कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर व उनकी पत्नी पर लगाए आरोप
सिरसा। करीब 50 वर्षों से कांग्रेस पार्टी में सक्रिय रहते हुए अनेक महत्वपूर्ण पदों पर काम करने वाली वर्तमान में जिला कांग्रेस कमेटी की उपाध्यक्ष कैलाश रानी ने कांग्रेस पार्टी से त्याग पत्र दे दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी को लिखे पत्र में वरिष्ठ नेत्री कैलाश रानी ने ताजा राजनैतिक हालात और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर व उनकी पत्नी अवंतिका तंवर के नकारात्मक व अपमानजनक रवैये का उल्लेख करते हुए त्याग पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा है कि वे 15-16 वर्ष की आयु से कांग्रेस पार्टी की सक्रिय सदस्य बन गई थी और उन दिनों में जब पार्टी के पास ग्रामीण व जिला स्तर पर महिला कार्यकत्र्ताओं का जबरदस्त अभाव था। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन पार्टी का प्रचार और लोगों की सेवा करते हुए एक-एक महिला जोड़कर उन्होंने जिले में महिलाओं का संगठन खड़ा किया था। आज सिरसा में जितनी भी महिलाएं कांग्रेस पार्टी में सक्रिय है उनमें अधिकतर ने मेरे नेतृत्व में ही पार्टी ज्वाइन की थी। वरिष्ठ नेत्री कैलाश रानी ने पार्टी के विभिन्न ओहदों पर हुई नियुक्तियों के पत्र व पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों में श्रेष्ठ भूमिका निभाने के लिए पार्टी द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर दिए गए सम्मान पत्र भी प्रस्तुत किए हैं। कैलाश रानी ने अपना त्याग पत्र स्वीकार करने का आग्रह करते हुए कहा है कि अब जिन लोगों के हाथ में कांग्रेस आ गई है उनमें कांग्रेस के प्रति श्रद्धा भावना नहीं है।
शहर के नागरिकों का कहना है कि नगर परिषद कर्मचारियों की कमी का बहाना बनाती है। ज्यादातर कर्मचारियों की ड्यूटियां नेताओं, उच्चाधिकारिेयों के घरों व आफिसों में लगी हुई हैं जिस वजह से शहर में सफाई नहीं हो पाती और न ही कूड़े का उठान होता है। लोगों का कहना है कि जब प्रदेश के किसी मंत्री या मुख्यमंत्री का सिरसा में आगमन होना होता है तो रातों-रात सड़कें चकाचक होती है। तब कर्मचारियों की कमी क्यों आड़े नहीं आती? लोगों का कहना है कि ठेकेदार के कारिंदे भी सप्ताह में एक-दो बार ही कूड़ा उठाने के लिए आते हैं। ज्यादातर समय कूड़ा सड़कों पर ही फैला रहता है। कालोनी में गलियों में सफाई कर्मचारी कभी नहीं आते।
इनेलो के नगर पार्षदों व नप अधिकारियों का कहना है कि कर्मचारियों की कमी है इसी वजह से सफाई का कार्य सही ढंग से नहीं हो पाता। बार-बार सरकार के पास कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने का प्रपोजल भेजा गया है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही। उनका कहना है कि सिरसा में 300 कर्मचारी तैनात हैं लेकिन जरूरत 700 से ज्यादा की है।
उल्लेखनीय है कि नगर परिषद में 300 कर्मचारी तैनात हैं लेकिन इनमें से अधिकतर कर्मचारी नेताओं और उच्चाधिकारियों के घरों व आफिसों में ड्यूटी देते हैं। कुछ कर्मचारी छुट्टी पर रहते हैं और जो ड्यूटी पर आते हैं से सही ढंग से अपना कार्य नहीं करते। यही वजह है कि में कूड़े के ढेर लगे रहते हैं और सड़कों की सफाई नहीं होती।
शहर में हालांकि कूड़ा प्रबंधन के लिए 9 करोड़ की लागत से गांव बकरियांवाली में कूड़ा प्रबंधन प्लांट लगाया गया है। शहर से कूड़ा एकत्र करने के लिए कूड़ेदान लगाए गए हैं और प्लांट तक कचरा पहुंचाने के लिए वाहनों का प्रबंधन भी किया गया है। ठेकेदार के कारिंदों द्वारा शहर में कुछ ही हिस्सों से कूड़ा उठाया जाता है लेकिन ज्यादातर स्थानों कूड़ा फैला पड़ा रहता है। यही वजह है कि सरकार द्वारा गांव बकरियांवाली में स्थापित किया गया कूड़ा प्रबंधन प्लांट सफेद हाथी साबित हो रहा है।
लापरवाह नगर परिषद : कूड़ेदान बना सिरसा
शहर में जगह-जगह फैला रहता है कचरा
कचरा उठान नहीं होने से जनता परेशान
सीवरेज सफाई के बाद भी नहीं उठाई जाती गाद
वाहनों की आवाजाही से सड़क पर फैल जाती है गंदगी
सफेद हाथी बना 9 करोड़ की लागत से तैयार हुआ कचरा प्रबंधन प्लांट
