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Wednesday, 17 December 2014

डेरा सच्चा सौदा में साधुओं को नपुंसक बनाने का मामला

सरकार को फटकार

सिरसा। डेरा सच्चा सौदा में साधुओं को नपुंसक बनाने के मामले में उच्च न्यायालय ने आज सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। सरकार द्वारा आज इस मामले  में सुनवाई के दौरान जवाब पेश किया गया था। जवाब से असंतुष्ट हाईकोर्ट ने सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए आगामी आदेश के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया है।
यह है मामला
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख  गुरमीत सिंह द्वारा अपने परिवार व साध्वियों की सुरक्षा के लिए अच्छे-भले लोगों के अंडकोष निकलवाकर नपुंसक बना दिया गया। इस बात का खुलासा डेरा के ही एक पूर्व साधु ने किया। साधु हंसराज चौहान का दावा है कि उसे भी डेरा के ही अस्पताल में ऑप्रेशन करके नपुंसक बना दिया गया जिससे उसके हार्मोन में परिवर्तन आने लगा और उसमें शारीरिक बदलाव आ गया। हंसराज चौहान का कहना है डेरा प्रमुख द्वारा उन जैसे करीब 400 युवाओं को 'भगवान के दर्शन' के नाम पर नपुंसक बनाया गया है।  उन्होंने 166 लोगों की नाम सहित सूची भी सार्वजनिक की है। चौहान ने इस मामले की जांच के लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका भी दायर की हुई है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट के आदेश पर शिकायतकर्ता हंसराज का चिकित्सीय परीक्षण भी हो चुका है जिसमें उसके अंडकोष ऑप्रेशन द्वारा निकाले जाने की पुष्टि हुई थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के जस्टिस के. कानन ने प्रदेश सरकार को जांच के आदेश दिए थे। सरकार को जांच के लिए एक माह का समय दिया गया था। आज मामले की सुनवाई के दौरान सरकार ने अपना पक्ष रखा। सरकार के जवाब से असंतुष्ट न्यायाधीश ने कड़ी फटकार लगाते हुए तल्ख टिप्पणियां कीं।
यह चाहती थी सरकार
सरकार ने जांच के संबंध में जानकारी देते हुए न्यायाधीश को बताया कि याचिकाकर्ता के अनुसार करीब 400 युवाओं को नपुंसक बनाया गया है। जांच एजेंसी इन सभी लोगों को बुलाकर पूछताछ कर रही है। एजेंसी का कहना है कि वह इन सभी लोगों की काउंसलिंग करना चाहती है। काउंसलिंग के तहत पता लगाया जाएगा कि नपुंसक बनाए गए लोगों ने अपनी मर्जी से यह कदम उठाया है या किसी के दबाव में। नपुंसक बनने के कारणों के बारे में इन लोगों से पूछताछ की जाएगी। इसके लिए जांच एजेंसी को काफी समय की जरूरत है। सरकार की ओर से अदालत में पेश हुए अधिवक्ता ने और समय की मांग की। 
सरकार का रवैया शर्मनाक
डेरा सच्चा सौदा द्वारा नपुंसक बनाने के मामले में सरकार के जवाब से न्यायाधीश भौचक्के रह गए। उन्होंने इसे शर्मनाक बताते हुए कहा कि सरकार द्वारा जांच की दिशा बदली जा रही है। उन्होंने कहा कि किसी को नपुंसक बनाया जाना एक घिनौना अपराध है, फिर चाहे वह किसी दबाव में बने हो या अपनी मर्जी से। न्यायाधीश के. कानन ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्होंने यह जांच करने के आदेश दिए हैं कि सूची में शामिल लोगों को कहां, कैसे और किसके आदेश पर नपुंसक बनाया गया है।   इस कार्य में शामिल चिकित्सक भी जांच के घेरे में आते हैं। जांच एजेंसी को इन सभी लोगों का पता लगाना है और उन्हें कटघरे में खड़ा करना है।
याचिकाकर्ता ने की सीबीआई जांच की मांग
मामले के याचिकाकर्ता डेरा सच्चा सौदा के पूर्व साधु हंसराज चौहान का कहना है कि डेरा प्रमुख हरियाणा में राजनीतिक व कूटनीतिक दबाव कायम करता है जिसके कारण सही जांच संभव नहीं है। उन्होंने न्यायाधीश के समक्ष इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की अपील की है। न्यायाधीश के. कानन ने पूरी सुनवाई के बाद आगामी आदेश हेतु फैसला सुरक्षित रख लिया।

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