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Monday, 10 February 2014

तंवर की ताजपोशी

सिरसा। सिरसा के सांसद डा. अशोक तंवर को हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रदेशाध्यक्ष मनोनीत किया गया है। 38 वर्षीय तंवर हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के 19वें प्रदेशाध्यक्ष हैं। पंडित भगवत दयाल शर्मा पहले प्रदेशाध्यक्ष थे। तंवर को मुलाना की जगह नया प्रदेशाध्यक्ष मनोनीत किया गया है। मुलाना पिछले छह बरस 5 माह से प्रदेशाध्यक्ष के पद पर कार्य कर रहे थे।
दरअसल पिछले करीब दो बरस से हरियाणा प्रदेश कांग्रेस में लंबित प्रदेशाध्यक्ष के फैसले पर आज अंतिम मोहर लग गई। कांगे्रस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से हरियाणा में डा. अशोक तंवर को प्रदेशाध्यक्ष बनाने संबंधी पत्र पार्टी के महासचिव डा. जनार्दन द्विवेदी ने जारी किया। पार्टी की ओर से हरियाणा के अलावा पश्विम बंगाल व केरल के प्रदेशाध्यक्षों की भी नियुक्ति की गई है। यहां बता दें कि कांगे्रस की ओर से चार बरस के अंतराल के लिए प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति की जाती है। फूल चंद मुलाना को 27 जुलाई 2007 को  हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी का प्रदेशाध्यक्ष मनोनीत किया गया था। जुलाई 2011 में उनका कार्यकाल समाप्त हो गया पर पार्टी ने उनकेनेतृत्व में ही अक्तूबर 2011 का हिसार उपचुनाव जबकि नवम्बर 2011 के रतिया एवं आदमपुर उपचुनाव लड़े। अलबत्ता हिसार में कांग्रेस की जमानत जब्त होने के बाद मुलाना ने नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की पेशकश की पर पार्टी ने उन्हें इस पद पर बनाए रखा। अलबत्ता पिछले एक बरस से तो प्रदेशाध्यक्ष के मामले को लेकर खूब गहमागहमी का आलम रहा। पर बार-बार गुटबाजी के चलते इस पर अंतिम फैसला न हो सका। एक तरह से डा. अशोक तंवर के सभी नेताओं के संग ठीक संबंध होने के चलते अब पार्टी हाईकमान ने आखिरकार उन्हें प्रदेशाध्यक्ष बना दिया है। 38 वर्षीय डा. अशोक तंवर का इससे पहले भी संगठन में अच्छा खासा तजुर्बा है। वे पांच बरस तक यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं और फिलहाल अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव हैं। वर्ष 1976 की 12 फरवरी को हरियाणा के पूर्व सैनिक दिलबाग सिंह के घर जन्मे अशोक तंवर के सियासी सफर को देश की राजनीति में मिसाल के तौर पर लिया जाने लगा है।

सरकारी बैंकों की हड़ताल, लेनदेन प्रभावित

सिरसा। वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर बैंक यूनियनों ने आज से दो दिन की हड़ताल शुरू की। इसी के चलते सरकारी बैंकों में कामकाज ठप्प रहा। हालांकि निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक तथा एक्सिस बैंक में कामकाज सामान्य तौर पर हुआ।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) के संयोजक एमवी मुरली ने बताया कि मुख्य श्रम आयुक्त के समक्ष 6 फरवरी को भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के साथ सुलह बैठक बेनतीजा रही। बैठक में आईबीए वेतन में 10 प्रतिशत वृद्धि के प्रस्ताव में कोई सुधार लेकर नहीं आया। उन्होंने कहा कि चूंकि बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला, इसी के चलते आज से दो दिवसीय हड़ताल शुरू की गई है। ऑल इंडिया स्टेट बैंक आफिसर्स फेडरेशन तथा ऑल इंडिया स्टेट बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ फेडरेशन हड़ताल में शामिल है।
वेज रिविजन लागू करने तथा आउटसोर्सिंग के विरोध में आज सिरसा के सभी सरकारी बैंक बंद रहे। बैंक कर्मियों ने बैंकों के समक्ष धरना दिया तथा सरकार व बैंक की नीतियों पर विरोध जताया। देश में आज यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक इंपलाइज के संबंधित 9 कर्मचारी यूनियनों ने हड़ताल रखी। इन यूनियनों में करीब 10 लाख बैंक कर्मी शामिल हैं। आज की हड़ताल के चलते बैंक कार्य पूरी तरह बंद रहे जिसके चलते उपभोक्ताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सरकारी बैंकों की एटीएम मशीनों से भी राशि नहीं निकली जिसके चलते उपभोक्ताओं को मायूस होकर लौटना पड़ा।
बैंक कर्मचारी नेता नरेश छाबड़ा व जयचंद ने कहा कि सरकार बैंकिंग रिफोर्सिस के नाम पर यूनियन से संबंधित कर्मचारियों के हक छीनने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि वेतन संशोधन तय समयावधि के बावजूद भी नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बैंकों का विलय किया जा रहा है और कर्मचारियों पर छंटनी की तलवार लटक रही है। बैक लॉग भी नहीं भरे जा रहे हैं जिसके चलते कर्मचारियों पर अत्यधिक वर्क लोड है। इसी के बैंक कर्मियों की अन्य कई मांगें हैं जिन्हें पूरा नहीं किया जा रहा है। उधर कालांवाली, डबवाली, रानियां व एलनाबाद में भी हड़ताल का असर देखने को मिला।

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