फेसबुक पेज ने जाहिर की नाराजगी
fb id of Sunita Duggal |
सिरसा। सिरसा की लोकसभा सीट से भाजपा द्वारा प्रत्याशी बनाई गईं सुनीता दुग्गल अभी मैदान में उतरने की तैयारी कर ही रही थीं कि उन्हें पैवेलियन लौटने के निर्देश जारी हो गए। खास बात यह है कि सुनीता दुग्गल सिरसा से चुनाव लडऩे के लिए अपनी नौकरी को भी ठोकर मार चुकी हैं। ऐसे में सियासती उठापटक ने उन्हें दोहरी पटकी दी है। सुनीता दुग्गल का फेसबुक पेज उनकी नाराजगी साफ तौर पर जाहिर कर रहा है। हालांकि वे अभी खुल कर कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं लेकिन उनके साथ धोखा हुआ, ऐसा वे मान रही हैं। अब देखना यह होगा कि सुनीता की इस कुर्बानी का उन्हें क्या सिला दिया जाता है। सूत्रों के अनुसार भाजपा उनको किसी पद से नवाज सकती है लेकिन यह फैसला चुनावों के बाद ही संभव है।
उल्लेखनीय है कि विगत दिनों सहायक आयकर आयुक्त के पद पर कार्यरत सुनीता दुग्गल को सिरसा संसदीय सीट से पार्टी द्वारा उम्मीदवार घोषित किया गया था। हालांकि अभी तक इसकी आधिकारिक घोषणा पार्टी द्वारा नहीं की गई लेकिन जिस तरह से खबरें मिल रही थीं उनसे उनका चुनाव मैदान में उतरना तय था। सुनीता ने सिरसा से ताल ठोंकने की नींव रखी फेसबुक पर अपनी आईडी 'सुनीता दुग्गल नमो' के 'कवर फोटोÓ से। कवर फोटो पर सुनीता दुग्गल, भाजपा उम्मीदवार, संसदीय क्षेत्र सिरसा का बैनर लगा दिया गया। लेकिन विगत दिनों हजकां-भाजपा गठबंधन में ऐसा भूचाल आया कि सुनीता सिरसा की नहीं हो पाईं। हजकां के चंद्रमोहन बिश्नेाई ने करनाल से चुनाव लडऩे से मना कर दिया। ऐसे में भाजपा ने सिरसा सीट हजकां को देने और करनाल से भाजपा उम्मीदवार को खड़े करने की योजना बना डाली। हजकां ने सिरसा से चंद घंटे पहले ही पार्टी से जुड़े कांग्रेस के बागी सुशील इंदौरा को टिकट की घोषणा कर दी। इस उठापटक ने संसदीय क्षेत्र सहित पूरे प्रदेश की राजनीति में गहरा असर डाला।
लेकिन सुनीता दुग्गल का 'कवर फोटो' विरोध दर्शाने लगा। विरोध का सूचक काला बैनर उन्होंने अपनी फेसबुक आईडी का कवर फोटो बना दिया है। इससे जाहिर है कि उन्हें इस उठापटक से गहरा आघात लगा है। लगे भी क्यों न, जिस उम्मीदवारी के लिए उन्होंने अपने पद को ठुकराया, अगर वही न मिली तो उनके लिए इससे बुरा समय और क्या हो सकता है? जब तक भाजपा उन्हें कोई और झुनझुना नहीं देती, तब तक तो उनके लिए 'कमलÓ मुरझाया ही माना जाएगा।
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