स्कूल प्राचार्य ने की विभाग से शिकायत
कालांवाली का मामला
सिरसा। कालांवाली के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में छात्राओं के साथ दुव्यर्वहार किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। विद्यार्थियों तथा अभिभावकों में बढ़े रोष के कारण प्राचार्य ने अध्यापक के तबादले के लिए विभाग को पत्र लिखा है।
मिली जानकारी के अनुसार कालांवाली स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में फूल चंद लोहानी अध्यापक कार्यरत है। कुछ दिनों से लोहानी विद्यार्थियों के साथ दुव्र्यवहार कर रहा था। सूत्रों के मुताबिक लोहानी ने स्कूल में अध्ययनरत छात्राओं को अपशब्द भी कहे। छात्राओं का आरोप है कि अध्यापक उनके साथ छेड़कानी का भी प्रयास करता रहा है। काफी समय तक छात्राओं ने मामले को दबाए रखा। लेकिन विगत तीन दिनों से अध्यापक की इस कारगुजारी में बढ़ौतरी होने लगी। करीब 15 छात्राओं ने स्कूल प्राचार्य भूप सिंह को लिखित में शिकायत दी। बाद में यह मामला एमएमसी कमेटी के अंतर्गत पहुंचा। कमेटी प्रधान काला सिंह ने स्कूल प्राचार्य भूप सिंह के समक्ष पंचायत बुलाई और अध्यापक के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की। बढ़ते रोष के कारण अध्यापक के तबादले के लिए विभाग को लिखा गया है।
विद्यार्थी वर्ग ही विद्यालय की धुरी है। अगर उनके साथ शिक्षक द्वारा दुव्र्यवहार किया जाता है वह निश्चित ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है। ऐसे में उक्त अध्यापक के तबादले के लिए विभाग को लिखा गया है।
प्राचार्य
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, कालांवाली
अधिकारों की सुरक्षा, प्रगति की ली शपथ
सिरसा। उपायुक्त डा जे गणेसन ने आज लघु सचिवालय भवन परिसर में अधिकारियों व कर्मचारियों को मानवाधिकार दिवस पर मानव अधिकारों के प्रति सच्ची निष्ठा व मानव अधिकारों की सुरक्षा तथा प्रगति की शपथ दिलवाई। इस अवसर पर उन्होंने एक शपथपत्र पढ़ा और इस शपथ सभी अधिकारियों कर्मचारियों ने दोहराया। शपथ पत्र में कहा गया कि भारतीय संविधान के प्रति सच्ची निष्ठा के साथ पालना करूंगा। इन अधिकारों की रक्षा के लिए मै अपने कर्तव्य का पालन करूंगा। मानवाधिकार का आदर व सम्मान करूंगा व सभी व्यक्तियों के आत्म सम्मान का आदर करूंगा और किसी के प्रति भेदभाव नहीं करूंगा। मै किसी भी व्यक्ति के मानवाधिकारों का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष शब्दों, कृत्यों या विचारों द्वारा उल्लंघन नहीं करूंगा। मै मानवाधिकारों की सुरक्षा व प्रगति के लिए कर्तव्यबद्ध हूं।
उपायुक्त ने बताया कि आज के दिन यानि 10 दिसम्बर 1948 को सर्वराष्ट्रीय मानव अधिकार घोषणा पत्र संयुक्त राष्ट्र की महासभा में निर्विरोध स्वीकार हुआ था। इस अधिकार की धारा में प्रत्येक मानव की प्रतिष्ठा व अधिकार समान हैं किसी प्रकार के जाति, वर्ण, लिंग, भाषा, धर्म, राजनीति तथा अभिमत, राष्ट्रीयता, सामाजिक उत्पति, सम्पति, जन्म, पद आदि का भेदभाव नहीं किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस अधिकार की धारा के तहत किसी व्यक्ति को दास बनाकर नहीं रखा जा सकता। उन्होंने बताया कि मानवधिकार संरक्षण आयोग, महिला आयोग, बाल सुरक्षा व संरक्षण आयोग, अनुसूचित जाति व जनजाति संगठन के व्यक्ति भी इन अधिकारों के प्रति संघर्षरत हैं और सरकार द्वारा अधिकारों के प्रति कानून भी बनाए गए हैं। इस मौके पर नगराधीश प्रेम चंद, जिला सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी सतीश मेहरा, तहसीलदार चुनाव जगदीश मैहता सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी तथा पुलिस प्रशासन के अधिकारी उपस्थित थे।
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