सिरसा। कैथल में नेशनल हाईवे ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित सरकारी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने जमकर चुनावी भाषण दिया। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से अपने भावी कार्यक्रमों को जहां बड़ी चालाकी से श्रोताओं के समक्ष रखा, वहीं हुड्डा सरकार पर भी तंज कसने से परहेज नहीं किया। प्रधानमंत्री आज करीब 3 बजे कैथल पहुंचे। रैली स्थल पर पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर उनके साथ मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के अलावा, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के अलावा प्रदेश में लोक निर्माण विभाग के मंत्री रणदीप हुड्डा भी मौजूद रहे। मोदी के पहुंचने पर सबसे पहले राव इंद्रजीत ने सभी मंचासीन अतिथियों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस दौरान वे मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के रू-ब-रू भी हुए। सबसे पहले मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने अपना वक्तव्य दिया। मुख्यमंत्री ने अपने कार्यकाल के दौरान सड़कों के विस्तार पर चर्चा की और प्रधानमंत्री के समक्ष 8 मांगें रखीं। मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान खास बात यह रही कि भीड़ में आगे मौजूद युवाओं ने जोर-जोर से हूटिंग शुरू कर दी। इस कारण मुख्यमंत्री का भाषण सुनने में परेशानी का सामना करना पड़ा। मुख्यमंत्री के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपना भाषण शुरू किया। उनका अंदाज पूरी तरह से चुनावी रहा। उन्होंने किसी दल का नाम लिए बिना भविष्य के अपने कार्यक्रमों के बारे में उल्लेख कर प्रदेश के लोगों से साथ देने को कहा। इसी के साथ उन्होंने प्रदेश सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि 'सड़कें बनती हैं, लेकिन हल्की बरसात से ही बह जाती हैं। पूरा पैसा नहीं लगता। बाकी पैसा पता नहीं किनकी जेबों में चला जाता है।'
यह रहा विशेष
-मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी नहीं छोड़ा रैली को कैश करने का मौका। प्रधानमंत्री के समक्ष रखीं 8 मांगें।
-मुख्यमंत्री के भाषण के समय भीड़ में से हुई हूटिंग।
-राव इंद्रजीत ने सभी को ओढ़ाई शॉल। मुख्यमंत्री से भी हुए रू-ब-रू।
-कुलदीप की कुर्सी रही खाली। भाजपा प्रवक्ता जवाहर यादव ने कहा, प्रोटोकोल के तहत सभी को मिला प्रशासन की ओर से निमंत्रण। कार्यक्रम किसी दल का नहीं। इसलिए पार्टी की ओर से किसी को बुलावा नहीं।
कच्चे कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
सिरसा। टाऊन पार्क में विद्युत निगम में कार्यरत्त कच्चे कर्मचारियों ने आज अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, ठेकेदारी प्रथा बंद करने सहित अन्य मांगों को लेकर सरकार व मुख्यमंत्री हुड्डा के खिलाफ नारेबाजी की। इसके उपरांत प्रदर्शनकारी कच्चे कर्मचारी लघु सचिवालय स्थित उपायुक्त कार्यालय पहुंचे और मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। विद्युत निगम में कार्यरत कच्चे कर्मचारी संदीप व मुकेश ने बताया कि वे पिछले लंबे समय से ठेकेदारी प्रथा के तहत यहां कार्यरत हैं। ठेकेदार द्वारा उनका शोषण किया जाता है। हुड्डा सरकार 3 साल से कार्यरत कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने की बात करती है लेकिन विद्युत निगम में ऐसा नहीं हो रहा है। यहां भेदभाव की नीति अपनाई जा रही है। उन्होंने मांग की कि यथाशीघ्र उन्हें भी पक्का किया जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता तो आगामी विधानसभा चुनाव में वे नाटो का इस्तेमाल करेंगे और किसी भी पार्टी के पक्ष मेें मतदान नहीं करेंगे।
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