घायल सरपंच अस्पताल में दाखिल, पुलिस जांच में जुटी
सिरसा। गांव मोरीवाला में जोहड़ की सफाई करवा रहे सरपंच पर गांव के ही एक युवक ने हमलाकर घायल कर दिया। आरोपी युवक मौके से फरार हो गया। ग्रामीणों ने घायल सरपंच को सामान्य अस्पताल में दाखिल करवाया। पुलिस को घटना के बारे में सूचना दी गई है।
सामान्य अस्पताल में उपचाराधीन गांव मोरीवाला के सरपंच सुरेंद्रपाल सिंह ने बताया कि पंचायत में जोहड़ की सफाई का प्रस्ताव पास किया गया था। इसी को लेकर बृहस्पतिवार सुबह जोहड़ की सफाई का कार्य शुरू किया गया था। उन्होंने बताया कि गांव के ही युवक छिब्बा ने जोहड़ में पंप लगा रखा था जिसे हटाने के लिए उसे कहा गया। छिब्बा ने जोहड़ की सफाई न करने की बात कही। इसी को लेकर उससे बहस हुई। तैश में आकर छिब्बा घर में रखी कृपाण उठा लाया और उसपर हमला बोल दिया। उन्होंने बताया कि छिब्बा ने जान से मारने की धमकी दी है। हमले मे सरपंच घायल हो गया। इस दौरान काफी ग्रामीण मौके पर एकत्रित हो गए। छिब्बा मौका पाकर फरार हो गया। ग्रामीणों ने घायल सरपंच को सामान्य अस्पताल में दाखिल करवाया। पुलिस को घटना की जानकारी दी गई है।
बैठक में गरजे अतिथि अध्यापक
सिरसा। हरियाणा अतिथि अध्यापक संघ शाखा ऐलनाबाद की एक आवश्यक बैठक चौ. देवीलाल टाऊन पार्क में बृहस्पतिवार कों राजवीर शास्त्री की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक के बाद अतिथि अध्यापकों ने वित्तायुक्त सुरीना राजन को संबोधित ज्ञापन खंड शिक्षा अधिकारी राजेश चौहान को सौंपा।
शास्त्री ने अतिथि अध्यापकों को तीन वर्ष की नियमितिकरण नीति में शामिल करने की मांग राज्य सरकार से की। उन्होंने अपील की कि बीएड ऑन जेबीटी, वर्क लॉड पर लगे अतिथि अध्यापकों व प्रथम नियुक्ति के समय सब्जेक्ट कॉबीनेशन न होने वाले अध्यापकों को भी इस नीति के तहत नियमित किया जाए। बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि सरकार की ओर से अतिथि अध्यापकों को समय रहते पक्का नहीं किया गया तो आगामी आंदोलन पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 21 जुलाई को शिक्षा विभाग के पंचकुला स्थित निदेशालय पर होने वाले अतिथि अध्यापक संघ के विशाल प्रदर्शन को समर्थन देने के लिए सभी अतिथि अध्यापक एकजुट है। उन्होंने क्षेत्र के समस्त अतिथि अध्यापकों से एकजुट होकर एकता का सबूत देेने का आह्वान किया। इस बैठक को अनिल चावला, नवीता शर्मां, ममता शेखर, रिचा रानी, नरेंद्र कुमार, लता रानी, ङ्क्षछद्रपाल, महेश कुमार, मुकेश कुमार, अशोक शास्त्री, पवन शास्त्री, भीम शास्त्री, देवीलाल, राकेश कुमार, जरनैल सिंह, राजेश शास्त्री, हेमंत कुमार, अवतार ङ्क्षसह, रोहताश शास्त्री, मंजु बुट्टर, ममता देवी आदि अतिथि अध्यापकों ने भी संबोधित किया। बाद में सभी अतिथि अध्यापकों ने ज्ञापन की एक कॉपी राज्य की वित्तायुक्त सुरीना राजन के नाम स्थानीय खंड शिक्षा अधिकारी राजेश चौहान को सौंपी।
ललकार रैली को लेकर कर्मचारी लामबद
सिरसा। रोहतक में 20 जुलाई को आयोजित होने वाली सर्व कर्मचारी संघ की ललकार रैली के लिए कर्मचारी नेताओं ने अपनी तैयारियां पूर्णं करते हुए कर्मचारियों से संपर्क अभियान तेज कर दिया है।
ऐलनाबाद खंड से कर्मचारी नेताओं की दो टीमों ने क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों व कार्यालयों का दौरा किया। एक टीम का नेतृत्व हमसा के प्रदेश उपाध्यक्ष विक्रम गोदारा ने किया। उनके साथ हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के खंड प्रधान पूर्णं ङ्क्षसह ङ्क्षभडर व सर्वकर्मचारी संघ खंड ऐलनाबाद के उपप्रधान बलङ्क्षवद्र ङ्क्षबदी थे। दूसरी टीम का नेतृत्व सर्व कर्मचारी संघ खंड ऐलनाबाद के प्रधान लक्ष्मणदास चलाना ने किया। उनके साथ हमसा के खंड सचिव रामगोपाल, उपप्रधान प्रकाश गुर्जर व सर्व कर्मचारी संघ के खंड सचिव विजय कुमार थे। कर्मचारी नेताओं ने बताया कि 20 जुलाई की ललकार रैली के लिए कर्मचारियों में भारी उत्साह है। वहीं सरकार की वायदा खिलाफी व बार बार मिल रहे झूठे आश्वासनों के प्रति भारी रोष है। कर्मचारी अपनी ललकार रैली में सरकार को अपनी ताकत का परिचय देते हुए अहसास करवा देंगे कि यदि समय रहते सरकार ने कर्मचारियों की जायज मांगों को पूरा नहीं किया तो सरकार को इसका बहुत बढ़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा। कर्मचारियों की मुख्य मांगे नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पालिकाओं की तर्ज पर अन्य सभी विभागों की गैर कानूनी ठेका प्रथा को समाप्त करके ठेका कॢमयों को विभाग के पे रोल पर लिया जाएं। दो वर्ष की सेवा पूर्णं कर चुके सभी प्रकार के कर्मचारियों की सेवाएं नियमित करने की नीति बनाई जाए। राज्य के कर्मचारियों को तुलनात्मक रुप से पंजाब के समान वेतनमान दिया जाएं। लिपिक वर्गीय कर्मचारी पंजाब के समान वेतनमान को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे है। उन्हें तुरंत पंजाब के समान वेतनमान दिया जाए। राज्य कर्मचारियों को केंद्र के समान गे्रड पे, शिशु शिक्षा, वाहन, जोखिम व मोबाईल भत्ता दिया जाए। कैश लैस मेडिकल सुविधा दी जाए। कर्मचारियों की विभागीय मांगों का तुरंत समाधान किया जाए। अनुग्रह पूर्वक नीति बहाल की जाए।
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