अदालत के नाम रही डेरा प्रमुख की दिहाड़ी
अब सुनवाई 17 को
सिरसा। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह की दिहाड़ी आज अदालत के नाम रही। गुरमीत सिंह ने सुबह करीब साढ़े 9 बजे सिरसा स्थित अदालत परिसर में पहुंचकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सीबीआई की पंचकूला स्थित विशेष अदालत में हाजिरी लगाई। शाम साढ़े चार बजे तक चली अदालत की लंबी कार्रवाई के दौरान गुरमीत सिंह को अदालत में ही हाजिर रहना पड़ा। आज साध्वी यौन शोषण, पत्रकार छत्रपति व रणजीत हत्याकांड मामलों में सुनवाई हुई। इस दौरान डेरा प्रमुख द्वारा साध्वियों से यौन शोषण के मामले में बचाव पक्ष की ओर से पेश गवाह से सीबीआई ने क्रॉस किया। तीनों मामलों में सुनवाई के बाद अदालत ने आगामी कार्रवाई हेतु 17 जनवरी की तारीख मुकर्रर की है।
सुबह अदालत की कार्रवाई शुरू होते ही साध्वी यौन शोषण प्रकरण में बचाव पक्ष के गवाह टेक चंद सेठी की गवाही पर सीबीआई द्वारा क्रॉस की कार्रवाई शुरू हुई। क्रॉस के दौरान टेक चंद सेठी सीबीआई के सवालों में घिर गया। उल्लेखनीय है कि सेठी डेरा प्रमुख पर आरोप जडऩे वाली एक साध्वी का ससुर है। उसने अपनी बहू व बेटे के खिलाफ जाते हुए अदालत में गवाही दी थी। गवाही के दौरान उसने कहा था कि उसका डेरा से कोई संबंध नहीं है। गवाही पर जब सीबीआई द्वारा क्रॉस एग्जामिनेशन किए जाने का वक्त आया तो सेठी अदालत में पेश ही नहीं हुआ। आखिर अदालत को उसके गैर जमानती वारंट जारी करने पड़े। आज सेठी अदालत में पेश हुआ और सीबीआई के सवालों में घिर गया। सीबीआई द्वारा अनेक ऐसे सबूत पेश किए गए जिससे यह साबित किया जाए कि सेठी का डेरा सच्चा सौदा से गहरा संबंध है और सीबीआई के सवालों में सेठी घिर भी गया।
करीब सात घंटे तक चली प्रक्रिया के दौरान डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह भी अदालत के समक्ष वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए हाजिर रहा। लंबी कार्रवाई के बाद अदालत ने तीनों मामलों में आगामी 17 जनवरी की तारीख निर्धारित कर दी।
बछड़े की हत्या
आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज
सिरसा। गाय के बछड़े को मारने के आरोप में गांव दड़बा निवासी एक व्यक्ति के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। खास बात यह है कि आरोपी मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखता है और इससे पहले पंचायत में उसने यह स्वीकार किया कि बछड़े की मौत हादसे की वजह से हुई। पंचायत में मामला निपट गया था लेकिन इसके बाद उसके खिलाफ थाने में मामला दर्ज करवा दिया गया।
मिली जानकारी के अनुसार गांव दड़बा में रज्जाक उर्फ भईया पुत्र बहादुर खान रहता है। रज्जाक ठेके पर जमीन की जुताई करता है। दो दिन पूर्व गाय का करीब एक वर्षीय बछड़ा उसके खेत में घुस आया जिसे भगाने के लिए उसने ईंट मारी। बताया जाता है कि ईंट बछड़े के सिर में लगी जिससे उसकी मौत हो गई। बछड़े की मौत की सूचना गांव में पहुंची तो रज्जाक के खिलाफ कार्रवाई की मांग गांव वासियों ने की। इस पर पंचायत हुई और रज्जाक ने यह स्वीकार किया कि बछड़े की मौत ईंट लगने के कारण हुई। उसका इरादा बछड़े को मारने का नहीं था बल्कि वह उसे अपने खेत से भगाना चाहता था। एक बारगी तो पंचायत में मामला निपट गया। लेकिन आज गांव के ही रामचंद्र पुत्र माड़ूराम ने नाथूसरी चोपटा थाना में रज्जाक के खिलाफ बछड़े की हत्या किए जाने का मामला दर्ज करवाया। रामचंद्र का आरोप है कि वह अपने भाई धर्मपाल के साथ खेत से वापिस लौट रहा था। इस दौरान उनके सामने रज्जाक ने बछड़े को ईंट मारकर मौत के घाट उतार दिया।
पहले दबाया-फिर निकलवाया शव
बछड़े के शव को पंचायत में फैसला होने के बाद गांववासियों द्वारा गड्डा खोद कर दबा दिया गया। आज मामला दर्ज होने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और बछड़े के शव को गड्डे से निकलावाया गया। नाथूसरी चोपटा थाना प्रभारी मक्खन लाल ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है। शव का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
बाल संरक्षण विभाग ने चलाया चाइल्ड बैगिंग अभियान
आठ चाइल्ड बैगर पकड़े
शिनाख्त के बाद अभिभावकों तक पहुंचाए जाएंगे बच्चे
सिरसा। शहर के लालबत्ती चौक पर पिछले काफी समय से भीख मांग रहे आठ बच्चों को बाल संरक्षण विभाग की टीम ने रेस्क्यू किया है। मूलत: उत्तर प्रदेश के रहने वाले इन बच्चों को भिक्षावृत्ति के लिए ही यहां भेजा गया था। कागजी कार्रवाई के बाद विभाग इनके पुनर्वास के लिए कदम उठाएगा।
सिरसा में नववर्ष में बाल संरक्षण विभाग ने सड़क पर भीख मांग रहे ऐसे बच्चों को संरक्षण देने और उनके पुनर्वास का अभियान चलाया। इसके तहत आठ चाइल्ड बैगर्स को विभागीय टीम ने पकड़ा। इन बच्चों की शिनाख्त करवाई जा रही है। साथ ही इनके अभिभावकों के साथ मिलकर इन बच्चों के शिक्षण आदि का कार्य भी करवाया जाएगा। सिरसा में बाल संरक्षण विभाग की इस मुहिम से कई चाइल्ड बैगर्स का पुनर्वास होगा। साथ ही भिक्षा वृत्ति के चंगुल में फंसे बच्चों को भी इस मक्कडज़ाल से बाहर निकाला जा सकेगा।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी अंजना डूडी व बाल कल्याण समिति की सदस्या विजया मलिक ने बताया कि भिक्षावृत्ति के चंगुल में फंसे बच्चों को बाहर निकालने के लिए विभाग ने यह अभियान चलाया है। कुछ बच्चों को विभागीय टीम ने काबू भी किया है और उनके पुनर्वास के लिए चरणबद्ध तरीके से कार्य किया जाएगा। बच्चों को शिक्षा भी दिलवाई जा सकेगी और उनका समुचित ढंग से विकास होगा। बाल संरक्षण विभाग ने चाइल्ड बैगिंग पर रोक लगाने के लिए ऐसे बच्चों के खिलाफ एक अभियान शुरू किया है। अभियान के तहत चाइल्ड बैगर्स की न केवल धरपकड़ की जा रही है, साथ ही उनके पुनर्वास के लिए भी विभाग योजनाबद्ध तरीके से कार्य करेगा। 1 से 18 वर्ष के बच्चों के लिए अनिवार्य शिक्षा सरकार की ओर से की गई है। ऐसे बच्चों से न ही तो श्रम करवाया जा सकता है और न ही भिक्षावृत्ति।
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