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Tuesday, 10 March 2015

रेलवे में नौकरी के नाम पर ठगी

डिंग के युवक ने लगाए 10 लाख रुपये हड़पने के आरोप
पीएम को लिखा पत्र

कमल
सिरसा। गांव डिंग निवासी एक युवक ने रेलवे में नौकरी दिलवाने के नाम पर दस लाख रुपए से अधिक की धोखाधड़ी किए जाने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर न्याय की गुहार लगाई है। साथ ही पीडि़त ने पुलिस अधीक्षक से भी कार्रवाई की मांग की है। 
डिंग निवासी कमल पुत्र राजेंद्र कुमार ने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में बताया कि गांव साहूवाला द्वितीय निवासी रामचंद्र ने उसे रेलवे में नौकरी दिलवाने के नाम पर साढ़े दस लाख रुपए ठग लिए। कमल ने बताया कि रामचंद्र ने उससे अकलेश शर्मा नाम के व्यक्ति के बैंक खाते में 40 हजार रुपए जमा कराने के लिए कहा। उसने यह राशि आईसीआईसीआई बैंक की कनाट पैलेस शाखा में जमा कराई। उसने बताया कि उसे दिल्ली में शास्त्री भवन के गेट के सामने बुलाया गया। यहां उसे लालबत्ती लगी कार में बैठाकर रेल भवन कार्यालय में ले जाकर फार्म भरवाया। कमल ने बताया कि रामचंद्र ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर तीन लाख 60 हजार रुपए लेकर उसे रेलवे में नियुक्ति पत्र थमाया। इसके बाद उसे ट्रेनिंग के लिए पत्र दिया और चार लाख रुपए वसूले। उसे ट्रेनिंग के लिए सिआलदा स्टेशन भेजा गया। उसने बताया कि पांच जुलाई 2013 को पूर्वी रेलवे एटीपी प्राइमरी स्कूल अंबागन, कांचरा पांडा में 75 दिन की ट्रेनिंग दी गई। उसने बताया कि ट्रेनिंग के बाद उसे घर भेज दिया गया और रिजल्ट का इंतजार करने के लिए कहा गया। इसके दस दिन बाद उसे कलकत्ता बुलाया गया। यहां पर उससे सुमन सिंह नामक व्यक्ति ने अढाई लाख रुपए नकद लिए। बाद में उसे बताया गया कि उसे नौकरी नहीं मिल सकती। उसके साथ धोखा हुआ है। कमल कुमार ने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में बताया कि रेलवे में भर्ती के नाम पर धोखाधड़ी करने मामले में मनोज मिश्रा, अमित डागर, विनोद कुमार, प्रवीण कुमार भी शामिल हैं। उसने अकलेश शर्मा को पूरे मामले का मास्टर माइंड बताया है।

महिला अधिवक्ता आमरण अनशन पर

सिरसा। बार एसोसिएशन के सचिव एडवोकेट मधुर कंबोज, एडवोकेट पुरूषोत्तम फुटेला, एडवोकेट गुरदेव सिंह कूका, एडवोकेट रघुबीर सिंह खिंडा, एडवोकेट गणेश सेठी, एडवोकेट हरपाल सिंह गिल, एडवोकेट रविंद्र कंबोज व छह अन्य के खिलाफ मामला दर्ज होने के बावजूद उनकी गिरफ्तारी न होने के चलते महिला अधिवक्ता संजूबाला ने दलित समाज के साथ आज उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरनास्थल पर आमरण अनशन शुरू कर दिया। इससे पूर्व संजू बाला ने मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन उपायुक्त निखिल गजराज व पुलिस अधीक्षक अश्विन शैणवी को सौंपा। संजूबाला ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार जगदीश चोपड़ा पुलिस-प्रशासन पर दर्ज एफआईआर को रद्द करने का दबाव बना रहे हैं जोकि सरासर गलत है। उन्होंने चोपड़ा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उन्हें पद मुक्त करने की मांग मुख्यमंत्री से की।
ज्ञापन में कहा गया है कि एससी एक्ट के तहत शहर थाना सिरसा में कुछ वकीलों के खिलाफ मामला दर्ज है, लेकिन सिरसा पुलिस ने तीन मास की जांच पड़ताल के बाद यह मुकद्दमा दर्ज करने के बाद भी एक भी दोषी को गिरफ्तार नहीं किया, बल्कि दोषीगण कानून का मजाक उड़ा रहे हैं कि उपरोक्त मुकद्दमा दर्ज करवाकर हमारा क्या कर लिया। मुख्यमंत्री के सलाहकार जगदीश चोपड़ा का इनको सरंक्षण प्राप्त है। इस संगीन मामले को लेकर संजू बाला ने अनिश्चितकालीन आमरण अनशन शुरू किया है और पूरा दलित समाज उनके पक्ष में है। उन्होंनेे ज्ञापन में कहा है कि इस आमरण अनशन के दौरान अगर उन्हें कोई जानी व माली नुकसान होता है, तो उसके जिम्मेदार जगदीश चोपड़ा व उपरोक्त मुकद्दमे में शामिल सभी एडवोकेट होंगे। उनका कहना है कि जब तक दलित विरोधी जगदीश चोपड़ा को मुख्यमंत्री के सलाहकार के पद से हटाया नहीं जाता व उपरोक्त वकीलों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक यह आमरण अनशन जारी रहेगा।

