सिरसा। प्रदेश सरकार द्वारा तकनीकी पदों के वेतनमान पर जारी के किए गए अध्यादेश के खिलाफ हरियाणा गर्वनमेंट पीडब्लयूडी मेकेनिकल वर्करज यूनियन ने केंद्रीय कमेटी के आह्वान पर लघु सचिवालय में आज धरना देकर नारेबाजी की। धरने की अध्यक्षता यूनियन के जिला प्रधान मान सिंह डागर ने की।
हरियाणा गर्वनमेंट पीडब्लयूडी मेकेनिकल वर्करज यूनियन के सदस्यों ने लघु सचिवालय स्थित उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना देकर वेतन पर जारी किए गए अध्यादेश का विरोध जताया गया। प्रांतीय उपाध्यक्ष कृपा श्ंाकर त्रिपाठी ने कहा कि वर्षों से लंबे संघर्ष व कोर्ट के माध्यम से कर्मचारियों ने हक प्राप्त किया था लेकिन सरकार ने कर्मचारी विरोधी निर्णय अध्यादेश के माध्यम से लागू कर दिया, जिससे कर्मचारियों में भारी रोष है। उन्होंने सरकार से मांग की कि इस अध्यादेश को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए वरना कर्मचारी सरकार के खिलाफ निर्णायक संघर्ष शुरू कर देंगे। सर्व कर्मचारी संघ के मुख्य सलाहकार सोहनसिंह रंधावा ने कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, बकाया वेतन देने व चोरमार जलघर में मोटर चलाते समय ठेके पर रखे गए मृतक कर्मचारी के आश्रितों को पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग उठाई। इस अवसर पर कर्मचारी नेता लालचंद मेहता, अवतार सिंह, हरजीत सिंह, धर्मचंद, धर्मपाल सैनी, कानाराम बिश्रोई, रामबिलास भांभू, सावन राम आदि ने भी कर्मियों को सुबोधित किया। धरने के दौरान कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उधर नौकरी की बहाली को लेकर औद्योगिक सुरक्षा बल के बर्खास्त जवानों को 34वें दिन भी अनशन जारी रहा। बकाया वेतन की मांग को लेकर लघु सचिवालय के समक्ष धरने पर बैठे लैब सहायक व अनुबंधित कंप्यूटर शिक्षकों ने भी अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
हड़ताल से 600 करोड़ का नुकसान
सिरसा। वेतन बढ़ोतरी की मांग को लेकर बैंक यूनियनों की हड़ताल आज दूसरे दिन भी जारी रही। हड़ताल से जिला में दो दिन में करीब 600 करोड़ रुपए के वित्तीय नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।
आज भी सरकारी बैंकों में कामकाज ठप्प रहा। हालांकि निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक तथा एक्सिस बैंक में कामकाज सामान्य तौर पर हुआ। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) के संयोजक एमवी मुरली ने बताया कि मुख्य श्रम आयुक्त के समक्ष 6 फरवरी को भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के साथ सुलह बैठक बेनतीजा रही। बैठक में आईबीए वेतन में 10 प्रतिशत वृद्धि के प्रस्ताव में कोई सुधार लेकर नहीं आया। उन्होंने कहा कि चूंकि बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला, इसी के चलते दो दिवसीय हड़ताल रखी गई है। ऑल इंडिया स्टेट बैंक आफिसर्स फेडरेशन तथा ऑल इंडिया स्टेट बैंक ऑफ इंडिया स्टाफ फेडरेशन हड़ताल में शामिल है।
वेज रिविजन लागू करने तथा आउटसोर्सिंग के विरोध में आज भी सिरसा के सभी सरकारी बैंक बंद रहे। बैंक कर्मियों ने बैंकों के समक्ष धरना दिया तथा सरकार व बैंक की नीतियों पर विरोध जताया। देश म यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक इंपलाइज के संबंधित 9 कर्मचारी यूनियनों ने हड़ताल रखी हुई है। इन यूनियनों में करीब 10 लाख बैंक कर्मी शामिल हैं। हड़ताल के चलते बैंक कार्य पूरी तरह बंद रहे जिसके चलते उपभोक्ताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सरकारी बैंकों की एटीएम मशीनों से भी राशि नहीं निकली जिस कारण उपभोक्ताओं को मायूस होकर लौटना पड़ा।
बैंक कर्मचारियों ने कहा कि सरकार बैंकिंग रिफोर्सिस के नाम पर यूनियन से संबंधित कर्मचारियों के हक छीनने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि वेतन संशोधन तय समयावधि के बावजूद भी नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बैंकों का विलय किया जा रहा है और कर्मचारियों पर छंटनी की तलवार लटक रही है। बैक लॉग भी नहीं भरे जा रहे हैं जिसके चलते कर्मचारियों पर अत्यधिक वर्क लोड है। इसी के बैंक कर्मियों की अन्य कई मांगें हैं जिन्हें पूरा नहीं किया जा रहा है। उधर कालांवाली, डबवाली, रानियां व एलनाबाद में भी हड़ताल का असर देखने को मिला।
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