कल आएंगे सीएम
फैसला लेंगे सेतिया व कांडा
सिरसा। कल का दिन सिरसा संसदीय क्षेत्र के लिए काफी अहम रहने वाला है। जिस तरह की चर्चाएं हैं, उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि कल के बाद सिरसा में चुनावी हवा एकदम से बदल जाएगी। कल मुख्यमंत्री भूपेंन्द्र सिंह हुड्डा सिरसा संसदीय क्षेत्र में रोड शो करेंगे। कल ही सिरसा नरेश व यहां की राजनीति के भीष्म पितामह कहे जाने वाले लछमण दास अरोड़ा की राजनीतिक वारिस सुनीता सेतिया और राहुल सेतिया अपने पत्ते खोलेंगे। गोपाल कांडा भी इन चुनावों में अभी तक निष्क्रिय ही रहे हैं। उनके कई दिनों से दिन-प्रतिदिन अपनी रणनीति जाहिर करने की खबरें आ रही हैं। अब खबर है कि कांडा भी कल मुख्यमंत्री के दौरे के बाद ही तस्वीर साफ करेंगे।
कल मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का सिरसा संसदीय क्षेत्र में रोड शो का कार्यक्रम प्रस्तावित है। सिरसा संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी अशोक तंवर की स्थिति यहां अभी तक कुछ अच्छी नहीं मानी जा रही है। तंवर को विपक्षियों से ज्यादा अपनों से लड़ाई लडऩी पड़ रही है। अपनों की नाराजगी और नापसंद प्रत्याशी फिलहाल कांग्रेस की सबसे बड़ी कमजोरी है। कांग्रेस में सभी नेता अपनी डफली अपना राग अलाप रहे हैं। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस प्रत्याशी अशोक तंवर को ही इसका नुकसान उठाना पड़ेगा। ऐसे में हाईकमान के लिए सभी को एकजुट करने का दबाव बड़ी चुनौती है।
सिरसा में अच्छी पैठ रखने वाले सुनीता सेतिया व मौजूदा विधायक गोपाल कांडा का कांग्रेस प्रत्याशी अशोक तंवर से सीधा-सीधा टकराव जगजाहिर है। इन दोनों ने ही अभी तक पत्ते शो नहीं किए हैं। सेतिया ने हुड्डा का कार्यक्रम तय होने के बाद से ही कह दिया था कि वे 30 अप्रेल को अपना निर्णय करेंगे। उन्होंने बाकायदा अखबारों में विज्ञप्ति व विज्ञापन देकर कार्यकर्ताओं को 30 अप्रेल के लिए आमंत्रित किया है ताकि वे निर्णय कर सकें। पहले उनके इनेलो में शामिल होने की चर्चा थी लेकिन अब बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री के दौरे के बाद वे अपना निर्णय बदल सकते हैं। मुख्यमंत्री के उनसे मिलने की संभावना भी जताई जा रही है।
वहीं गोपाल कांडा फिलहाल सक्रिय रूप से चुनावी दंगल से दूर ही दिखे हैं। हालांकि बाहर से वे अपनी अलग राजनीति खेल रहे हैं। हजकां-भाजपा की टिकट का तबादला और सिरसा से सुशील इंदौरा के हजकां के बैनर तले चुनाव लडऩे के पीछे भी कांडा की राजनीति बताई जा रही है। खैर कुछ भी हो लेकिन यह जाहिर है कि कांडा और तंवर का 36 का आंकड़ा है और अब तक वे तंवर के पक्ष में तो कम से कम नहीं प्रचार कर रहे। चुनावों में समर्थन को लेकर गोपाल कांडा द्वारा आए दिन कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई जाती है लेकिन कुछ भी खुलकर सामने नहीं आ रहा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांडा भी कल के इंतजार में हैं और मुख्यमंत्री के दौरे के बाद वे अपना निर्णय लेंगे।
मुख्यमंत्री की घुड़की ही बदलेगी फिज़ा
वर्ष 2009 में भी हालात कमोबेश यूं ही थे। तंवर के पक्ष में सिर्फ एक बात यह थी कि उनके राहुल के करीबी होने ढिंढोरा पीटा गया। ऐसे में मुख्यमंत्री को चुनाव पूर्व दौरा हवा बदल गया। उन्होंने एक-एक नेता व कार्यकर्ता को ऐसी घुड़की दी कि सब एक ही जगह मंचासीन दिखाई दिए। सभी के सुर भी मिलने लगे।
आने वाले समय में सिरसा में राहुल, सोनिया व मनमोहन के आने की भी संभावना जताई जा रही है। उससे पहले हुड्डा पूरा माहौल बदलने की कोशिश करेंगे। सिरसा में तंवर को जितवाना नाक का सवाल बना हुआ है और यह बात कांग्रेस के उच्च पदासीन लोगों को भी मालूम है। कहीं न कहीं 'ऊपरी' आदेश के कारण इस हॉट सीट पर मुख्यमंत्री को अधिक मेहनत भी करनी पड़ सकती है। देखना यह होगा कि अब क्या फिर से 2009 दोहराया जाएगा?
डेरामुखी ने भुगती पेशी
सिरसा। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह ने आज जिला न्यायालय से सीबीआई की विशेष कोर्ट के समक्ष हाजिरी लगाई। आज छत्रपति व रणजीत हत्याकांड में सुनवाई हुई। छत्रपति हत्याकांड में आगामी सुनवाई के लिए 12 अप्रेल की तारीख निर्धारित की गई है जबकि रणजीत हत्याकांड में सुनवाई 26 अप्रेल को होगी। आज सुबह गुरमीत सिंह ने जिला अदालत में पेश होकर सीबीआई की पंचकुला स्थित विशेष अदालत के समक्ष हाजिरी लगाई। आज सीबीआई के जांच अधिकारी डीएसपी सतीश डागर की गवाही होनी थी। निजी कारणों के चलते अदालत के समक्ष पेश नहीं हो पाए।
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