श्री बाबा तारा कुटिया में मद्भागवत कथा
सिरसा(02 अगस्त)। भगवान सर्व सामर्थ है। भगवान के उपर किसी का जोर नहीं। प्रेम के वशीभूत होकर ईश्वर भक्त की प्रत्येक इच्छा पूरी करने को तत्पर रहते हैं। परंतु भक्त को यदि अपनी भक्ति पर अभिमान हो जाए तो वह भगवान से कुछ नहीं पा सकता, उसकी झोली खाली रह जाती है। उक्त उद्गार स्वामी गौरव कृष्ण शास्त्री ने श्री बाबा तारा कुटिया में चल रही श्री मद्भागवत कथा के दौरान श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहे।श्री बाबा तारा कुटिया में सावन महीने की महाशिवरात्रि पर्व के उपलक्ष्य में श्रद्धालुओं को संबोधित करत हुए स्वामी ने कहा कि मीरा श्री कृष्ण की भक्ति में इतनी मग्र हो गई थी कि उन्होंने अपना सब कुछ संवारे पर न्यौछावर कर दिया था। मीरा के भजन 'काट कलेजा मैं धरूं, कागा तू ले जा' के माध्यम से शास्त्री जी ने उनकी ईश्वर अराधना को साकार रूप दिया। इस अवसर पर वृंदावन से आए कलाकारों ने महारास की झांकी का मंचन किया ।शास्त्री ने भगवान श्री कृष्ण द्वारा मथुरा में दिखलाई गई लीलाओं का मनोहारी वर्णन किया, जिनमें अपने भक्तों को अभयदान देने तथा कंस व उसकी आसुरी शक्तियों के संहार का विस्तार पूर्वक वर्णन किया।इस अवसर पर गौरव कृष्ण शास्त्री ने श्रद्धालुओं से वृंदावन धाम पधारने का आह्वान करते हुए कहा कि वृंदावन की पावन धरा पर भगवान श्री कृष्ण ने बाललीलाएं की हैं तथा यह ज्ञानियों की नही बल्कि कृष्ण के दीवानों की नगरी है। जहां कृष्ण प्रेम में बंधे दीवाने चले आते हैं।
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