सिरसा। हलोपा अध्यक्ष गोपाल कांडा ने कहा कि वे सिरसा से ही चुनाव लड़ेंगे। दो जगह से वो लोग चुनाव लड़ते हैं जिन्हें खुद का भरोसा नहीं होता। कांडा ने घोषणा की कि हलोपा की सरकार आने पर गरीब कन्याओं में विवाह में 1.51 रुपये का कन्यादान दिया जाएगा। यह राशि विवाह से 10 दिन पहले ही दे दी जाएगी। हलोपा अध्यक्ष गोपाल कांडा पार्टी कार्यालय के उद्घाटन अवसर पर जनसभा को संबोधित कर रहे थे। गोपाल कांडा ने कहा कि सिरसा के विकास कार्यों में जो भी कमियां रही हैं, उसका प्रमुख कारण नगर परिषद पर इनेलो के लुटेरों और कमीशन खोरों का कब्जा होना है। यह मुद्दा उन्होंने विधानसभा में भी उठाया था। कांडा ने अपने चिरपरिचित अंदाज में इनेलो, कांग्रेस पर जमकर प्रहार किए। पूर्व सांसद अशोक तंवर को उन्होंने सिरसा के विकास में बाधक करार दिया। गोपाल कांडा ने बताया कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान हरियाणा में गौशालाओं को सर्वाधिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई। 28 वर्षों से विकास की बाट जोह रही ऑटो मार्किट में मालिकाना हक तबदील करवाने के लिए प्लॉटों की ट्रांसफर खुलवाइर्। ऑटो व्यवसायियों के लिए 240 दुकानों का निर्माण कार्य आरंभ करवाया।
किसान सभा ने किया प्रदर्शन
स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने की मांग
सिरसा। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने व किसानों से संबंधित अन्य मांगों को लेकर आज किसान सभा ने उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरना दिया। धरने पर बैठे किसानों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री को संबोधित मांगपत्र उपायुक्त को सौंपा।
आज सुबह किसान सभा के बैनर तले अनेक किसान कामरेड सुरजीत सिंह के नेतृत्व में उपायुक्त कार्यालय के समक्ष पहुंचे और धरने पर बैठ गए। धरनारत किसानों को संबोधित करते हुए कामरेड सुरजीत सिंह ने कहा कि केंद्र में सत्तासीन हुई राजग सरकार ने तेल के दामों में वृद्धि कर किसानों के लिए अच्छे की बजाय बुरे दिन ला दिए हैं। मोदी सरकार ने पहले बजट में ही अपना मजदूर-किसान विरोधी चेहरा सामने ला दिया है। सभा के जिला सचिव राजकुमार शेखूपुरिया ने कहा कि सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते खेती में उत्पादन लागत बढ़ गई है। फसलों का भाव भी उचित नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने कहा कि डा. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करके ही किसानों को इस गर्त से बाहर निकाला जा सकता है। इसलिए सरकार को फसलों को उचित समर्थन मूल्य लागू करना चाहिए और सरकारी खरीद सुनिश्चित की जानी चाहिए। किसानों ने प्रदर्शन कर उपायुक्त को मुख्यमंत्री के नाम एक मांगपत्र भी सौंपा। इस अवसर पर ओपी सुथार, राजेन्द्र बालासर, मा. गुरटेक सिंह, जंटा सिंह, सतनाम चंद सहित अनेक किसान मौजूद थे।
दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे कम्प्यूटर आप्रेटर
सिरसा। स्थाई नौकरी की मांग को लेकर सरकारी कार्यालयों के कम्प्यूटर ऑप्रेटर आज दूसरे दिन हड़ताल पर रहे। हड़ताल के कारण जिलाभर में फर्द, रिहायशी प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाईसेंस तथा रजिस्ट्री से संबंधित कार्य ठप्प पड़े हैं। लघु सचिवालय स्थित ई-दिशा केंद्र में सन्नाटा पसरा है और यहां विभिन्न कार्यों के लिए पहुंचे लोग मायूस लौट रहे हैं। खास तौर पर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि जिलाभर के सरकारी कार्यालयों में कार्यरत करीब 100 अस्थाई कम्प्यूटर ऑप्रेटर विगत लंबे समय से नियमित किए जाने की मांग कर रहे हैं। सिरसा में करीब 30, डबवाली में 15, ऐलनाबाद व रानियां तथा कालांवाली में करीब 10 तथा कई अन्य क्षेत्रों में बाकी कम्प्यूटर ऑप्रेटरों की नियुक्ति अस्थाई तौर पर की गई थी। कल से उक्त कम्प्यूटर ऑप्रेटरों ने कार्य बंद कर आंदोलन शुरू कर दिया। कम्प्यूटर ऑप्रेटरों के न होने के कारण सभी तहसीलों व उपतहसीलों में विभागों के कार्य ठप्प हो गए। स्थानीय लघु सचिवालय स्थित ई-दिशा केंद्र में भी इसी कारण कोई कार्य नहीं हो पाया। आज दूसरे दिन भी कम्प्यूटर ऑप्रेटर हड़ताल पर रहे। ई-दिशा केंद्र में पूरी तरह सन्नाटा पसरा रहा। सूत्रों के अनुसार कम्प्यूटर ऑप्रेटर सोमवार तक कार्य पर लौट सकते हैं। ऑप्रेटरों का कहना है कि वे अपनी मांगों को लेकर विगत लंबे समय से सरकार से मांग कर रहे हैं। सरकार द्वारा समय-समय पर उन्हें नियमित किए जाने का आश्वासन दिया जाता है लेकिन इस बारे में सरकार गंभीर नहीं है। इसलिए मजबूरन उन्हें यह कदम उठाना पड़ा है। सरकार और कम्प्यूटर ऑप्रेटरों की इस खींचतान का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। अपने कार्य करवाने के लिए दूर-दराज से आए अनेक लोग मायूस होकर लौटते दिखे। कई लोगों के जरूरी कार्य हड़ताल के कारण अटक गए हैं और वे भी सरकार को कोसने के अलावा कुछ नहीं कर पा रहे हैं।
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