सिरसा। किसानों को फसलों की उचित कीमत न मिलने के विरोध स्वरूप आज किसान बचाओ मोर्चा के तत्वावधान में किसानों ने लघु सचिवालय में समक्ष प्रदर्शन किया। तदोपरांत किसानों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा।
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे पूर्व सरपंच त्रिलोक सिंह ने कहा कि किसानों की फसलों को कोडिय़ों के भाव खरीदा जा रहा है। यही फसल मार्किट में आने के पश्चात मुंह मांगी राशि वसूली जा रही है। ऐसे में किसानों के साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने कहा कि जब से केन्द्र व प्रदेश में कांग्रेस में बागडोर संभाली है पैट्रो तथा अन्य पदार्थों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। किसानों को बीज व खाद जैसी वस्तुएं खरीदने के लिए कतार में लगना पड़ रहा है। उधर सरकार ने डीएपी में सब्सिडी की कमी कर किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है। वर्ष 2010 में जिन वस्तुओं की कीमत 100 रुपये थी वह बढ़कर दोगुना हो चुकी है। उन्होंने कहा कि खेत से खरीदी गई वस्तुएं बिचौलियों के माध्यम से दुकान तक पहुंचते-पहुंचते 100 गुणा बढ़ जाती है। किसानों के साथ-साथ आम जन को भी आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। किसान कर्ज तले दबता रहा है। सरकार अन्नदाता की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही। पूर्व सरपंच अंगे्रज सिंह ने कहा कि कुछ ऐसे सवाल हैं जो किसानों के लिए अनसुलझी पहेली बन गए हैं। सरकार को चाहिए कि वे किसानों की समस्याओं का हल कर उन्हें निजात दिलवाए। करीब 200 की संख्या में पहुंचे किसानों ने एक स्वर में कहा कि यदि सरकार ने समय रहते किसानों की समस्याओं को नहीं समझा तो मजबूरन उन्हें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा। इस अवसर पर प्रदीप कम्बोज, सतपाल सिंह, अधिवक्ता लेखराज ढोट, गोपी राम, राजन पटेल सहित अनेक किसाान मौजूद थे।
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे पूर्व सरपंच त्रिलोक सिंह ने कहा कि किसानों की फसलों को कोडिय़ों के भाव खरीदा जा रहा है। यही फसल मार्किट में आने के पश्चात मुंह मांगी राशि वसूली जा रही है। ऐसे में किसानों के साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने कहा कि जब से केन्द्र व प्रदेश में कांग्रेस में बागडोर संभाली है पैट्रो तथा अन्य पदार्थों की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। किसानों को बीज व खाद जैसी वस्तुएं खरीदने के लिए कतार में लगना पड़ रहा है। उधर सरकार ने डीएपी में सब्सिडी की कमी कर किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है। वर्ष 2010 में जिन वस्तुओं की कीमत 100 रुपये थी वह बढ़कर दोगुना हो चुकी है। उन्होंने कहा कि खेत से खरीदी गई वस्तुएं बिचौलियों के माध्यम से दुकान तक पहुंचते-पहुंचते 100 गुणा बढ़ जाती है। किसानों के साथ-साथ आम जन को भी आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। किसान कर्ज तले दबता रहा है। सरकार अन्नदाता की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही। पूर्व सरपंच अंगे्रज सिंह ने कहा कि कुछ ऐसे सवाल हैं जो किसानों के लिए अनसुलझी पहेली बन गए हैं। सरकार को चाहिए कि वे किसानों की समस्याओं का हल कर उन्हें निजात दिलवाए। करीब 200 की संख्या में पहुंचे किसानों ने एक स्वर में कहा कि यदि सरकार ने समय रहते किसानों की समस्याओं को नहीं समझा तो मजबूरन उन्हें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा। इस अवसर पर प्रदीप कम्बोज, सतपाल सिंह, अधिवक्ता लेखराज ढोट, गोपी राम, राजन पटेल सहित अनेक किसाान मौजूद थे।
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