सिरसा। जिला की ऐलनाबाद थाना पुलिस ने गत रात्रि आईपीएल क्रिकेट मैच के दौरान मुम्बई और बंगलौर के बीच खेले जा रहे मैच में क्रिकेट सट्टा लगाने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान विनोद पुत्र बनारसी दास निवासी वार्ड नंबर 10 ऐलनाबाद, गुरबचन सिंह पुत्र आत्मा सिंह निवासी वार्ड नंबर 6 ऐलनाबाद तथा सुरेश पुत्र रामचंद निवासी तलवाड़ा खुर्द के रूप में की गई है। ऐलनाबाद थाना के उपनिरीक्षक छबीलदास को गश्त के दौरान सूचना मिली की वार्ड नंबर 6 स्थित एक किराए के मकान में मोबाइल व टीवी की मदद की मदद से क्रिकेट सट्टा खेला जा रहा है। इस आशय की सूचना पाकर उपनिरीक्षक छबीलदास ने उक्त स्थान पर दबिश देकर क्रिकेट सट्टा लगाते आरोपियों को काबू कर लिया। पुलिस ने मौके से आठ मोबाइल फोन, एक टीवी, स्वीच बोर्ड, रिमोर्ट, चार्जर तथा केलकुलेटर तथा एक हजार रुपये की नगदी बरामद कर थाना ऐलनाबाद में अभियोग दर्जकर दिया है।
एसडीएम को सौंपी सरपंच की जांच
सिरसा। गांव रामनगरिया के सरपंच के खिलाफ की जा रही घोटालों की जांच का जिम्मा अब एसडीएम सिरसा को सौंपा गया है। उल्लेखनीय है कि पहले इस जांच का जिम्मा खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी अनुभव मेहता के पास था, जिनका फरवरी माह में स्थानांतरण होने की वजह से जांच आगे नहीं बढ़ पाई। जिसके संबंध में गांव रामनगरिया निवासी सुभाष सैनी पुत्र रामलाल सैनी ने उपायुक्त सिरसा से मिलकर इस जांच का जिम्मा एसडीएम को सौंपे जाने की गुहार लगाई, जिस पर उपायुक्त ने एसडीएम सिरसा को इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि सुभाष सैनी ने 4 सितम्बर 2013 को रामनगरिया के सरपंच पर गांव में विकास कार्यों के नाम पर घोटालों के आरोप लगाते हुए आरटीआई एक्ट के तहत जन सूचना अधिकारी से जानकारी मांगी थी। इस मामले में खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी को इस मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने का जिम्मा सौंपा गया था। खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी अनुभव मेहता ने इस संबंध में सुभाष सैनी से लिखित में बयान भी लिए लेकिन उसके कुछ दिन बाद ही उनका यहां से स्थानांतरण हो गया। इसके बाद यह जांच कार्य अधर में ही लटक गया, जिस पर सुभाष ने जिला उपायुक्त से मिलकर इस पूरे मामले की जांच दोबारा से एसडीएम के मार्फत करवाए जाने की गुहार लगाई, जिस पर संज्ञान लेेते हुए जिला उपायुक्त ने इस मामले की जांच एसडीएम सिरसा को 20 दिन में करके रिपोर्ट मांगी है।
वहीं जांच का जिम्मा मिलने पर एसडीएम ने संबंधित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी को पत्र जारी कर इस पूरे मामले की फाईलें व आवश्यक कागजात दो दिन में उपलब्ध करवाने के आदेश दिए लेकिन दस दिन बीत जाने के बाद भी संबंधित अधिकारी ने फाईले एसडीएम को उपलब्ध नहंी करवाई।
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