अधिवक्ता ने बताया जान का खतरा, रेकी करते डेरा प्रेमी पकड़े
सिरसा। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह की पुत्री प्रियंका उर्फ हनीप्रीत आज अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डा. नीलिमा सांगला की अदालत में पेश हुई। हनीप्रीत का पति विश्वास गुप्ता अदालत में पेश नहीं हुआ। गुप्ता परिवार की ओर से उनके वकील महेंद्र जोशी अदालत के समक्ष पेश हुए। अधिवक्ता ने गुप्ता परिवार की सुरक्षा को खतरे का हवाला देते हुए पेशी की तारीख बढ़ाने की मांग की। इस पर अदालत ने 15 दिसम्बर तक गुप्ता परिवार को गिरफ्तारी से छूट देते हुए आगामी 13 दिसम्बर को दोनों पक्षों को पुन: पेश होने के आदेश जारी किए। ज्ञातव्य हो कि डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह की पुत्री प्रियंका उर्फ हनीप्रीत ने अपने पति विश्वास गुप्ता, ससुर महेन्द्र पाल गुप्ता व सास अर्मिला गुप्ता पर दहेज प्रताडऩा, मारपीट व जान से मारने की धमकी देने के आरोप लगाए हैं। प्रियंका के बयानों के आधार पर सदर थाना पुलिस ने विगत 13 अक्तूबर को विभिन्न धाराओं के तहत अभियोग दर्ज किया। पुलिस गुप्ता परिवार की गिरफ्तारी में जुटी थी। इसी बीच गुप्ता परिवार ने गिरफ्तारी से बचने के लिए न्यायालय की शरण ली। विगत दिनों डा. नीलिमा सांगला की अदालत ने सदर थाना पुलिस को गुप्ता परिवार की गिरफ्तारी नहीं करने के आदेश दिए और वादी व प्रतिवादी पक्ष को व्यक्तिगत तौर पर 19 नवंबर के लिए न्यायालय के समक्ष हाजिर होने को कहा गया था। उल्लेखनीय है कि डेरा प्रमुख के दामाद विश्वास गुप्ता ने गुरमीत सिंह पर अपनी पुत्री हनीप्रीत के साथ अवैध संबंध होने का खुलासा किया था। इसके बाद हनीप्रीत ने गुप्ता परिवार पर दहेज प्रताडऩा का मामला दर्ज करवाया था।
आज डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह की पुत्री हनीप्रीत ने अदालत में हाजिरी लगाई। विश्वास गुप्ता के वकील महेंद्र जोशी ने कोर्ट को गुप्ता के पेश नहीं होने की वजह बताई और गिरफ्तारी पर रोक की अवधि बढ़ाने की मांग की। अधिवक्ता ने बताया कि हाईकोर्ट ने सिरसा पुलिस को ही विश्वास गुप्ता की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है लेकिन पंचकूला से लेकर सिरसा तक का रास्ता काफी लंबा है। इस बीच विश्वास गुप्ता की सुरक्षा का कोई प्रबंध नहीं है। विश्वास गुप्ता की जान को खतरा है। इस कारण वे कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सके। एडीजे नीलिमा शांगला ने विश्वास गुप्ता के वकील की दलील मानते हुए 15 दिसंबर तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है और विश्वास गुप्ता को 13 दिसंबर को पेश होने को कहा है। पेशी के चलते सिरसा पुलिस की तरफ से अदालत परिसर में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे।
रेकी करते पकड़े गए डेरा प्रेमी
