अनूप कुमार सैनी
रोहतक। वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा. रणबीर सिंह सैनी ने जिला के किसानों को सलाह दी है कि वे कृषि वैज्ञानिकों के सुझावों के मुताबिक आधुनिम तकनीकी से खेती करें ताकि उन्हें अपनी फसल का अच्छा उत्पादन मिलने के साथ-साथ अच्छे भाव भी मिल सके।
उन्होंने बताया कि समय तेजी से बदल रहा है और किसानों को अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए समय के अनुसार बदलना होगा। किसान अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए बागवानी को अपनाएं और दलहन, फल-फूल, सब्जियों, व औषधीएं पौधों की खेती पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कृषि व बागवानी में जैविक खादों का ज्यादातर प्रयोग करने का भी आह्वान किया है। उन्होंने बताया कि किसान खेती में हरी खाद, गोबर की खाद व वर्मी क पोस्ट खाद का प्रयोग करके अच्छी गुणवत्ता की फसल प्राप्त करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। उनका कहना था कि अंधाधुंध रासायनिक खादों के प्रयोग से भूमि की मृदा शक्ति निरन्तर कर होती जा रही है, जिससे उत्पादन भी कम हो रहा है। वर्मीक पोस्ट, हरि व गोबर की खाद के प्रयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है।
डा. रणबीर सैनी ने कृषि विभाग की प्रगति रिपोर्ट के आकड़ों को ब्यौरा देते हुए बताया कि जिला के किसानों द्वारा रबी मौसम की बिजाई के तहत मास अक्टूबर-2011 के दौरान करीब 425 हैक्टेयर क्षेत्र में गेहूं, 455 हैक्टेयर क्षेत्र में चना, 280 हैक्टेयर क्षेत्र में जौ व 22820 हैक्टेयर क्षेत्र में सरसों की बिजाई की गई है। उन्होंने किसानों को वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार बीज को उपचारित करके ही अपनी फसल की बुआई करने की हिदायत दी है ताकि उनकी फसल का जमाव सही ढ़ंग से हो सके।
डा. सैनी ने किसानों को सलाह दी है कि वे समय-समय पर कृषि विभाग के विशेषज्ञों से स पर्क करके आधुनिक कृषि तकनीकी सहित अन्य जानकारी लेते रहे ताकि उनकी फसलों की बिजाई, सिंचाई बगैरा समय पर हो, फसल बिमारी से बची रहे तथा उन्हें फसल का अधिक मुनाफा मिले।
रोहतक। वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डा. रणबीर सिंह सैनी ने जिला के किसानों को सलाह दी है कि वे कृषि वैज्ञानिकों के सुझावों के मुताबिक आधुनिम तकनीकी से खेती करें ताकि उन्हें अपनी फसल का अच्छा उत्पादन मिलने के साथ-साथ अच्छे भाव भी मिल सके।
उन्होंने बताया कि समय तेजी से बदल रहा है और किसानों को अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए समय के अनुसार बदलना होगा। किसान अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए बागवानी को अपनाएं और दलहन, फल-फूल, सब्जियों, व औषधीएं पौधों की खेती पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कृषि व बागवानी में जैविक खादों का ज्यादातर प्रयोग करने का भी आह्वान किया है। उन्होंने बताया कि किसान खेती में हरी खाद, गोबर की खाद व वर्मी क पोस्ट खाद का प्रयोग करके अच्छी गुणवत्ता की फसल प्राप्त करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। उनका कहना था कि अंधाधुंध रासायनिक खादों के प्रयोग से भूमि की मृदा शक्ति निरन्तर कर होती जा रही है, जिससे उत्पादन भी कम हो रहा है। वर्मीक पोस्ट, हरि व गोबर की खाद के प्रयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है।
डा. रणबीर सैनी ने कृषि विभाग की प्रगति रिपोर्ट के आकड़ों को ब्यौरा देते हुए बताया कि जिला के किसानों द्वारा रबी मौसम की बिजाई के तहत मास अक्टूबर-2011 के दौरान करीब 425 हैक्टेयर क्षेत्र में गेहूं, 455 हैक्टेयर क्षेत्र में चना, 280 हैक्टेयर क्षेत्र में जौ व 22820 हैक्टेयर क्षेत्र में सरसों की बिजाई की गई है। उन्होंने किसानों को वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार बीज को उपचारित करके ही अपनी फसल की बुआई करने की हिदायत दी है ताकि उनकी फसल का जमाव सही ढ़ंग से हो सके।
डा. सैनी ने किसानों को सलाह दी है कि वे समय-समय पर कृषि विभाग के विशेषज्ञों से स पर्क करके आधुनिक कृषि तकनीकी सहित अन्य जानकारी लेते रहे ताकि उनकी फसलों की बिजाई, सिंचाई बगैरा समय पर हो, फसल बिमारी से बची रहे तथा उन्हें फसल का अधिक मुनाफा मिले।
 
 
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