गौशाला प्रबंधन व गौभक्त फिर आमने-सामने

सिरसा। श्री गौशाला प्रबंधन एवं गौभक्तों के बीच गायों के बेहतर रखरखाव को लेकर करीब एक माह पूर्व हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। दोनों पक्ष इसी मुद्दे को लेकर आज एक बार फिर आमने सामने हैं। इसी कड़ी में प्रशासनिक तंत्र शांति व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से मध्यस्तता की भूमिका निभाने को मजबूर है। 
गौरतलब है कि गौशाला प्रबंधन के पदाधिकारी जिनमें राजेंद्र रातुसरिया, प्रेम कंदोई, कुलवंतराय जिंदल, बाबूराम गोयल, सिकंदर खट्टर आदि ने पूर्व पार्षद सुशील सैनी, मोती सैनी, नरेश सैनी व रिंकू हरदास आदि पर श्री गौशाला में कथित तौर पर झगड़ा, धक्का-मुक्की, अभद्र व्यवहार व गाली-गलौच करके गौशाला की धर्मार्थ चारा टाल से जबरदस्ती चारा उठाने के गंभीर आरोप जड़े थे। इस मुद्दे पर दोनों पक्ष गंभीर विवाद की स्थिति में थे। दूसरा पक्ष मौजूदा प्रबंधन पर भी गायों की उचित देखभाल करने में उदासीनता बरतने के आरोप लगा रहा है। दोनों पक्षों के बीच उपजी गंभीर स्थिति को देखते हुए एसडीएम परमजीत सिंह चहल ने थाना शहर प्रभारी सुरेशपाल के साथ गौशाला का निरीक्षण किया। बताया जाता है कि निरीक्षण के दौरान गायों के रखरखाव में व्यवस्था का अभाव था। पूर्व पार्षद सुशील सैनी एवं उनसे संबंधित लोगों के आग्रह पर एसडीएम ने यह निर्धारित किया है कि प्रत्येक 15 दिनों के अंतराल में वे अथवा प्रशासनिक तंत्र का कोई भी अधिकारी इस गौशाला में गायों के उचित रखरखाव का औचक निरीक्षण करेगा। गौभक्तों को यदि इस समयावधि के दौरान गौशाला में किसी प्रकार की कोई कमी नजर आती है तो वे इस संबंध में शिकायत मौजूदा प्रबंध समिति को न करके प्रशासनिक तंत्र से ही करेंगे। उधर पूर्व पार्षद सुशील सैनी ने उन पर धर्मार्थ चारा टाल से जबरन चारा उठाने के गंभीर आरोपों को निराधार बताया है। 
वहीं इस मामले में श्री गौशाला परिसर में आज सभी पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी सदस्यों की एक आपात बैठक हुई। जिसमें सोमवार शाम करीब 6 बजे नगर के कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा श्री गौशाला में कथित तौर पर झगड़ा, धक्का-मुक्की, अभद्र व्यवहार व गाली-गलौज करके गौशाला की धर्मार्थ चारा टाल से जबरदस्ती चारा उठाने के प्रकरण पर चिंता व्यक्त की गई। इस मामले में मंगलवार को गौशाला प्रबंधन की ओर से जिला पुलिस अधीक्षक व उपायुक्त को एक ज्ञापन सौंपा गया और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की गई। गौशाला प्रबंधन ने जिला प्रशासन के नाम सौंपे ज्ञापन में लिखा है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जाए ताकि गौशाला प्रबंधन सभी गायों की अच्छे से देखभाल कर सके।

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