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सच और झूठ के बीच कोई तीसरी चीज नहीं होती और मैं सच के साथ हूं : छत्रपति       www.poorasach.com      

Thursday 4 December 2014

जान लेगा पब्लिक हैल्थ विभाग

शहर भुगत रहा विभाग की लापरवाही का खामियाजा

सिरसा। शहर के सबसे ज्यादा भीड़भाड़ वाले क्षेत्र भगतसिंह चौक पर खुला पड़ा सीवर का मैनहाल हादसों को न्यौता दे रहा है। मैन चौकों में खुले पड़े सीवर मैनहाल की ओर भी पब्लिक हैल्थ विभाग ध्यान न देकर अपनी उदासीनता का प्रमाण दे रहा है। 
जनस्वास्थ्य विभाग की लापरवाहियों के चलते लोगों को प्रतिदिन भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। भगत सिंह चौक के आसपास दुकानदारों ने बताया कि इस खुले सीवर में रात को भी एक बाइक सवार गिर गया था। उन्होंने बताया कि हर दिन यहां हादसे हो रहे हैं और अधिकारियों को भी इसकी शिकायत कर दी गई है, लेकिन कोई समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहा है। शहर में अनेक जगहों पर खुले पड़े सीवर मैनहाल पल-पल लोगों की दिक्कतों को बढ़ा रहे हैं। भगत सिंह चौक में कई दिनों से खुला पड़ा सीवर मैनहाल अनेक हादसों को अंजाम दे चुका है। जनस्वास्थ्य विभाग के इस लापरवाह रवैया के चलते किसी बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता। इस चौक से प्रतिदिन सैकड़ों लोगों व बच्चों का आना-जाना रहता है। चौक में खुला सीवर मैनहाल पब्लिक हैल्थ विभाग के उदासीनता भरे रवैया की पोल खोल रहा है। 

पत्रकार ने की आत्महत्या

सिरसा। राष्ट्रीय समाचार पत्र के संवाददाता व सांध्य दैनिक समाचार पत्र के संपादक धीरज बजाज ने गत रात्रि अपने एक दोस्त के घर पर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। शव के पास रखे लैपटॉप में पांच अलग-अलग सुसाइड नोट भी टाइप किए हुए मिले, लेकिन उसमें कहीं भी न तो आत्महत्या के कारणों का खुलासा किया और न ही किसी को जिम्मेदार ठहराया।
जानकारी के अनुसार गत रात्रि नौ बजे तक धीरज जब अपने घर नहीं पहुंचा तथा बार-बार फोन करने पर भी धीरज ने फोन नहीं उठाया तो परिजनों ने उसके मित्रों से फोन कर उसके बारे में पूछताछ की। जब यह सूचना गांव गए उनके मित्र को मिली तो उन्होंने अपने पड़ोसी अजय उप्पल को फोन कर उनके घर जाकर धीरज को देखकर आने के लिए कहा। इस पर अजय उप्पल रात करीब 11 बजे जब वहां गए तो दरवाजा अंदर से बंद था और बार-बार दरवाजा खटखटाने के बाद भी दरवाजा नहीं खुला तो अजय उप्पल ने छत से नीचे गया। उसने देखा कि छत पर लगे पंखे से धीरज का शरीर फंदे पर लटका हुआ था। इस पर उन्होंने तुरंत उसे नीचे उतारा तो देखा कि धीरज की सांसें चल रही थी। इस पर उसने अपने आस पड़ोस के लोगों, धीरज के मित्रों को वहां बुलाया और अस्पताल लेकर गए। वहां चिकित्सकों ने तुरंत उपचार करना शुरू कर दिया लेकिन धीरज को बचाया नहीं जा सका। सुबह सामान्य अस्पताल में पोस्टमार्टम करने के बाद उसके शव का दोपहर को शिवपुरी में अंतिम संस्कार कर दिया गया। पत्रकार की मौत का समाचार मिलने के बाद सभी राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक संस्थाओं ने प्रतिनिधियों ने शोक जताया है।

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