पुलिस पर लगाया प्रताडऩा का आरोप
राजनीतिक दबाव में पुलिस कर रही काम
सिरसा। पुलिस जांच से नाखुश एक बलात्कार पीडि़ता ने आत्महत्या करने की धमकी दी है। पुलिस पर जांच के नाम पर प्रताडि़त करने का आरोप लगा रही पीडि़ता का कहना है कि उसने अपने साथ हुए दुष्कर्म से संबंधित सभी साक्ष्य पुलिस को उपलब्ध करवाए हैं। बावजूद इसके इस मामले में जांच के नाम पर पुलिस उसे ही परेशान कर रही है। पीडि़ता ने बताया कि वह एमएमएस और एम्स में हुई मेडिकल जांच रिपोर्ट भी पुलिस को सौंप चुकी है, लेकिन पुलिस के संरक्षण प्राप्त दुष्कर्मी अब तक खुले घूम रहे हैं। पीडि़ता ने सिरसा के विधायक मक्खन सिंगला को भी कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि सिंगला के दबाव के चलते पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही।
मालूम हो कि तीन माह पूर्व दिल्ली की रहने वाली एक महिला ने सिरसा के विधायक मक्खन सिंगला के भतीजों मनीष, राहुल व पंकज सिंगला पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। पीडि़ता के आरोपों से राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया था। पीडि़ता का कहना था कि उसे एक डील के बहाने सिरसा बुलाया गया और उसके साथ दुष्कर्म किया गया। आरोप यह भी था उसे नशीली पदार्थ पिलाकर होटल के एक कमरे में ले जाया गया और वहीं उसके साथ दुष्कर्म हुआ। पुलिस ने इस सिलसिले में दिल्ली में मुकद्दमा दर्ज किया था। पीडि़ता का आरोप है कि राजनीतिक दबाव डालकर विधायक मक्खन सिंगला ने यह मुकद्दमा सिरसा में ट्रांसफर करवा लिया और अब इस मामले में जांच को आगे नहीं बढऩे दिया जा रहा।
पीडि़ता के आरोपों से एक बार फिर मामला गर्मा गया है। विधायक मक्खन सिंगला के लिए भी मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। पीडि़ता ने सरकार से भी यही गुहार लगाई है कि आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी नहीं हुई तो वह मजबूरन आत्महत्या कर लेगी, क्योंकि पुलिस उसे न्याय दिलवाने की बजाए जांच के नाम पर उसे ही प्रताडि़त कर रही है।
खुले मिले स्कूल, नायब तहसीलदार ने लगाई फटकार
सिरसा। उपायुक्त के स्कूलों में छुट्टी के आदेश के बाद भी निजी स्कूल खोलने पर जिला प्रशासन के आदेश पर कालांवाली के नायब तहसीलदार दयाल सिंह ने आज माता पुन्ना देवी डीएवी स्कूल का दौरा किया। स्कूल में विद्यार्थियों व स्कूल स्टाफ को उपस्थिति देखकर उन्होंने स्टाफ से स्कूल लगाने का कारण पूछा।
नायब तहसीलदार दयाल सिंह के आज सुबह स्कूल में आने की खबर लगते ही स्कूल स्टाफ ने आनन फानन में काफी संख्या में बच्चों को स्कूल से घर भेज दिया। जबकि कुछ बच्चे स्कूल में ही रह गए। नायब तहसीलदार ने बच्चों से स्कूल में आने का कारण पूछा तो बच्चों ने 27 दिसम्बर को स्कूल में होने वाले कार्यक्रम का हवाला दिया। स्कूल प्रधानाचार्य संगीता कक्कड़ ने नायब तहसीलदार से कहा कि स्कूल में कोई बच्चा नहीं था। कार्यक्रम पहले का रखा हुआ था, आप कहो तो कार्यक्रम को रद्द कर देते हैं। हमनें नियमों का उलंघन नहीं किया है। खंड शिक्षा अधिकारी बलविंद्र सिंह ने कहा कि छुट्टी के दिन स्कूल स्टाफ को तो स्कूल में बुलाया जा सकता है लेकिन छात्रों को किसी भी हालत में स्कूल नहीं बुलाया जा सकता। अगर किसी स्कूल ने ऐसा किया है तो उनके खिलाफ विभाग कार्रवाई करेगा। वहीं नायब तहसीलदार दयाल सिंह ने कहा कि स्कूल में पांच छह बच्चे आए हुए थे। बच्चे भंगडे की रिहर्सल के लिए आए थे, इसमें कोई खास बात नहीं है। बाकी स्कूल में सब कुछ ठीक है।
सिटिंग जज करें डेरा की जांच : अशोक अरोड़ा
सिरसा। इनेलो के प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने सिरसा डेरा सच्चा सौदा की जांच सीबीआई की बजाय सिटिंग जज से करवाने की मांग की है। उनका कहना है कि केंद्र व राज्य सरकार के मंत्री व प्रतिनिधि डेरा सच्चा सौदा में आकर नतमस्तक हो चुके हैं। यदि राज्य सरकार पर डेरा से मिलीभगत का आरोप लगाया जाए तो केंद्र में सत्तासीन भाजपा सरकार भी कटघरे में खड़ी होती है। सीबीआई केंद्र सरकार के अधीन है जिससे जांच निष्पक्ष होना संभव नहीं दिखता। अरोड़ा आज इनेलो के कार्यकर्ता सम्मेलन से पूर्व पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सीबीआई की बजाय हाईकोर्ट के सिटिंग जज से डेरा की जाँच होनी चाहिए ताकि जो आरोप डेरा पर लगे है उनकी वास्तविकता का पता चल सके। प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने कहा कि इनेलो कार्यकर्ताओं की कांग्रेस के कुशासन के विरूद्ध संघर्ष बेकार नहीं जाएगा। इनेलो कार्यकर्ताओं के संघर्ष के कारण ही कांग्रेस को सत्ता से हाथ धोना पड़ा।
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