विश्वास गुप्ता की पेशी के साथ-साथ डेरा मुखी गुरमीत सिंह के खिलाफ दिल्ली की कड़कडड़ूमा कोर्ट में इस्तगासा दायर करने वाले व फकीर चंद केस में सीबीआई कोर्ट में गवाही देने वाले लाभ सिंह गिल भी कोर्ट में किसी कार्य से आए हुए थे। इसी बीच कोर्ट परिसर की पार्किग के निकट कुछ संदिग्ध युवक उनकी रेकी करते हुए दिखाई दिए। सफेद ज़ेन एस्टिलो व लाल रंग की स्विफ्ट कार में सवार कुल चार लोगों को संदिग्ध पाया गया। लाभ सिंह के गनमैन ने ज़ेन एस्टिलो में सवार दो युवकों को धर-दबोचा जबकि उनमें से एक फरार होने में कामयाब हो गया। वहीं स्विफ्ट कार सवार एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
आरोपी माने, पुलिस मुकरी
पुलिस की हिरासत में लिए गए युवकों ने स्वयं को डेरा प्रेमी बताया। उनकी गाड़ी के पीछे डेरे का नारा भी लिखा हुआ था। पूछताछ के लिए हुडा पुलिस चौकी लाया गया। युवकों ने अपनी पहचान लखबीर पुत्र कर्मसिंह निवासी बठिंडा, साहिल पुत्र राजकुमार व मोहित पुत्र नंदलाल निवासी बेगू रोड के रूप में बताई। उल्लेखनीय है कि पकड़े जाने के बाद मोहित व साहिल ने स्पष्ट किया था कि वे डेरा प्रेमी हैं। उनके गले में डेरा का लॉकेट भी था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लखबीर बठिंडा से ही विश्वास गुप्ता के वकील की गाड़ी का पीछा करते हुए सिरसा कोर्ट परिसर पहुंचा था। लखबीर ने अपनी हथेली पर एक गाड़ी का नंबर भी दिखाया जिसकी रेकी के लिए उसे आदेश मिले थे। यही नहीं उसके फोन में डेरा के लोगों से बातचीत का रिकॉर्ड भी मिला।
हैरानीजनक बात यह है कि सिरसा पुलिस इस मामले में न जाने किस दबाव के चलते तीनों आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है। डीएसपी पूर्ण चंद पंवार ने बताया कि प्राथमिक जांच में पता चला है कि ज़ेन एस्टिलो कार में सवार तीनों युवक वहां कार ड्राइविंग सीखने आए थे। यहां गौर करने वाली बात है कि यदि तीनों वहां ड्राइविंग सीखने आए थे तो लाभ सिंह के गनमैन द्वारा रोके जाने पर एक युवक फरार क्यों हुआ? उधर बठिंडा से रेकी करते आ रहे लखबीर के मामले में भी पुलिस द्वारा लीपा-पोती का प्रयास दिखाई दे रहा है। डीएसपी का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पूछताछ की जा रही है। गहन जांच के बाद ही पूरी तस्वीर साफ हो पाएगी। इस मामले में लाभ सिंह ने हुडा चौकी में लिखित शिकायत दर्ज करवाई है।
पहले भी रेकी करता रहा है डेरा
डेरा सच्चा सौदा अपने झूठ की बखिया उधेडऩे वालों पर हमेशा से ही कड़ी नजर रखता रहा है। इससे पूर्व डेरा प्रमुख के खिलाफ चल रहे विभिन्न मामलों में गवाहों की रेकी करते डेरा के लोग पकड़े गए हैं। कुछ समय पूर्व ही पत्रकार अंशुल छत्रपति की रेकी करते डेरा के लोग पकड़े गए। इसके बाद पंचकूला में भी विश्वास गुप्ता की रेकी करते डेरा के लोग पकड़े गए। यही नहीं शाह सतनाम के दोहते लाभ सिंह सिंह को भी जहरीला पदार्थ पिलाकर जान से मारने की कोशिश डेरा के लोगों द्वारा की गई थी। खास बात यह है कि पुलिस ने किसी भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया है।
विश्वास गुप्ता की जान को खतरा
विश्वास गुप्ता के वकील ने रेकी की इस घटना के बाद कहा है कि इस घटना से यह साबित होता है कि विश्वास गुप्ता की जान को डेरा के लोगों से खतरा है। इस संबंध में वे हाईकोर्ट को बताएंगे। गौरतलब है कि विश्वास गुप्ता की सुरक्षा को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर है और इस पर अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी।
