोड़ रूपए खर्च किए जा चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए आधार कार्ड प्रस्तुत करना जरूरी नहीं है। खंडपीठ ने यह व्यवस्था कर्नाटक उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के एस पुत्तास्वामी की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दी। याचिकाकर्ता ने इस योजना के क्रियान्वयन पर रोक लगाने की भी मांग की थी। न्यायमूर्ति पुत्तास्वामी ने आधार कार्ड योजना की वैधता को भी चुनौती दी है। याचिकाकर्ता की दलील थी कि सरकार इस परियोजना को ऐच्छिक परियोजना करार दे रही है, लेकिन वास्तविकता में ऐसा नहीं है। आधार कार्ड को विवाह पंजीकरण आदि के लिए अनिवार्य किया जा रहा है, जो उचित नहीं है। केंद्र सरकार ने अपने जवाबी हलफनामे में यह स्वीकार किया था कि आधार कार्ड परियोजना को ऐच्छिक परियोजना करार दिया गया था।
केंद्र और विभिन्न राज्य सरकारों ने विवाह पंजीकरण, वेतन भुगतान और भविष्य निधि जैसी विभिन्न सार्वजनिक सेवाओं के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य करने पर जोर दिया था, लेकिन कोर्ट ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को अवैध रूप से प्रवास कर रहे लोगों को आधार कार्ड जारी नहीं करने का भी निर्देश दिया। कोर्ट ने केंद्र सरकार की इस दलील को सिरे से खारिज कर दिया कि आधार कार्ड परियोजना पर 50 हजार करोड़ रूपए खर्च किए जा चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महत्वपूर्ण सेवाओं के लिए आधार कार्ड प्रस्तुत करना जरूरी नहीं है। खंडपीठ ने यह व्यवस्था कर्नाटक उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के एस पुत्तास्वामी की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान दी। याचिकाकर्ता ने इस योजना के क्रियान्वयन पर रोक लगाने की भी मांग की थी। न्यायमूर्ति पुत्तास्वामी ने आधार कार्ड योजना की वैधता को भी चुनौती दी है। याचिकाकर्ता की दलील थी कि सरकार इस परियोजना को ऐच्छिक परियोजना करार दे रही है, लेकिन वास्तविकता में ऐसा नहीं है। आधार कार्ड को विवाह पंजीकरण आदि के लिए अनिवार्य किया जा रहा है, जो उचित नहीं है। केंद्र सरकार ने अपने जवाबी हलफनामे में यह स्वीकार किया था कि आधार कार्ड परियोजना को ऐच्छिक परियोजना करार दिया गया था।
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