सिरसा। साहित्य एवं सामाजिक सरोकारों को समर्पित संस्था संवाद द्वारा गत रात्रि अमर शहीद पत्रकार रामचन्द्र छत्रपति के शहीदी दिवस पर नेहरू पार्क में नाटक संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय नाटककार अजमेर सिंह औलख के निर्देशन में लोक कला मानसा द्वारा नाटक का मंचन किया गया। अवेसले युद्धां की नायिका व आपणा-आपणा हिस्सा नाटक प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम का शुभारंभ ओढां स्कूल के छात्रों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करके किया गया। तरन्नुम भारती ने कुझ केहा तां हनेरा जरेगा किवें, चुप रेहा तां क्षमादान की कहणगे, गीत दी मौत इस रात जे हो गई, मेरा जीवन मेरे यार किंज सहणगे मुखड़े पर आधारित गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के मुख्यअतिथि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अश्वनी बख्शी ने कहा कि पत्रकार छत्रपति ने सच की खातिर अपना बलिदान दिया लेकिन उन्होंने कलम के सिपाहियों को एक प्रेरणा भी दी। उन्होंने कहा कि छत्रपति की याद में ऐसे कार्यक्रम होते रहने चाहिएं। इन्हीं कार्यक्रमों की बदौलत शहीदों की यादगार बनी रहेगी। इस अवसर पर मा. कुलदीप, अबोहर से चिंतक एवं साहित्यकार मक्खन लाल, अध्यापक मुख्तयार सिंह, मक्खन लाल गोयल, दर्शन मेहता, संस्था के अध्यक्ष हरभगवान चावला, वरिष्ठ उपाध्यक्ष परमानन्द शाी, सचिव वीरेन्द्र भाटिया, का. स्वर्ण सिंह विर्क, अवतार ङ्क्षसह, डा. हरविन्द्र सिंह, आरके शर्मा साहिल, गुरबख्श मोंगा, अंशुल छत्रपति, बलबीर कौर गांधी, उर्मिल मोंगा, राजेन्द्र अहलावत, जेपी पांडे, भारत भूषण, माया देवी, डा. रामजी जयमल, पुरुषोत्तम शाी, फूल सिंह लोहानी, मा. बूटा सिंह, चिरंजी लाल, भूपेन्द्र पन्नीवालिया, सुतंतर भारती, लेखराज ढोट एडवोकेट, टोनी सागू, रोशन सुचान आदि उपस्थितथे।BREAKING NEWS
Monday, 21 November 2011
कुझ किहा तां हनेरा जरेगा किवें...
सिरसा। साहित्य एवं सामाजिक सरोकारों को समर्पित संस्था संवाद द्वारा गत रात्रि अमर शहीद पत्रकार रामचन्द्र छत्रपति के शहीदी दिवस पर नेहरू पार्क में नाटक संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय नाटककार अजमेर सिंह औलख के निर्देशन में लोक कला मानसा द्वारा नाटक का मंचन किया गया। अवेसले युद्धां की नायिका व आपणा-आपणा हिस्सा नाटक प्रस्तुत किए गए। कार्यक्रम का शुभारंभ ओढां स्कूल के छात्रों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करके किया गया। तरन्नुम भारती ने कुझ केहा तां हनेरा जरेगा किवें, चुप रेहा तां क्षमादान की कहणगे, गीत दी मौत इस रात जे हो गई, मेरा जीवन मेरे यार किंज सहणगे मुखड़े पर आधारित गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के मुख्यअतिथि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के अधिवक्ता अश्वनी बख्शी ने कहा कि पत्रकार छत्रपति ने सच की खातिर अपना बलिदान दिया लेकिन उन्होंने कलम के सिपाहियों को एक प्रेरणा भी दी। उन्होंने कहा कि छत्रपति की याद में ऐसे कार्यक्रम होते रहने चाहिएं। इन्हीं कार्यक्रमों की बदौलत शहीदों की यादगार बनी रहेगी। इस अवसर पर मा. कुलदीप, अबोहर से चिंतक एवं साहित्यकार मक्खन लाल, अध्यापक मुख्तयार सिंह, मक्खन लाल गोयल, दर्शन मेहता, संस्था के अध्यक्ष हरभगवान चावला, वरिष्ठ उपाध्यक्ष परमानन्द शाी, सचिव वीरेन्द्र भाटिया, का. स्वर्ण सिंह विर्क, अवतार ङ्क्षसह, डा. हरविन्द्र सिंह, आरके शर्मा साहिल, गुरबख्श मोंगा, अंशुल छत्रपति, बलबीर कौर गांधी, उर्मिल मोंगा, राजेन्द्र अहलावत, जेपी पांडे, भारत भूषण, माया देवी, डा. रामजी जयमल, पुरुषोत्तम शाी, फूल सिंह लोहानी, मा. बूटा सिंह, चिरंजी लाल, भूपेन्द्र पन्नीवालिया, सुतंतर भारती, लेखराज ढोट एडवोकेट, टोनी सागू, रोशन सुचान आदि उपस्थितथे।
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