BREAKING NEWS

 

सच और झूठ के बीच कोई तीसरी चीज नहीं होती और मैं सच के साथ हूं : छत्रपति       www.poorasach.com      

Thursday, 24 July 2014

कांवडिय़ों का लगा तांता

सिरसा। बोल बम बम-बम के जयघोष के साथ शहर में कांवडिय़ों का हरिद्वार से गंगाजल लेकर आने का सिलसिला आज सारा दिन जारी रहा। वहीं शुक्रवार को सावन मास के शिवरात्रि पर्व को लेकर शिव मंदिरों में भी तैयारियां जोरों पर रही। सावण मास में शिवरात्रि पर्व के अवसर पर शिवङ्क्षलग के जलाभिषेक के लिए शहर की सड़कें व गलियां शिव भक्त कांवडिय़ों की भारी भीड़ के कारण अटने लगी है।
हरिद्वार से पवित्र गंगाजल लेकर पहुंचे इन कांवडिय़ों के जयघोष से पूरा शहर बोल बम बम-बम से गुंजने लगा है। कांवडिय़ों के स्वागत के लिए नगर के विभिन्न स्थानों पर श्रद्धालुओं द्वारा उनके ठहरने, खाने-पीने व नहाने आदि की समुचित व्यवस्था की गई है। शहर की अनेक धाॢमक संस्थाओं द्वारा हरिद्वार से आ रहे शिवभक्त कांवडिय़ों की सेवाएं की जा रही है वहीं विभिन्न शिव मंदिरों में शिवरात्रि के उपलक्ष्य में पुजारी द्वारा तैयारियां की जा रही है। शुक्रवार सुबह शिवरात्रि पर्व पर शहर के विभिन्न शिव मंदिरों में कांवडिय़ों द्वारा हरिद्वार से लाए गए गंगाजल से भगवान शिव का जलाभिषेक किया जाएगा।

गुरुद्वारे की गुल्लकों पर कब्जा करने को आतुर हुड्डा सरकार : भूंदड़

सिरसा। शिरोमणि अकाली दल के नेता व पंजाब के राज्यसभा सदस्य बलबिंद्र सिंह भूंदड ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व कांग्रेस सरकार गुरूद्वारा की गुल्लकों पर कब्जा करने का प्रयास कर रही है व अलग कमेटी के बिल का मुख्य मकसद हरियाणा के गुरूद्वारों पर कांग्रेस का कब्जा जमाना और गुरूद्वारा में आने वाली आमदन को सरकारी खजाने में डालना है।
वे गत सायं कालांवाली के गुरूद्वारा सिंह सभा साहिब में सिख संगत को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गुरूद्वारा के सेवादार सिख कौम के सम्मानित सदस्य है लेकिन अलग कमेटी बनाने से वो एक सरकारी कर्मचारी बनकर रह जाएंगे। दिल्ली के अकाली दल के विधायक मनजिंद्र सिंह ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सिखों का भला करना है तो प्रदेश में पंजाबी भाषा को दूसरी भाषा का दर्जा दे और प्रदेश में सिखों को नौकरियां दे लेकिन मुख्यमंत्री कमेटी के नाम पर सिखों को बांट रहे है और यह सब वोटों के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने यदि अलग कमेटी के गठन को मंजूरी देनी थी तो नौ वर्ष पूर्व क्यों नही दी जब केंद्र में भी कांग्रेस की सरकार थी मुख्यमंत्री हुड्डा को नौ साल बाद सिखों कैसे याद आई है। उन्होंने कहा कि प्रबंधक कमेटी ने अलग कमेटी की नोटिफिकेशन के विरोध में 27 जुलाई को गुरूद्वारा हरमंदर साहिब श्री अमृतसर साहिब में होने वाले सरबत सिख सम्मेलन में भाग लेने की अपील करते हुए कहा कि इस सम्मेलन में सिख संगत से सलाह लेकर अगामी रणनीति तैयार की जाएगी। इस मौके पर हरदयाल सिंह गदराना, बुध सिंह सुखचैन, प्रकाश सिंह साहुवाला सहित सिख संगत उपस्थित थी।

