रोडवेज तालमेल कमेटी के आह्वान पर कर्मचारी बैठे हड़ताल पर
सिरसा। रोडवेज तालमेल कमेटी के आह्वान पर आज राज्य व्यापी रोडवेज चक्का जाम व् प्रदर्शन का असर सिरसा में भी देखने को मिला। सिरसा बस अड्डा परिसर में रोडवेज कर्मचारियों ने सरकार द्वारा मांगें न माने जाने व कैथल घटना के विरोध में चक्का जाम किया। कर्मचारी महासंघ ने भी चक्का जाम को अपना समर्थन दिया। कर्मचारियों ने सरकार पर वायदा खिलाफी का आरोप लगते हुआ जोरदार विरोध प्रदर्शन भी किया। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने परिवहन मंत्री व सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कर्मचारियों का कहना था नए परमिटों पर माननीय हाई कोर्ट ने रोक लगाई है वावजूद इसके सरकार और रोडवेज अधिकारी धक्केशाही करके निजी परमिटों को चलवाना चाहते हैं। कर्मचारियों ने सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार उनकी मांगों पर सहमति जताने के बावजूद मांगों को लागू नहीं कर रही। चक्का जाम के कारण आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
रोडवेज तालमेल कमेटी के सदस्य आत्माराम सहारन व् कर्मचारी महासंघ के मुख्य प्रवक्ता विजय पल जाखड़ ने बताया कि कर्मचारी पिछले लम्बे समय से संघर्ष कर रहे हैं. कर्मचारियों की मांग है कि 3519 निजी परमिट रद्द हो और रोडवेज बेड़े में 1000 नई बसें शामिल की जाएँ लेकिन इन मांगों को मानने की बजाय कर्मचारी विरोधी नीतियों को तानाशाही पूर्ण तरीके से लागू किया जा रहा है। कैथल की घटना इस बात का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री का फूंका पुतला
अलग महिला कालेज के मुद्दे को लेकर मनाया काला दिवस
महिला विंग के बाहर छात्राओं ने किया प्रदर्शन
सिरसा। सिरसा में कालेज की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं पर लाठीचार्ज करने वाले पुलिस कर्मियों और कालेज प्राचार्या के विरुद्ध छात्राओं में अब तक आक्रोश बरकरार है। आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेतृत्व में राजकीय नेशनल गल्र्ज कॉलेज की छात्राओं के द्वारा काली पट्टी बांध कर काला दिवस मनाया गया। आज महिला विंग के समक्ष छात्राओं ने विरोध प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का पुतला जलाया। छात्राओं का कहना था कि लाठीचार्ज करने वाले पुलिस कर्मियों, प्रशासनिक अधिकारियों और कालेज प्राचार्या के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। छात्राओं ने जोरदार नारेबाजी की ओर मांग नहीं माने जाने तक आंदोलन चलाए रखने की बात कही। राजकीय नेशनल कालेज महिला विंग की छात्राओं ने अलग महिला कालेज की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन कर रही छात्राओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। छात्रा गीता और पूजा ने बताया कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही छात्राओं पर इस प्रकार लाठीचार्ज करना तानाशाहीपूर्ण रवैया है और वे इसका डटकर मुकाबला करेंगी। उनका कहना था कि लाठीचार्ज से कई छात्राएं जख्मी हो गईं। हरियाणा सरकार महिला स मान और बेहतरीन शिक्षा देने के बड़े-बड़े दावे करती है लेकिन प्रदर्शन कर रही छात्राओं पर पुरुष पुलिस कर्मियों ने लाठियां बरसाईं। जोकि बेहद निंदनीय है। ऐसा कृत्य करने वाले पुलिस कर्मियों और प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए। छात्राओं ने कहा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के आह्वान पर 8 सितंबर को प्रदेश के सभी जिलों में लाठीचार्ज के विरोध में कैंडल मार्च निकाला जाएगा। उन्होंने सभी सामाजिक, धार्मिक, महिला, मजदूर संगठनों व आमजन से अपील करते हुए कहा कि वे इस कैंडल मार्च में उनका साथ दें। इस अवसर पर अभाविप के प्रांत संगठन मंत्री प्रदीप शेखावत, प्रांत सहमंत्री सुखबीर श्योराण, नगर मंत्री सुमित मेहता, जिला संयोजक अंकुर शर्मा, देवकरण, मनोज, रजत, विपिन, अमित व छात्राएं मौजूद थी।
गौरतलब है कि सिरसा में अलग महिला कालेज की मांग को लेकर लंबे समय से छात्राओं का आंदोलन चल रहा है। बुधवार को छात्राओं ने जाम लगाया था। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके बाद गुरुवार को डीसी आवास का घेराव छात्राओं ने किया। यहां प्रदर्शन कर रही छात्राओं पर लाठीचार्ज हुआ। इसी को लेकर छात्राओं में रोष है और वे लाठीचार्ज करने के दोषी कर्मचारियों और अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रही हैं।
गौरतलब है कि सिरसा में अलग महिला कालेज की मांग को लेकर लंबे समय से छात्राओं का आंदोलन चल रहा है। बुधवार को छात्राओं ने जाम लगाया था। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जिसके बाद गुरुवार को डीसी आवास का घेराव छात्राओं ने किया। यहां प्रदर्शन कर रही छात्राओं पर लाठीचार्ज हुआ। इसी को लेकर छात्राओं में रोष है और वे लाठीचार्ज करने के दोषी कर्मचारियों और अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रही हैं।
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