सिरसा। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने सड़क बनाने वाले ठेकेदार सहित पीडब्ल्यूडी विभाग के दो कर्मचारियों को राशि में गबन करने व षड्यंत्र रचने के मामले में पांच-पांच वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। दोषियों को 50-50 हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थदंड की अदायगी न करने पर उन्हें छह-छह माह अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
मामले के अनुसार पीडब्ल्यूडी बी. एंड आर. विभाग द्वारा संजय पुत्र राधेश्याम निवासी गोबिंद नगर को चौटाला रोड बनाने का ठेका दिया था। तय सीमा के अनुसार विभाग ने करीब 20 लाख रुपए के हिसाब से ठेकेदार को सड़क बनाने के लिए कहा था। विभाग के ही एसडीई सूरत सिंह पुत्र प्रभु राम निवासी हिसार तथा जेई पुरुषोत्तम पुत्र शेरचंद निवासी शाहपुर बेगू ने ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से 7 लाख 67 हजार 469 हजार रुपए की राशि अधिक दे दी। विभाग के एक्स.ई.एन. सज्जन सिंह की शिकायत पर 21 जुलाई 2007 को पुलिस ने उक्त तीनों के विरुद्ध 13(1), 13(2), 218 तथा 120 बी के तहत मामला दर्ज कर चालान न्यायालय में पेश किया। आज अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डा. नीलिमा सांगला ने उक्त तीनों को दोषी करार देते हुए पांच-पांच वर्ष कारावास की सजा सुनाई। दोषियों को 50-50 हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया गया है।
मामले के अनुसार पीडब्ल्यूडी बी. एंड आर. विभाग द्वारा संजय पुत्र राधेश्याम निवासी गोबिंद नगर को चौटाला रोड बनाने का ठेका दिया था। तय सीमा के अनुसार विभाग ने करीब 20 लाख रुपए के हिसाब से ठेकेदार को सड़क बनाने के लिए कहा था। विभाग के ही एसडीई सूरत सिंह पुत्र प्रभु राम निवासी हिसार तथा जेई पुरुषोत्तम पुत्र शेरचंद निवासी शाहपुर बेगू ने ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से 7 लाख 67 हजार 469 हजार रुपए की राशि अधिक दे दी। विभाग के एक्स.ई.एन. सज्जन सिंह की शिकायत पर 21 जुलाई 2007 को पुलिस ने उक्त तीनों के विरुद्ध 13(1), 13(2), 218 तथा 120 बी के तहत मामला दर्ज कर चालान न्यायालय में पेश किया। आज अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डा. नीलिमा सांगला ने उक्त तीनों को दोषी करार देते हुए पांच-पांच वर्ष कारावास की सजा सुनाई। दोषियों को 50-50 हजार रुपए अर्थदंड भी लगाया गया है।
No comments:
Post a Comment