वडाली व सतिन्द्र के भजनों पर झूमे श्रद्धालु

सिरसा। शिवरात्री पर्व के उपलक्ष्य में रानियां रोड़ स्थित तारकेश्वरम् धाम में बुधवार रात का नजारा देखते ही बनता था। श्री बाबा तारा चैरीटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित भजन संध्या में प्रख्यात सुफी गायक सतिंद्र सरजात व लखविंद्र वडाली ने अपनी मधुर आवाज में शिव भोले व बाबा तारा जी के भजन गाकर आए हुए श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया व अपनी आवाज के जादु से शिव भक्तों को रातभर झूमने पर मजबुर कर दिया। 
भजन संध्या में दीप प्रज्जवलित करते हुए सिरसा के विधायक गोपाल कांडा ने कहा कि तारा बाबा की कृपा से ही मुझे शिवरात्री पर्व के उपलक्ष्य में आयोजित इस भव्य भजन संध्या में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि बाबा तारा ने हमेशा ही जरुरतमंद की सहायता करने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि धर्मनगरी सिरसा पर सदैव भगवान शिव का आर्शीवाद बना रहा है। कांडा ने कहा कि यह बाबा तारा की इस तपोस्थली पर आयोजित भजन संध्या में आए हर एक श्रद्धालु की हर ईच्छा पूर्ण होने की मैं ईश्वर से कामना करता हुं। संबोधन के अंत में कांडा ने कहा कि भगवान शिव सभी भक्तों पर कृपा रखें, क्योंकि परमात्मा के हाथ में सभी की डोर है और इंसान को चलाने वाला परमात्मा ही है।  अंत में कांडा ने कहा कि 'सतगुरू मैं तेरी पतंग, हवा च उड़दी जावांगी, डोर हत्थों छड्डी नां, वरना कट्टी जावांगी'।
भजन संध्या के दौरान रात करीब 12 बजे जब प्रसिद्ध गायक लखविंदर वडाली मंच पर पहुंचे तो श्रद्धालुओं ने खड़े होकर उनका स्वागत किया। लखविंदर वडाली ने सबसे पहले 'कुटिया वाले बाबा उच्ची शान वालिया, मैं तेरा बूहा नहींयों छड्डणा पेश किया' तो पंडाल में उपस्थित सभी लोगों ने तारा बाबा के उद्घोष लगाने शुरू कर दिए। इसके बाद वडाली ने 'जुगनी' 'आप नचावे यार ते नचना पैंदा ए' समेत अनेक भजनों के माध्यम से समा बांधे रखा। इसके बाद बारी थी सुरों के सरताज सतिंदर सरताज की। रात दो बजे सतिंदर सरताज के साथियों ने जैसे ही मंच संभाला तो मंच समेत पूरे पंडाल का दृश्य बदल गया।
सतिंदर सरताज ने अपने चिर-परिचित शैली में मंच पर बैठकर सूफियाना अंदाज में जब 'सांई वे मेरी फरयाद तेरे तांई' गाना शुरु किया तो पूरा पंडाल तालियों से गूंज उठा। सरताज के कहने पर पंडाल में मौजूद श्रद्धालुओं ने इस भजन पर तालियां बजाते हुए उनका साथ दिया। इसके बाद अल सुबह तक सरताज ने लोगों की फरमाइश पर भजन पेश किए और शिव भक्त पूरी रात उनकेभजनों पर झूमते रहे। कार्यक्रम में आए हुए लोगों का आभार व्यक्त करते हुए बाबा तारा कुटिया के मुख्य सेवक गोबिंद कांडा ने कहा कि बाबा तारा की अपार कृपा से यहां वर्षभर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है।

No comments:

Post a Comment