नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को आदेश देकर अब मतदाताओं को राइट टु रिजेक्ट का अधिकार देने की बात कही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब ईवीएम मशीन में एक बटन होगा जो कि उन उम्मीदवारों को रिजेक्ट करने के लिए होगा, जिसे मतदाता मतदान के लिए योग्य नहीं मानती। सूत्रों की माने तो चुनाव आयोग इस फैसले को जल्द ही पांच राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में लागू कर सकता है।
मुख्य न्यायाधीश पी.सदाशिवम, न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई और न्यायाधीश रंजन गोगोई की खंडपीठ ने गैर सरकारी संगठन पीपुल्स यूनियन फोर सिविल लिबरटीज (पीयूसीएल) एवं अन्य की ओर से दायर याचिकाओं का निपटारा करते हुए यह आदेश दिया। एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि मतदान के दौरान ईवीएम मशीन में एक सभी उम्मीदवारों को रिजेक्ट करने का भी बटन होना चाहिए। देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि इस कदम से चुनावों में प्रणालीगत बदलाव आएगा। इससे राजनीतिक पार्टियां अच्छी छवि वाले उम्मीदवार चुनाव के मैदान में उतारने पर बल देंगी।
मुख्य न्यायाधीश पी.सदाशिवम, न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई और न्यायाधीश रंजन गोगोई की खंडपीठ ने गैर सरकारी संगठन पीपुल्स यूनियन फोर सिविल लिबरटीज (पीयूसीएल) एवं अन्य की ओर से दायर याचिकाओं का निपटारा करते हुए यह आदेश दिया। एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की थी कि मतदान के दौरान ईवीएम मशीन में एक सभी उम्मीदवारों को रिजेक्ट करने का भी बटन होना चाहिए। देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि इस कदम से चुनावों में प्रणालीगत बदलाव आएगा। इससे राजनीतिक पार्टियां अच्छी छवि वाले उम्मीदवार चुनाव के मैदान में उतारने पर बल देंगी।
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