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Saturday 31 August 2013

दामिने के दरिंदे को मिली सजा


3 वर्ष का सुनाया कारावास

नई दिल्ली। दिल्ली में पिछले वर्ष 16 दिसंबर को एक चलती बस में हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में नाबालिग आरोपी को किशोर न्याय बोर्ड ने रेप और हत्या समेत 12 मामलों में दोषी करार दिया है।
              प्रधान दंडाधिकारी गीतांजलि गोयल की अध्यक्षता में बोर्ड शनिवार को इस मामले पर पहला फैसला सुनाते हुए कहा कि नाबालिग भी अपराध में रेप और हत्या की वारदात में बराबरी का भागीदार था। उसे तीन साल की सजा सुनाई गई है। आरोपी को दी गई तीन साल की सजा में मामले की सुनवाई के दौरान हिरासत में बिताए गए दिन भी शामिल होंगे।
पीडिता का परिवार नाखुश
           उधर,पीडिता का परिवार फैसले से खुश नहीं है, ऊपरी अदालत में चुनौती देगा। पीडिता की मां ने कहा कि दोषी को महज तीन साल की सजा दी गई है जो अपर्याप्त है। मालूम हो कि दक्षिणी दिल्ली के मुनीरका इलाके में पिछले वर्ष 16 दिसंबर को 23 वर्षीय फीजियोथेरेपी प्रशिक्षु छात्रा के साथ चलती बस में क्रूरतापूर्वक सामूहिक दुष्कर्म किया गया तथा पीडिता और उसके पुरूष साथी को बस से बाहर फेंक दिया गया। पीडिता की मौत 29 दिसंबर को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में हो गई थी। इस जघन्य घटना के बाद पूरे देश में धरना-प्रदर्शन शुरू हो गए थे और दिल्ली में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए थे।
इसलिए हुई फैसले में देरी
          दुष्कर्म का आरोपी नाबालिग घटना के समय 17 वर्ष का था, तथा अब उसकी आयु 18 वर्ष हो गई। जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा "किशोर" शब्द को पुनर्परिभाषित किए जाने से संबंधित याचिका पर फैसला दिए जाने तक इस केस के फैसले पर रोक लगा दी थी। जब स्वामी की याचिका स्वीकार करने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने 22 अगस्त को किशोर न्याय बोर्ड को अपना फैसला सुनाने की इजाजत दे दी थी।

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