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Monday, 9 March 2015

धरने-प्रदर्शनों का सोमवार

बीमा कर्मियों ने मांगों को लेकर रखी हड़ताल

सिरसा। अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ के आह्वान पर आज जीवन बीमा कर्मचारी हड़ताल पर रहे। कर्मचारी बीमा संशोधन बिल के द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के जीवन बीमा निगम एवं साधारण बीमा को नुकसान पहुंचाने वाली सरकार की नीति का विरोध किया। 
जीवन बीमा निगम कार्यालय के समक्ष कर्मचारियों ने विरोध सभा का आयोजन किया एवं विरोध प्रदर्शन किया। सभा की अध्यक्षता संगठन की शाखा समिति सिरसा के अध्यक्ष भारत भूषण अजरोत ने की। मंच संचालन शाखा सचिव किरण कुमार ने किया। कर्मचारियों को संबोधित करते हुए संगठन ने रोहतक मंडल के अध्यक्ष तेजिंद्र लोहिया ने बताया कि सरकार की ओर से इस बिल को पास करवाकर बीमा क्षेत्र में विदेशी पूंजी को 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करना चाहती है तथा इस बिल के द्वारा सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा निगम के निजीकरण की दिशा में आगे बढऩा चाहती है, सरकार का यह कदम सरकारी बीमा कंपनियों, बीमा कर्मचारियों एवं जनता के हितों के विरूद्ध है। इसलिए बीमा कर्मचारी इस बिल के विरोध में साल 2008 से संघर्ष कर रहे हैं। अब सरकार ने कर्मचारियों, देश की जनता व संसद में हुए भारी प्रतिरोध के बावजूद 4 मार्च को लोकसभा में इस बिल को पास करवा लिया है जो कि पूरी तरह से विदेशी सरमायेदारी के हित साधने का काम है। इस बिल के पक्ष में सरकार द्वारा जो तर्क दिए गए हैं। वह पूरी तरह से तथ्यों के विरूद्ध है व बीमा क्षेत्र की वास्तविकताओं पर आधारित नहीं है। 
लोहिया ने बताया कि जीवन बीमा निगम की ऐतिहासिक प्रगति, बीमा धारियों के हितों की पूर्ण सुरक्षा, कर्मचारियों द्वारा दी जाने वाली बेहतरीन सेवाएं एवं राष्ट्र निर्माण कार्यों के लिए अपारधन राशि उपलब्ध करवाने वाली भारतीय जीवन बीमा निगम जैसे अदारों को सरकार द्वारा और मजबूत किया जाना चाहिए न कि इस तरह से इस क्षेत्र को कमजोर करने वाली नीतियां बनानी चाहिए। उन्होंने सरकार से इस बिल को वापस लेने की मांग की। इस अवसर पर शाखा सचिव किरण कुमार ने बताया कि इस हड़ताल के कारण सिरसा का काम काज पूरी तरह से ठप है। सरकार को इस विरोध को देखते हुए बिल को वापस लेना चाहिए। शाखा अध्यक्ष भारत भूषण ने कहा कि हड़ताल पर उतरना कर्मचारियों की मजबूरी है, क्योंकि सरकार जीवन बीमा निगम विरोधी कार्यवाही पर आगे बढ़ रही है जो कि पूरी तरह से गलत है। इस अवसर पर उप प्रधान सुखजीत कौर, जगदीश मेहता, प्रेम धींगड़ा, कंचन, देवेंद्र कौर, रेणु, अमित बैनीवाल, मंजीत सिंह, हितेश, अशोक कश्यप, बाबूलाल, महेंद्र सिंह, सुखविंद्र सिंह, पंकज, हरबंस लाल, महेंद्र भाटिया मौजूद थे।

केन्द्रीय बजट के खिलाफ कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

सिरसा। सर्वकर्मचारी संघ हरियाणा की राज्य कमेटी के आह्वान पर कर्मचारियों ने आज केंद्रीय बजट के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। प्रदर्शन की अध्यक्षता संघ के जिला प्रधान सोहन सिंह रंधावा ने की जबकि संचालन जिला सचिव प्रेम शर्मा ने किया। 
जिला प्रधान सोहन सिंह रंधावा ने कहा कि बजट में पंूजीपतियों को 8000 करोड़ रूपए की छूट दी गई है। करोड़पतियों पर आयकर सीमा 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत कर दी गई है, वहीं आम जनता पर अप्रत्यक्ष करों में 15 प्रतिशत तक की बढ़ौतरी करके उस पर 23 हजार करोड़ रूपए का भारी-भरकम बोझ डाल दिया गया है। इसके अतिरिक्त इस बजट में कर्मचारी वर्ग में कोई छूट नहीं दी गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के नक्शे कदम पर चलते हुए हरियाणा सरकार ने भी विभिन्न टैक्सों में भारी बढ़ौतरी कर दी है व कर्मचारियों ने लंबे संघर्ष के बाद जो मांगें मनवाई थी, उनको लागू करने की बजाय समीक्षा के बहाने टालमटोल किया जा रहा है। सरकार निजीकरण व ठेका प्रथा को बढ़ावा दे रही है, कच्चे कर्मचारियों को पक्का नहीं किया जा रहा, पंजाब के समान वेतनमान देने के मामले में भी सरकार टालमटोल कर रही है। प्रदर्शनकारियों को संघ के जिला उपप्रधान अशोक पटवारी, मदनलाल खोथ, पूर्व प्रधान महेन्द्र शर्मा, मैकेनिकल वर्करज यूनियन के प्रांतीय उपाध्यक्ष कृपाशंकर त्रिपाठी, पॉवर कॉर्पोरेशन वर्करज यूनियन के प्रांतीय महासचिव अविनाश कंबोज, राजकुमार शेखुपुरिया ने भी संबोधित किया।

सीडीएलयू के प्राध्यापकों ने दिया धरना

सिरसा। चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में  प्रदर्शन व आन्दोलन का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है। आज एक बार फिर  चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में  प्रदर्शनहुआ। प्राध्यापकों, छात्रों व नॉन टीचिंग स्टाफ एसोसिएशन ने वीसी कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया।  प्रदर्शनकारियों ने डीसी को ज्ञापन सौंप कर एक छात्रा की शिकायत पर दर्ज हुए मामले को झूठा बताते हुए रद्द करने की मांग की।
गौरतलब है कि डॉ. दिलबाग सिंह, डॉ. राजेश मलिक व महेंद्र के खिलाफ कुछ समय पूर्व यूनिवर्सिटी की ही चार छात्राओं ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्होंने उनसे दुव्र्यवहार किया जिससे वे मानसिक रूप से आहत हुई। वहीं धरने पर बैठे शिक्षकों ने कहा कि उनके खिलाफ साजिशन मामला दर्ज कराया गया है जिसे तुरंत रद्द किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि धरने पर बैठी किसी भी छात्रा को उन्होंने नहीं धमकाया। विश्वविद्यालय के ही कुछ प्राध्यापकों के बहकावे में आकर छात्राओं ने झूठा मुकद्दमा दर्ज करवाया है। इस बाबत वीसी व रजिस्ट्रार सब कुछ जानते हैं लेकिन वे जानबूझकर चुप्पी साधे हुए हैं। प्राध्यापक राजेश मलिक व नॉन टीचिंग स्टाफ एसोसिएशन के प्रधान महेन्द्र बेनीवाल ने वीसी व रजिस्ट्रार के इस्तीफे की भी मांग की। धरने पर इन शिक्षकों के समर्थन में कानून विभाग की अनेक छात्राएं भी बैठीं।

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