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Sunday, 25 August 2013

अयोध्या में सन्नाटा

सड़कों पर सिर्फ सुरक्षा बल

लखनऊ। पिछले कई दिनों से चर्चाओं में बनी विश्व हिंदू परिषद की 84 कोसी परिक्रमा पर सरकार ने पाबंदी के आदेश को पूरी तरह लागू करने पुख्ता इंतजाम किए हैं। अयोध्या पुलिस छावनी में तब्दील है। सरयू नहीं तक पहुंचने के सभी रास्ते बैरिकेट्स लगाकर बंद कर दिए गए हैं।
               अयोध्या और फैजाबाद आने वाले वाहनों की भी सघन जांच की जा रही है। फैजाबाद जाने वाली बसों की संया में 80 फीसदी की कमी आई है। अयोध्या में लगातार पुलिस का रूट मार्च हो रहा है। दस अस्थायी जेलें बना दी गई हैं। फैजाबाद और अयोघ्या जाने वालें रास्तों पर चेक प्वाइंट भी बढ़ा कर लगभग 50 कर दिए गए है। होटलों, धर्मशालाओं, बस व रेलवे स्टेशनों पर सघन जांच की जा रही है। गृह विभाग के प्रवक्ता के अनुसार अयोध्या में सुरक्षा प्रबंध और मजबूत करने के लिए वहां तीन कंपनी पीएसी,एक कंपनी आरएएफ तथा दो एसपी दिए गए हैं। इसी तरह अबेडकर नगर और गोण्डा के जिला प्रशासन को भी एक-एक प्लाटून पीएसी और दी गई है।
तोगडिया, वेदाती समेत 600 अरेस्ट
            तमाम सुरक्षा व्यवस्था को चकमा देते हुए विश्व हिन्दू परिषद के कार्यवाहक अध्यक्ष प्रवीण भाई तोगडिया अयोध्या पहुंच गए। लेकिन उन्हें सरयू तट से और धारा 144 तोड़ने पर परिक्रमा से पहले ही विहिप के वरिष्ठ नेता राम विलास वेदांती समेत 450 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। अशोक सिंघल अयोध्या नहीं पहुंच पाए,उन्हें लखनऊ के चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे पर हिरासत में ले लिया गया। पूरे राज्य में अब तक 600 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
विहिप ने दोहराया संकल्प
          पूजन, हवन के बाद विहिप नेता परिक्रमा करने के अपने संकल्प को दोहरा रहे हैं लेकिन फिलहाल अभी तक अयोध्या में शांति बनी हुई है। विहिप ने 84 कोसी यात्रा का जो रूट तय किया है उसके अनुसार अयोध्या के मखौडा धाम से प्रारंभ होगी। इसके पूर्व संत सरयू घाट पर पूजन-अर्चन करेंगे तदुपरांत परिक्रमा प्रारंभ करेंगे जो कि फैजाबाद, गोंडा, बहराइच, बाराबंकी, अंबेडकरनगर व बस्ती से निकलेगी। यात्रा पर सरकार ने पाबंदी लगाने के बाद इन स्थानों पर सख्ती भी कर दी है।
            वहीं, श्री राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ने यात्रा को सकुशल सपन्न कराने में प्रशासन का सहयोग मांगा है। उन्होंने कहा है कि वे स्वयं इस यात्रा में शामिल होंगे। इस बीच शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, शंकराचार्य स्वामी नरेन्द्रानंद सरस्वती और अखिल भारतीय दण्डी प्रबंधन समिति के महामंत्री और पीठाधीश्वर स्वामी ब्रताश्रम महाराज चरखी दादरी ने आंदोलन का नेतृत्व करने वालों को आशीर्वाद दिया है। इन संत-महात्माओं का कहना है कि चातुर्मास की वजह से यह लोग अपने आश्रम से निकलकर नदी और नाला पार नहीं कर सकते हैं।
पुलिस और स्थानीय नागरिक ही बचे शेष -
             प्रस्तावित चौरासी कोसी परिक्रमा के मद्देनजर अयोध्या पूरी तरह से छावनी में तब्दील हो गई है। सामान्य दिनों में आने वाले तीर्थ यात्री भी अब वहां जाने से परहेज कर रहेे हैं। वहीं अयोध्या में पहले से मौजूद तीर्थ यात्री मौका पाकर समय से पूर्व ही अपने-अपने घरों के लिए प्रस्थान कर गए है। वर्तमान में अयोध्या में स्थानीय निवासियों के अलावा यदि कोई बाहरी है तो वह सिर्फ और सिर्फ पुलिस बल ही है।

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