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Friday, 9 September 2011

एडीआरसी की होगी स्थापना

सिरसा। हरियाणा के सभी जिला मुख्यालयों पर कचहरी परिसरों या उनके साथ लगती जमीन पर वैकल्पिक विवाद समाधान केंद्र (alternative Desputes resolation CenterU)  स्थापित किए जाएंगे। प्रत्येक केंद्र के निर्माण पर 1 करोड़  रुपए की राशि खर्च की जाएगी। यह जानकारी आज यहां हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव दीपक गुप्ता ने दी। वे आज चंडीगढ़ से स्थानीय कचहरी परिसर में वैकल्पिक विवाद समाधान केंद्र के निर्माण के लिए जगह का चयन करने के लिए आए थे। उन्होंने जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुभाष गोयल, उपायुक्त युद्धबीर सिंह ख्यालिया तथा अतिरिक्त सिविल न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन)सुधीर परमार के साथ कोर्ट परिसर में ही जगह का मुआयना किया।
    उन्होंने बताया कि सिरसा में एक हजार वर्ग गज भूमि पर वैकल्पिक विवाद समाधान केंद्र बनाया जाएगा। अन्य जिला न्यायालयों में भी इसी तर्ज पर केंद्र भवनों का निर्माण करवाया जाएगा। इन भवनों में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से संबंधित जन उपयोगी सेवाएं मुहैया होंगी। इस केंद्र में स्थाई समझौता सदन, मीडियशन सेंटर, लोक अदालत तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव का कार्यालय भी स्थापित होगा। इस प्रकार से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा मुहैया करवाई जाने वाली सभी प्रकार की सुविधाएं आमजन को एक छत के नीचे ही मिलेगी। उन्होंने बताया कि सर्वाेच्च न्यायालय के निर्देशानुसार पूरे देश में इस प्रकार के वैकल्पिक विवाद समाधान केंद्र स्थापित किए जाने हैं। 13वें वित्तायोग में इन केंद्रों की निर्माण राशि के लिए पांच हजार करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है। इन केंद्रों में लोक अदालतों, स्थाई समझौता सदन, मीडिएशन सेंटर के साथ-साथ सायंकालीन अदालतें भी स्थापित होंगी। इन सभी केंद्रों में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा मुहैया करवाई जाने वाली सेवाओं की जानकारी देने के साथ-साथ इन सेवाओं को दर्शाते हुए डिस्पले बोर्ड भी लगाए जाएंगे। श्री गुप्ता ने बताया कि हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अब एक लाख रुपए तक की वार्षिक आय वाले निर्धन व्यक्तियों को नि:शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी जबकि पहले केवल 75 हजार रुपए तक की वार्षिक आय वाले व्यक्तियों को नि:शुल्क विधिक सहायता उपलब्ध करवाई जाती थी। उन्होंने बताया कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, महिलाओं, बच्चों, मानसिक रोगी, अपंग व्यक्ति, औद्योगिक कर्मकारों, देह व्यापार से पीडि़त एवं बेगार से पीडि़त, स्वतंत्रता सेनानियों और उनके आश्रितों, प्राकृतिक आपदा बाढ़ या भूकंप से पीडि़त, जन याचिका मामलों में, दंगा पीडि़त या उनके आश्रितों, वरिष्ठ नागरिकों, हिजड़ा समुदाय तथा पूर्व सैनिकों को नि:शुल्क विधिक सहायता मुहैया करवाई जाती है।

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