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Wednesday, 9 November 2011

सतत निगरानी योजना के तहत खर्च होंगे 700 करोड़ रुपए

सिरसा।  राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में और अधिक सुरक्षा की दृष्टि से विदेशों की तर्ज पर सतत निगरानी योजना के तहत 700 करोड़ रुपए की राशि खर्च करके विभिन्न स्थानों पर डिटेक्टिव एवं सीसीटीवी कैमरे स्थापित किया जाएगा।
यह बात हरियाणा के गृह राज्यमंत्री श्री गोपाल कांडा ने आज अपने आवास स्थित कार्यालय में एक बातचीत में कही। उन्होंने बताया कि सतत निगरानी योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा विभाग को 100 करोड़ रुपए की राशि भी जारी कर दी है जिससे डिटेक्टिव एवं सीसीटीवी कैमरे खरीदे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी को अपराध मुक्त बनाने के लिए पुलिस विभाग को पूरा हाईटैक किया जा रहा है। इसके साथ-साथ इन चार क्षेत्रों में साइबर क्राइम रोकने के लिए भी विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए प्रदेश में खुफिया तंत्र को भी और अधिक मजबूत किया जाएगा। इसके साथ-साथ साइबर युग में विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को साइबर व अन्य प्रकार के क्राइम रोकने के लिए भी प्रशिक्षण दिया गया। विशेषकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कार्यरत अधिकारियों को हर नवीनतम तकनीक में कौशल बनाया जाएगा।
गृह, राज्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में विभिन्न प्रकार के अपराधों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से प्रदेश के सभी पुलिस थानों को इंटरनेट से जोड़कर पूरा हाईटैक किया गया है। समय-समय पर अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए रिफ्रेशर कोर्स व प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस थानों में शिकायत लेकर आने वाले लोगों की सुविधा को मद्देनजर रखते हुए राज्य सरकार द्वारा दो दर्जन आदर्श थाने बनाए जा चुके हैं। इन थानों में आमजन के लिए विशेष सुविधाएं मुहैया करवाई गई हैं। थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांवों में पब्लिक पुलिस कमेटियों का गठन किया गया है जो छोटे-मोटे झगड़ों का निपटारा गांव स्तर पर ही कर देती हैं। इसके बाद यदि किसी कारणवश निपटारा नहीं हो पाता तो आई.ओ. (जांच अधिकारी) द्वारा भी मामला सुलझाने का प्रयास किया जाता है। उन्होंने बताया कि इन आदर्श थानों में बाकायदा शिकायत दर्ज करवाने वाले व्यक्ति को शिकायत की रसीद दी जाती है। इसके साथ-साथ थानों में महिलाओं की शिकायत सुनने के लिए हैड कांस्टेबल की नियुक्ति की गई है जो इन महिलाओं की हर प्रकार की दिक्कतों की सुनवाई करती है। विकलांग व्यक्तियों की समस्याएं सुनने के लिए थाना प्रबंधक द्वारा थाने के मुख्य द्वार पर ही सुनवाई की जाती है। इस प्रकार से थानों में पुलिस पब्लिक के बीच सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाने का प्रयास किया गया है।
श्री कांडा ने विभागीय कर्मचारियों, अधिकारियों की सुविधा के लिए भी राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण का गठन किया है जिससे छोटे पद पर कार्यरत पुलिस कर्मचारी द्वारा उच्च पद पर कार्यरत कर्मचारी के लिए गंभीर, अभद्र व्यवहार की स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच हो सकेगी। इस प्राधिकरण को दीवानी मामलों से संबंधित कोड 1908 के तहत सिविल कोर्ट के सभी अधिकार भी दिए गए हैं जिनमें समन जारी करना, गवाहों की हाजिरी बारे दबाव बनाना, शपथ पत्र द्वारा गवाही लेना, कोई भी जन रिकॉर्ड मांगना, गवाही के लिए किसी भी अदालत या कार्यालय द्वारा जारी किए गए दस्तावेज और अन्य निर्धारित मामले शामिल हैं।
उन्होंने आज राज्य सरकार द्वारा स्थानीय नगर परिषद के लिए मनोनीत किए गए तीन नगर पार्षदों को श्री हुकम चंद पुत्र रूलीचंद, गुरनाम सिंह तथा राजेश कुमार को भी बधाई दी। ये तीनों नगर पार्षद विभिन्न समुदायों से ताल्लुक रखते हैं। गुरनाम सिंह जो सिख समुदाय से हैं, हुकम चंद प्रजापति समुदाय से तथा राजेश कुमार दलित समुदाय से संबंध रखते हैं।

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