परिवर्तन की लहर के साथ बहने को आतुर दिखे कांडा
सिरसा (हस)। सिरसा के निर्दलीय विधायक गोपाल कांडा इन चुनावों में खुले तौर पर समर्थन का फैसला शायद नहीं लेने वाले हैं। हरियाणा के पिछले विधानसभा चुनावों से ही पूरी तरह सक्रिय राजनीति में उतरे कांडा ने इस दौर में कई सबक लिए हैं। वे जान चुके हैं कि राजनीति के इस खेल में किसी भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में वे इस बार दांव इस बार एक मंझे हुए खिलाड़ी की तरह खेल रहे हैं। वे न तो कांग्रेस का विरोध खुलकर करते दिखाई दे रहे हैं और न ही किसी अन्य का समर्थन। यानी चित भी उनकी और पट भी।
आज गोपाल कांडा ने अपने कार्यालय पर कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई थी। माना जा रहा था कि वे इस दौरान पिछले कई दिनों से चल रही अटकलों पर विराम लगाएंगे। लेकिन उन्होंने बहुत ही चालाकी से अपने संदेश में 'परिवर्तन की लहर' का गुणगान किया। उन्होंने कहा कि देश में परिवर्तन की लहर है और हरियाणा भी इससे अछूता नहीं है। हालांकि उन्होंने कार्यकर्ताओं को साफ संकेत दे दिया कि वे क्या चाहते हैं लेकिन पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने खुलकर कुछ भी नहीं कहा।
पुरानी डील की दिखी मजबूरी
कांडा की बातों में उनकी विधानसभा चुनावों के दौरान प्रदेश की हुड्डा सरकार के साथ हुई डील की मजबूरी साफ झलकती दिखी। कांडा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में सिरसा से जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। बाद में प्रदेश में भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में निर्दलीय बैसाखी के सहारे कांग्रेस सरकार बना पाई। ऐसा माना जाता है कि कुल सात निर्दलीय विधायकों को कांग्रेस के साथ जोडऩे की सबसे मजबूत कड़ी गोपाल कांडा ही थे। अब अगर इन चुनावों में गोपाल कांग्रेस के खिलाफ अगर खुलकर नहीं जा रहे तो इसके पीछे कहीं न कहीं उनकी पूर्व की डील भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि वे तो निर्दलीय हैं और हुड्डा को समर्थन दे रहे हैं और वे यह समर्थन पूरे पांच साल के कार्यकाल तक देंगे।
बातों ही बातों में इशारा हो गया
सवाल चाहे समर्थन का रहा या चुनावों में संभावित जीत का, आज कांडा ने जवाब दिए तो वे कुछ न कहते हुए भी सबकुछ कह गए। लोकसभा चुनावों में किसकी जीत होगी? इस सवाल के जवाब में कांडा ने कहा कि विकास की जीत होती है। यदि विकास हुआ है तो मौजूदा प्रत्याशी के पक्ष में मतदान होगा और अगर विकास नहीं हुआ तो विरोध में। अब यह जनता ही बताएगी कि विकास हुआ या नहीं।
जल्द होगा पार्टी पर फैसला
स्वयं की पार्टी के बारे में कांडा ने कहा कि उन्हें प्रदेशभर से कार्यकर्ताओं द्वारा प्रोत्साहन मिल रहा है। जल्द ही वे इस संबंध में औपचारिक घोषणा करेंगे। कांगे्रस के बागी विनोद शर्मा के साथ मिलकर पार्टी बनाने की संभावनाओं को फिलहाल उन्होंने सिरे से नकार दिया। उल्लेखनीय है कि विनोद शर्मा द्वारा भी स्वयं की पार्टी खड़ी किए जाने की चर्चा है।
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