हरियाणा की आर्थिक विकास दर 8.7 फीसदी
चंडीगढ़। हरियाणा के वित्त मंत्री हरमोहिंदर सिंह चट्ठा ने आज विस पटल पर प्रदेश का कर मुक्त बजट प्रस्तुत किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदेश में बीते वर्ष अथाह विकास हुआ है, उन्होंने कहा कि प्रदेश की आर्थिक विकास दर 8.7 फीसदी है जबकि राष्ट्रीय आर्थिक विकास दर 8 फीसदी ही है। जिससे प्रदेश में हुए विकास का अनुमान लगाया जा सकता है। चट्ठा ने कहा कि सरकार को राजस्व से 4,163.95 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं, जबकि गैर राजस्व प्राप्तियां 1401.42 करोड़ की हैं। विभिन्न करों से सरकार ने 30234.52 करोड़ रुपए प्राप्त किए हैं। उन्होंने कहा कि आगामी वित्तीय वर्ष में राजस्व से 47690.14 करोड़ रुपए प्राप्त होने का अनुमान है।
बजट में आगामी वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र के लिए 2156.31, बिजली के लिए 5360.14, रोड ट्रास्पोर्ट के लिए 4987.80, सिंचाई के लिए 2209.9, जन स्वास्थ्य के लिए 2427.99, शहरी विकास के लिए 3006.71 और तकनीकी शिक्षा के लिए 880.81 करोड़ रुपए का प्रावधान रख गया है। उधर, विपक्ष ने पेश किए गए बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बजट में नया कुछ भी नहीं है और यह जनता के हित में नहीं है।
क्या हुआ था इससे पूर्व: हरियाणा का बजट सत्र प्रश्रकाल के दौरान हंगामे के बीच शुरू हुआ। सत्र शुरू होते ही भाजपा के विधायकों ने सदन में शोर-शराबा शुरू कर दिया। विपक्ष ने सदन के बाहर सरकार पर घोषणाओं का आरोप लगाते हुए भाजपा ने सदन से वाक आउट कर दिया। प्रश्नकाल के दौरान इनेलो के विधायकों ने संसदीय सचिव रामकिशन फौजी की सीडी को लेकर सदन में हंगामा किया। इस मसले को लेकर इनेलो सदन से वाक आउट कर गई। प्रश्नकाल के बाद तीन बजे विधानसभा पटल पर वित्त मंत्री हरमोहिंदर सिंह च_ा वित्त वर्ष 2014 व 2015 के बजट अनुमान प्रस्तुत किए।
गांव में फर्जीवाड़ा, सरपंच ने नहीं दी सही सूचना
सिरसा। निकटवर्ती गांव रामनगरिया निवासी सुभाष सैनी पुत्र रामलाल सैनी ने सरपंच पर आरटीआई एक्ट के तहत दी सूचना में गुमराह करने तथा आरटीआई में लगाई प्रार्थना को वापिस लेने का दबाब बनाने का आरोप लगाया है। जिला प्रशासन को लिखे पत्र में सुभाष सैनी ने मांग की है कि प्रशासन गांव में हुए फर्जीवाडे मामले में निष्पक्ष जांच करें।
रामनगरिया निवासी सुभाष ने बताया कि उसने सरपचं से आरटीआई के तहत सूचना मांगी थी। जिसमें सरपंच ने सुचना देने में गुमराह किया व मेरी आईटीआई में लगाई प्रार्थना पत्र को वापिस लेने का दबाब बनाया गया। उसके बाद सुचना उपलब्ध कराई गई। उस सूचना में फर्जी तरीके से पंचायत को लाखों रुपए का चूना लगा लगाया गया है और उसके बाद जब मैने जांच बिठाई। सरपंच उस जांच को हर तरह से दबाना चाहता है और गांव के लोगों को गुमराह कर रहा है कि मैं श्मशान भूमि और पंचायती धर्मशाला का काम रूकवाना चाहता हूं। जबकि मैने इन दोनो कामों को रूकवाने के लिए कोई भी कार्रवई नही की है। सरपंच कुछ गांव वालों को बहला फुसला कर किसी को गुलाबी कार्ड व किसी को 100 गज का प्लांट दिलाने का झांसा दे रहा है। इसके साथ ही रिश्तेदारों को लेकर जांच के दिन जांच को प्रभावित करने के लिए अफसरों पर दबाब बना रहा था। सरपंच जांच को प्रभावित करने के लिए कुछ भी कर सकता है व मेरे उपर जांच बंद करने का पंचायती तौर पर दबाब बना रहा है। गांव में हुए फर्जीवाडे में सरपंच ने अपने रिश्तेदारों व अपने कुछ चहेतों को लाखों रूपए का लाभ पहुंचाया है। उसने कहा कि वे प्रशासन से उच्च व निष्पक्ष जांच करवाने की मांग करते है।
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