नई दिल्ली। समाजसेवी अन्ना हजारे ने बंगाली मानुष की नेत्री ममता दीदी को धोखा दिया है। बुधवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में तृणमूल कांग्रेस और अन्ना हजारे की रैली थी। लेकिन अन्ना हजारे पहुंचे ही नहीं। कोलकाता से विमान में उड़कर दिल्ली की दोपहरी में रामलीला मैदान पहुंची पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि ये रैली अन्ना की थी। मैं उनकी ही रैली के लिए आई थी। मैंने वादा किया था इसलिए आई। मैं अपने वादे से कभी पीछे नहीं हटती।
हजारों वादे और बातों के बावजूद अन्ना हजारे बुधवार को रामलीला मैदान नहीं पहुंचे। अन्ना की सहयोगी सुनीता गोदारा के एक बयान के मुताबिक बीमार होने की वजह से अन्ना रैली में शामिल नहीं हो पाए। उधर मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक अन्ना रैली के लिए की गई व्यवस्था से नाराज थे।
गौरतलब है कि ममता बनर्जी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में रैली थी। लेकिन दो बजे तक रैली में सिर्फ हजार लोग ही उपस्थित थे। रैली को संबोधित करते हुए ममता ने कहा कि मैं चाहती तो समर्थकों से दर्जनों ट्रेनें भर सकती थी। लेकिन हमने ?सा नहीं किया। मैं यहां परिश्रम से पहुंची। जनता हमारे साथ है। पश्चिम बंगाल में बहुत सारी समस्याएं है, लेकिन मैं यहां आई क्योंकि मैंने वादा किया था। गुजरात से लेकर महाराष्ट्र तक हम रैली करेंगे। हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। क्योंकि ये लड़ाई हमने तब शुरू की थी जब हमारे साथ कोई नहीं था। मैं किसी एक व्यक्ति के लिए सत्ता नहीं चाहती। बल्कि लोगों के लिए चाहती हूं। गौरतलब है कि अन्ना के साथ ममता बनर्जी की यह रैली भ्रष्टाचार के विरूद्ध 17 सूत्रीय एजेंडे को लेकर चर्चा में थी। इससे पहले ममता बनर्जी ने अपने लोकसभा अभियान शुरूआत की।
हरे पेड़ों की बलि
सिरसा। गांव भरोखां में नहर किनारे खड़े हरे पेड़ों को काटने का मामला प्रकाश में आया है। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी। पेड़ कटाई में विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत का भी आरोप लगाया गया है। वन अधिकारी ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार गांव भरोखां में आज सुबह नहर किनारे लगे कीकर के पेड़ों की कटाई की जा रही थी। पेड़ों को काटकर ट्राली में लादा गया। इसी दौरान ग्रामीण एकत्रित हो गए और इसका विरोध किया। ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए पेड़ काटने वाले लोग ट्राली वहीं छोड़ फरार हो गए। ग्रामीणों ने मामले की लिखित सूचना जिला वन अधिकारी को दी। ग्रामीणों का कहना है कि पेड़ कटाई में विभाग के कर्मचारियों की भी मिलीभगत है। उन्होंने कहा कि यदि इस मामले में शीघ्र ही कार्रवाई नहीं की जाती तो वे न्यायालय का द्वार खटखटाएंगे। जिला वन अधिकारी जितेन्द्र अहलावत ने ग्रामीणों को मामले की समुचित जांच का आश्वासन दिया है।
पहले भी चली है हरे पेड़ों पर आरी
क्षेत्र में इन दिनों लकड़ी माफिया जोरशोर से सक्रिय है। पिछले कुछ ही दिनों में हरे पेड़ों पर आरी चलने के कई मामले प्रकाश में आ चुके हैं। इन मामलों में अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है। सर्व विदित है कि लकड़ी माफिया को वन विभाग के अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है। इस कारण बेखौफ होकर हरे पेड़ों पर आरी चल रही है।
300 गट्टे सरसों चोरी
कालांवाली। गदराणा रोड पर स्थित एक गोदाम से तीन सौ गटटे सरसों के चोरी हो गए। पुलिस ने गोदाम मालिक फकीर चंद निवासी कालांवाली की शिकायत पर मामला दर्ज लिया है।
पुलिस को दी शिकायत में गोदाम मालिक ने बताया कि उनका गदराना रोड पर गोदाम है वह आज सुबह सात बजे जब वह गोदाम में गया तो गोदाम के ताले टूटे हुए पडे थे ओर गोदाम के अंदर से तीन सौ गटटे सरसों के गायब थे उसने बताया कि कोई अज्ञात व्यक्ति उनके गोदाम से सरसों के गटटे चोरी कर ले गया। पुलिस ने फकीर चंद की शिकायत पर मामला दर्ज कर अगामी कारवाई शुरू कर दी है। मामले की जांच कर रहे एएसआई जगदीश राए ने बताया कि मामले को लेकर फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट डा: अजमेर सिंह ने भी मोके का निरीक्षण किया है। उन्होंने बताया कि दोषियों को जल्द काबू कर लिया जाएगा।
उपायुक्त से मिले भट्ठा संचालक
सिरसा। ईंट भट्ठा संचालकों ने आज उपायुक्त से भेंट की। विगत काफी समय से भट्ठा संचालकों और मजदूरों के बीच चल रहे विवाद को लेकर आज हिसार रेंज के लेबर ऑफिसर द्वारा दोनों पक्षों की बैठक बुलाई गई थी। ईंट भट्ठा संचालक बैठक को लेकर लघु सचिवालय परिसर पहुंचे। लेकिन ऑफिसर चुनावों में ड्यूटी लगे होने के कारण बैठक में शामिल नहीं हो पाए। इसके बाद भट्ठा संचालक उपायुक्त से मिले और अपनी व्यथा सुनाई।
ईंट भट्ठा संचालकों का कहना है कि मजदूरी बढ़ाने के नाम पर उनके साथ नाइंसाफी की जा रही है। उन्हें मानसिक व शारीरिक तौर पर परेशान किया जा रहा है। उन्हें जान का खतरा है लेकिन पुलिस भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि लेबर ऑफिसर द्वारा भी उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। वे भी मजदूरों के पक्ष की बात करते हैं। भट्ठा यूनियन के प्रधान भीम झूंथरा ने कहा कि मजदूर हालांकि कार्य करने को तैयार हैं लेकिन कुछ तथाकथित नेताओं द्वारा उन्हें जानबूझकर भड़काया जा रहा है। उन्हें इस कद्र हिंसक बनाया जा रहा है कि वे भट्ठा संचालकों की जान तक लेने को उतारू हो जाते हैं।´
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