तय होगा चार राज्यों का भविष्य
नई दिल्ली। देश में 5 राज्यों के लिए हुए विधानसभा चुनावों में से दिल्ली, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला रविवार को हो जाएगा। सभी जगह सुबह 8 बजे से कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना शुरू होगी तथा दोपहर बाद तक नई सरकारों को लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी।
नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ में खासतौर पर सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। मिजोरम में भी विधानसभा चुनाव हुए हैं जिनके लिए मतगणना 9 दिसंबर को होगी। इस बार सबसे दिलचस्प मुकाबला दिल्ली में है, जहां अरविंद केजरीवाल की 'आप' पार्टी ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चुनाव लड़कर राष्ट्रीय राजधानी के मुकाबले को पहली बार त्रिकोणीय बना दिया। यहां कुल 810 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होना है। दिल्ली समेत अन्य राज्यों के विधानसभा चुनावों को अगले साल होने जा रहे लोकसभा चुनावों के लिए सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। दिल्ली में इस बार अब तक का सबसे ज्यादा यानी 65.13 प्रतिशत मतदान हुआ। कुल 1.19 करोड़ योग्य मतदाताओं में से 77.7 लाख से ज्यादा ने 4 दिसंबर को अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।
रविवार को होने वाली मतगणना में मुख्यमंत्री शीला दीक्षित, भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री के उम्मीदवार हर्षवर्धन और 'आपÓ के अरविंद केजरीवाल के साथ तीनों पार्टियों के कई नेताओं की किस्मत का फैसला होगा। इन चुनावों के लिए हुए एक्जिट पोल के नतीजों के अनुसार दिल्ली में त्रिशंकु विधानसभा बनने के आसार हैं, जहां भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभर सकती है। शेष तीन राज्यों में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलने की संभावना जताई गई है। दिल्ली में उन सभी 14 केंद्रों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है, जहां मतदान मशीनों को स्ट्रांग रूम में रखा गया है। रविवार को मतगणना पूरी होने तक यह सुरक्षा इसी तरह बनी रहेगी। चुनाव अधिकारियों के अनुसार दिल्ली पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान इन मशीनों की चौबीसों घंटे सुरक्षा कर रहे हैं।
विशेष चुनाव अधिकारी शूरबीर सिंह ने बताया कि सभी केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और केवल अधिकृत अधिकारियों को ही मतगणना केंद्रों में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
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