सिरसा। आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य नवीन जयहिंद का मानना है कि योगेन्द्र यादव या प्रशांत भूषण सरीखे किसी भी नेता के पार्टी में न होने से पार्टी को एक प्रतिशत भी फर्क नहीं पडऩे वाला। उनका कहना है कि आम आदमी पार्टी कार्यकर्ताओं से बनी है इसलिए इसमें किसी नेता के आने-जाने का कोई नुकसान नहीं है। नवीन आज जाट धर्मशाला में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी के पुनर्गठन सहित अनेक भावी योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने पार्टी नेताओं में वैचारिक मतभेद की बात मानी हालांकि वे योगेन्द्र यादव द्वारा प्रदेश में चलाए जा रहे 'जय किसान अभियान' के समर्थन की बात करते नजर आए।
प्रदेश कार्यकारिणी का होगा पुनर्गठन
पिछले दिनों सिरसा में योगेन्द्र यादव द्वारा किए गए दावों के विपरीत नवीन जयहिंद ने कहा कि आम आदमी पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी फिलहाल भंग है। उल्लेखनीय है कि 15 मार्च को जय किसान अभियान के दौरान सिरसा आए योगेन्द्र यादव ने कहा था कि प्रदेश कार्यकारिणी में कोई मतभेद नहीं है। वे प्रदेश के प्रभारी हैं, उनके साथ संयोजक व प्रदेश प्रवक्ता भी मौजूद थे। लेकिन आज कार्यकारिणी के संदर्भ में पूछे गए एक सवाल पर नवीन जयहिंद ने कहा कि पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी भंग है। पत्रकार वार्ता की शुरुआत में ही उन्होंने अप्रेल माह में नई कार्यकारिणी घोषित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन का विस्तार होगा और प्रदेश से लेकर ब्लॉक स्तर पर पार्टी की कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा। इसी के साथ उन्होंने बताया कि पार्टी आगामी 23 मार्च को शहीद भगत सिंह, राजगुरू व सुखदेव के शहीदी दिवस को देश धर्म दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान रक्तदान, अस्पतालों में दवाई वितरण, सामूहिक भोज आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
इनेलो नहीं निभा रही विपक्ष की सही भूमिका
नवीन जयहिंद ने कहा कि प्रदेश में इनेलो हालांकि विपक्ष में है लेकिन वह विपक्ष की सही भूमिका नहीं निभा रही है। केंद्र सरकार ने सीबीआई नाम के 'तोते' के डर से इनेलो को दबा रखा है। इसलिए आम आदमी पार्टी विधानसभा में चाहे न पहुंचे लेकिन सड़कों पर आंदोलन करके मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएगी।
सरकार नाकाम
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार हर क्षेत्र में नाकाम साबित हुई है। प्रदेश का ऐसा हाल हो चुका है कि सरकार के न होने का आभास होता है। प्रदेश के किसानों के सबसे अधिक बुरे दिन आए हैं। न यूरिया मिली, न बिजली-पानी मौके पर मिले। इस पर इन सबके लिए डंडे भी खाने पड़े।
कार्यकर्ता चाहें तो केजरीवाल को हटा दें
किसी नेता विशेष की पार्टी न होने की बात पर जब नवीन जयहिंद से केजरीवाल को हटाने संबंधी सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता चाहें तो केजरीवाल को भी हटा दें। उन्होंने कहा कि केजरीवाल वैसे तो पार्टी के सर्वमान्य नेता हैं और यदि उनका कोई विरोध करता है तो इसमें उसका कोई स्वार्थ निहित है। लेकिन चूंकि पार्टी किसी नेता विशेष की नहीं है, और कार्यकर्ता ही पार्टी हैं, ऐसे में यदि कार्यकर्ता चाहें तो केजरीवाल को भी हटा दें।
तो योगेन्द्र से छिनेगी प्रदेश की कमान
नवीन जयहिंद ने अप्रेल माह में आम आदमी पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी के पुनर्गठन की बात कही। इसी के साथ यह कयास भी लगाए जा रहे हैं कि पार्टी ने योगेंद्र यादव को पूरी तरह से किनारे करने की नींव रख दी है। ज्ञात रहे कि योगेन्द्र लोकसभा चुनावों से पूर्व हरियाणा के प्रदेश प्रभारी बनाए गए थे और हरियाणा में लोकसभा चुनाव उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा गया था। नवीन जयहिंद शुरू से ही योगेन्द्र का पार्टी में विरोध करते रहे हैं। ऐसे में दिल्ली चुनावों के बाद पार्टी में मची उठापटक ने उनकी महत्वाकांक्षा को और बढ़ा दिया है। केजरीवाल व योगेंद्र की दूरी के बीच नवीन ने केजरीवाल के साथ नजदीकी बनाने के प्रयास किए हैं और आज यहां पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी के पुनर्गठन की घोषणा से यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि योगेंद्र यादव को आने वाले समय में प्रदेश की कार्यकारिणी से भी अलग किया जा सकता है।
रिश्वतखोर सरकारी वकील रंगे हाथों गिरफ्तार
विजिलैंस टीम ने न्यायालय परिसर के पास से दबोचा
7000 रुपये की रिश्वत राशि बरामद
सिरसा। विजिलैंस विभाग व एसडीएम पर आधारित टीम ने सत्र न्यायालय में तैनात एक सरकारी वकील को सात हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों काबू किया है। वकील मानव देह के अवैध व्यापार के एक मामले में आरोपी को बरी करवाने के लिए 7 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था।
जानकारी के अनुसार रमन कुमार ने विजिलैंस विभाग को शिकायत दी थी कि सत्र न्यायालय में तैनात सरकारी वकील महेन्द्र अग्रवाल एक केस से बरी करवाने के लिए रिश्वत की मांग कर रहा है। विजिलैंस विभाग ने इस बाबत उपायुक्त को सूचित किया। उपायुक्त ने एसडीएम परमजीत चहल को ड्यूटी मैजिस्ट्रेट नियुक्त किया। आज दोपहर को रमन कुमार की ओर से एडीए महेन्द्र अग्रवाल को सात हजार रुपये की रिश्वत देना तय हुआ। विजिलैंस ने एक-एक हजार के सात नोटों पर कैमिक्ल लगाकर उसे सौंपे। न्यायालय परिसर के नजदीक शिकायतकर्ता रमन कुमार ने एडीए महेन्द्र अग्रवाल को सौंपे। इसी दौरान टीम ने इशारा पाकर एडीए को रिश्वत राशि सहित रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। पीडि़त का कहना है कि उसे पीटा एक्ट से बरी करवाने के लिए रिश्वत मांगी थी और साथ ही यह धमकी दी गई कि अगर वह रिश्वत नहीं देगा तो उपरी अदालत से उसे सजा दिलवाएगा।
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