31 दिसंबर यानी वर्ष का अंतिम दिन। इस दिन का सूर्य अस्त होने के साथ ही एक त्यौहार की शुरुआत। पुराने वर्ष का विदाई समारोह और नूतन वर्ष का स्वागत। किसी भी वर्ष का पहला और अंतिम त्यौहार। अन्य त्यौहारों की तरह की यह पर्व भी एक संदेश देता है। अतीत को अलविदा कीजिए उसमें बिताए गए पलों के मंथन के साथ। हर वर्ष मीठे-कड़वे पल देता है। असफलता सबक देती है और सफलता आगे बढऩे का हौसला। व्यापार के लेखा-जोखा की तरह ही इस दिन बीत गए वर्ष में बिताई जिंदगी की बैलेंसशीट पर नजर दौड़ाइए। सुकून के साथ कुछ नया करने का बल जरूर मिलेगा।
रात में जश्न शुरू होगा। नववर्ष का स्वागत करना बनता भी है। मगर जश्र कुछ यूं मनाइएगा कि नववर्ष की पहली गलती न बने। 'पूरा सच' इसी अपील के साथ आपका नववर्ष मंगलमय होने की कामना करता है। सभी पाठकों, विज्ञापनदाताओं और शुभचिंतकों को नववर्ष 2015 की बधाई।
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