सिरसा। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह की पुत्री प्रियंका उर्फ हनीप्रीत आज अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डा. नीलिमा सांगला की अदालत में पेश हुई। हनीप्रीत का पति विश्वास गुप्ता अदालत में पेश नहीं हुआ। गुप्ता परिवार की ओर से उनके वकील महेंद्र जोशी अदालत के समक्ष पेश हुए। अधिवक्ता ने गुप्ता परिवार की सुरक्षा को खतरे का हवाला देते हुए पेशी की तारीख बढ़ाने की मांग की। इस पर अदालत ने 15 दिसम्बर तक गुप्ता परिवार को गिरफ्तारी से छूट देते हुए आगामी 13 दिसम्बर को दोनों पक्षों को पुन: पेश होने के आदेश जारी किए। ज्ञातव्य हो कि डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह की पुत्री प्रियंका उर्फ हनीप्रीत ने अपने पति विश्वास गुप्ता, ससुर महेन्द्र पाल गुप्ता व सास अर्मिला गुप्ता पर दहेज प्रताडऩा, मारपीट व जान से मारने की धमकी देने के आरोप लगाए हैं। प्रियंका के बयानों के आधार पर सदर थाना पुलिस ने विगत 13 अक्तूबर को विभिन्न धाराओं के तहत अभियोग दर्ज किया। पुलिस गुप्ता परिवार की गिरफ्तारी में जुटी थी। इसी बीच गुप्ता परिवार ने गिरफ्तारी से बचने के लिए न्यायालय की शरण ली। विगत दिनों डा. नीलिमा सांगला की अदालत ने सदर थाना पुलिस को गुप्ता परिवार की गिरफ्तारी नहीं करने के आदेश दिए और वादी व प्रतिवादी पक्ष को व्यक्तिगत तौर पर 19 नवंबर के लिए न्यायालय के समक्ष हाजिर होने को कहा गया था। उल्लेखनीय है कि डेरा प्रमुख के दामाद विश्वास गुप्ता ने गुरमीत सिंह पर अपनी पुत्री हनीप्रीत के साथ अवैध संबंध होने का खुलासा किया था। इसके बाद हनीप्रीत ने गुप्ता परिवार पर दहेज प्रताडऩा का मामला दर्ज करवाया था।
आज डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह की पुत्री हनीप्रीत ने अदालत में हाजिरी लगाई। विश्वास गुप्ता के वकील महेंद्र जोशी ने कोर्ट को गुप्ता के पेश नहीं होने की वजह बताई और गिरफ्तारी पर रोक की अवधि बढ़ाने की मांग की। अधिवक्ता ने बताया कि हाईकोर्ट ने सिरसा पुलिस को ही विश्वास गुप्ता की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है लेकिन पंचकूला से लेकर सिरसा तक का रास्ता काफी लंबा है। इस बीच विश्वास गुप्ता की सुरक्षा का कोई प्रबंध नहीं है। विश्वास गुप्ता की जान को खतरा है। इस कारण वे कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सके। एडीजे नीलिमा शांगला ने विश्वास गुप्ता के वकील की दलील मानते हुए 15 दिसंबर तक गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है और विश्वास गुप्ता को 13 दिसंबर को पेश होने को कहा है। पेशी के चलते सिरसा पुलिस की तरफ से अदालत परिसर में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे।
रेकी करते पकड़े गए डेरा प्रेमी
विश्वास गुप्ता की पेशी के साथ-साथ डेरा मुखी गुरमीत सिंह के खिलाफ दिल्ली की कड़कडड़ूमा कोर्ट में इस्तगासा दायर करने वाले व फकीर चंद केस में सीबीआई कोर्ट में गवाही देने वाले लाभ सिंह गिल भी कोर्ट में किसी कार्य से आए हुए थे। इसी बीच कोर्ट परिसर की पार्किग के निकट कुछ संदिग्ध युवक उनकी रेकी करते हुए दिखाई दिए। सफेद ज़ेन एस्टिलो व लाल रंग की स्विफ्ट कार में सवार कुल चार लोगों को संदिग्ध पाया गया। लाभ सिंह के गनमैन ने ज़ेन एस्टिलो में सवार दो युवकों को धर-दबोचा जबकि उनमें से एक फरार होने में कामयाब हो गया। वहीं स्विफ्ट कार सवार एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
