न्यायालय से आरोपी बरी
सिख समुदाय के 25 लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ था मामला
सिरसा। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरके मेहता ने 2008 में रोड़ी में डेरा प्रेमियों व सिखों के बीच हुए विवाद में शामिल सभी 25 आरोपियों को गुरुवार को जिला एवं सत्र न्यायालय ने बरी कर दिया। न्यायाधीश आर के मेहता ने सन्देह का लाभ देते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया। सिक्ख संगत ने इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह सच्चाई की जीत है। उल्लेखनीय है कि 26 मार्च 2008 को डेरा प्रेमी धर्मपाल के निवास पर नामचर्चा का आयोजन किया जाना था। सिक्ख समुदाय के लोगों ने विरोध जताते हुए नामचर्चा न करने देने की बात कही। समुदाय के लोगों का आरोप था कि गांव में नामचर्चा प्रशासन से अनुमति लिए बिना हो रही है। उनका कहना था कि प्रशासन ने प्रदेशभर में नामचर्चाओं पर पाबंदी लगा रखी है लेकिन डेरा प्रेमी जानबूझ कर माहौल बिगाडऩे का प्रयास कर रहे हैं। इसी को लेकर सिक्ख समुदाय व डेरा प्रेमियों में हिंसक झड़प हो गई। इस दौरान हिंसक हुए लोगों ने एक मकान तथा कार को आग के हवाले कर दिया। यही नहीं मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी की जिप्सी पर भी अज्ञात लोगों द्वारा पत्थरबाजी भी की गई थी। पुलिस ने उस समय डेरा प्रेमी ओमप्रकाश की शिकायत पर पांच नामजद व करीब 20 अन्य लोगों के खिलाफ धारा 145/47/49, 323/452/506/427 व 295ए के तहत मामला दर्ज किया था।
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