सिरसा। नगर परिषद की लापरवाही का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है। शहर में सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। बदबू के कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है। नप कर्मचारी सीवरेज की सफाई तो करते हैं लेकिन गाद को नहीं उठाया जाता। यह गाद सड़क पर फैल जाती है और लोगों को काफी परेशानी होती है। सिरसा में नगर परिषद पर इनेलो का कब्जा है और प्रदेश में सरकार कांग्रेस की है। सिरसा से विधायक भी इनेलो का नहीं है। सरकार, विधायक और नगर परिषद में तालमेल की कमी का खामियाजा भी जनता को भुगतना पड़ रहा है। हालांकि नगर परिषद में रुपये की कोई कमी नहीं है लेकिन तालमेल में अभाव में न तो सड़कें ही बन रही हैं और न ही अन्य मूलभूत सुविधाओं की ओर कोई ध्यान दिया जा रहा है। पिछले 10 वर्षों में शहर का काफी विस्तार हुआ है लेकिन नप में कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ी है। ठेकेदार के मार्फत सफाई का कार्य करवाया जाता है लेकिन ठेकेदार का कारिंदे भी सही ढंग से काम को अंजाम नहीं देते हैं।शहर के नागरिकों का कहना है कि नगर परिषद कर्मचारियों की कमी का बहाना बनाती है। ज्यादातर कर्मचारियों की ड्यूटियां नेताओं, उच्चाधिकारिेयों के घरों व आफिसों में लगी हुई हैं जिस वजह से शहर में सफाई नहीं हो पाती और न ही कूड़े का उठान होता है। लोगों का कहना है कि जब प्रदेश के किसी मंत्री या मुख्यमंत्री का सिरसा में आगमन होना होता है तो रातों-रात सड़कें चकाचक होती है। तब कर्मचारियों की कमी क्यों आड़े नहीं आती? लोगों का कहना है कि ठेकेदार के कारिंदे भी सप्ताह में एक-दो बार ही कूड़ा उठाने के लिए आते हैं। ज्यादातर समय कूड़ा सड़कों पर ही फैला रहता है। कालोनी में गलियों में सफाई कर्मचारी कभी नहीं आते।
इनेलो के नगर पार्षदों व नप अधिकारियों का कहना है कि कर्मचारियों की कमी है इसी वजह से सफाई का कार्य सही ढंग से नहीं हो पाता। बार-बार सरकार के पास कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने का प्रपोजल भेजा गया है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही। उनका कहना है कि सिरसा में 300 कर्मचारी तैनात हैं लेकिन जरूरत 700 से ज्यादा की है।
उल्लेखनीय है कि नगर परिषद में 300 कर्मचारी तैनात हैं लेकिन इनमें से अधिकतर कर्मचारी नेताओं और उच्चाधिकारियों के घरों व आफिसों में ड्यूटी देते हैं। कुछ कर्मचारी छुट्टी पर रहते हैं और जो ड्यूटी पर आते हैं से सही ढंग से अपना कार्य नहीं करते। यही वजह है कि में कूड़े के ढेर लगे रहते हैं और सड़कों की सफाई नहीं होती।
शहर में हालांकि कूड़ा प्रबंधन के लिए 9 करोड़ की लागत से गांव बकरियांवाली में कूड़ा प्रबंधन प्लांट लगाया गया है। शहर से कूड़ा एकत्र करने के लिए कूड़ेदान लगाए गए हैं और प्लांट तक कचरा पहुंचाने के लिए वाहनों का प्रबंधन भी किया गया है। ठेकेदार के कारिंदों द्वारा शहर में कुछ ही हिस्सों से कूड़ा उठाया जाता है लेकिन ज्यादातर स्थानों कूड़ा फैला पड़ा रहता है। यही वजह है कि सरकार द्वारा गांव बकरियांवाली में स्थापित किया गया कूड़ा प्रबंधन प्लांट सफेद हाथी साबित हो रहा है।
तीन विद्युतकर्मी झुलसे
सिरसा। खुइयां मलकाना स्थित 33केवी सब स्टेशन पर कार्य करते समय राजकुमार पुत्र मनोहर निवासी दिवानखेड़ा, अजमेर पुत्र मेहर सिंह निवासी खुइयां मलकाना तथा महावीर प्रसाद पुत्र वजीर निवासी मलिकपुरा डबवाली बुरी तरह झुलस गए। बताया जा रहा है कि स्टेशन में आई खराबी की मुरम्मत की जा रही थी। अचानक करंट लगने से वे झुलस गए।हजकां छात्र इकाई ने फूंका पुतला
सिरसा। हरियाणा प्रदेश के छात्रों की समस्याओं के प्रति सरकारी रवैया की अनदेखी के विरोध में हजकां की छात्र ईकाई जेएसओ ने छात्रों का समर्थन करते हुए स.जगदेव सिंह चौक में जोरदार प्रदर्शन कर शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल का पुतला जलाया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जेएसओ के जिला प्रभारी सुमित गोदारा ने बताया कि हरियाणा में छात्र संघों के चुनाव करवाए जाए, छात्राओं की सुरक्षा के लिए कॉलेज व सार्वजनिक स्थानों पर महिला पुलिस लगाई जाए और छात्राओं से अभद्र व्यवहार या अभ्रद टिप्पणी करने वालों पर नकेल डाले जाने की जेएसओ की मांग है। उन्होंने बताया कि सरकार प्रदेश में शिक्षा में व्यपार सुधार लाने के साथ साथ कॉलेजों की संख्या भी बढ़ाए, ताकि हर छात्र व छात्रा एडमिशन ले सके। इस अवसर पर महेंद्र कड़वासरा, मंजीत सिंह कालांवाली, रमन कंबोज, तरूण भाटी, दिनेश, आशीष, सचिन, संदीप यादव, विनोद वर्मा, रोजश सिहाग, सुनील यादव, मुकेश लंबी, अशोक कंबोज, संदीप, सुरेश सहारण, सुभाष, राजेंद्र सिंह, समीर इत्यादि मौजूद थे।
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