आरोपी माने, पुलिस मुकरी
पुलिस की हिरासत में लिए गए युवकों ने स्वयं को डेरा प्रेमी बताया। उनकी गाड़ी के पीछे डेरे का नारा भी लिखा हुआ था। पूछताछ के लिए हुडा पुलिस चौकी लाया गया। युवकों ने अपनी पहचान लखबीर पुत्र कर्मसिंह निवासी बठिंडा, साहिल पुत्र राजकुमार व मोहित पुत्र नंदलाल निवासी बेगू रोड के रूप में बताई। उल्लेखनीय है कि पकड़े जाने के बाद मोहित व साहिल ने स्पष्ट किया था कि वे डेरा प्रेमी हैं। उनके गले में डेरा का लॉकेट भी था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लखबीर बठिंडा से ही विश्वास गुप्ता के वकील की गाड़ी का पीछा करते हुए सिरसा कोर्ट परिसर पहुंचा था। लखबीर ने अपनी हथेली पर एक गाड़ी का नंबर भी दिखाया जिसकी रेकी के लिए उसे आदेश मिले थे। यही नहीं उसके फोन में डेरा के लोगों से बातचीत का रिकॉर्ड भी मिला।
हैरानीजनक बात यह है कि सिरसा पुलिस इस मामले में न जाने किस दबाव के चलते तीनों आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है। डीएसपी पूर्ण चंद पंवार ने बताया कि प्राथमिक जांच में पता चला है कि ज़ेन एस्टिलो कार में सवार तीनों युवक वहां कार ड्राइविंग सीखने आए थे। यहां गौर करने वाली बात है कि यदि तीनों वहां ड्राइविंग सीखने आए थे तो लाभ सिंह के गनमैन द्वारा रोके जाने पर एक युवक फरार क्यों हुआ? उधर बठिंडा से रेकी करते आ रहे लखबीर के मामले में भी पुलिस द्वारा लीपा-पोती का प्रयास दिखाई दे रहा है। डीएसपी का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पूछताछ की जा रही है। गहन जांच के बाद ही पूरी तस्वीर साफ हो पाएगी। इस मामले में लाभ सिंह ने हुडा चौकी में लिखित शिकायत दर्ज करवाई है।
पहले भी रेकी करता रहा है डेरा
डेरा सच्चा सौदा अपने झूठ की बखिया उधेडऩे वालों पर हमेशा से ही कड़ी नजर रखता रहा है। इससे पूर्व डेरा प्रमुख के खिलाफ चल रहे विभिन्न मामलों में गवाहों की रेकी करते डेरा के लोग पकड़े गए हैं। कुछ समय पूर्व ही पत्रकार अंशुल छत्रपति की रेकी करते डेरा के लोग पकड़े गए। इसके बाद पंचकूला में भी विश्वास गुप्ता की रेकी करते डेरा के लोग पकड़े गए। यही नहीं शाह सतनाम के दोहते लाभ सिंह सिंह को भी जहरीला पदार्थ पिलाकर जान से मारने की कोशिश डेरा के लोगों द्वारा की गई थी। खास बात यह है कि पुलिस ने किसी भी मामले को गंभीरता से नहीं लिया है।
विश्वास गुप्ता की जान को खतरा
विश्वास गुप्ता के वकील ने रेकी की इस घटना के बाद कहा है कि इस घटना से यह साबित होता है कि विश्वास गुप्ता की जान को डेरा के लोगों से खतरा है। इस संबंध में वे हाईकोर्ट को बताएंगे। गौरतलब है कि विश्वास गुप्ता की सुरक्षा को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर है और इस पर अगली सुनवाई 5 दिसंबर को होगी।
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