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सच और झूठ के बीच कोई तीसरी चीज नहीं होती और मैं सच के साथ हूं : छत्रपति       www.poorasach.com      

Sunday, 20 October 2013

अब चाहिए वही गदर : डा. सुभाष

सिरसा। शहीद यादगार समिति सिरसा द्वारा आज स्थानीय श्री युवक साहित्य सदन के सभागार में गदर पार्टी के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में गदर पार्टी की विरासत विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्यातिथि अनुव्रत समिति सिरसा के अध्यक्ष मक्खलाल गोयल, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता जनवादी लेखक संघ हरियाणा के अध्यक्ष ओम सिंह अश्फाक ने की। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में अपने संबोधन में कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रो. डा. सुभाष ने कहा कि क्रांतिकारियों व आंदोलनकारियों तथा बदलाव लाने वाले लोगों के लिए अपनी विरासत को समझना बेहद महत्वपूर्ण होता है क्योंकि विरासत से उन्हें अपने पूर्वजों के तजुर्बों का ज्ञान मिलता है। आज हम गदर पार्टी के सौ वर्ष पहले के आंदोलन की विरासत को वर्तमान में विचार रहे हैं। 1913 में जब गदर पार्टी का गठन जब हमारे गदरियों ने किया तो उन्होंनेे 1857 के गदर की विरासत को अपने साथ जोड़ा तथा इस आंदोलन के शहीदों से पे्ररणा ली। आज हम 1913 से 2013 तक पहुंचे हैं। वर्तमान समय में हमारे देश में जो समस्याएं मौजूद हैं उनसे निपटने के लिए हमेें गदर पार्टी के शहीदों से प्रेरणा लेने की जरूरत है। गदर पार्टी के संस्थापकों ने पूरे देश के लोगों को अपने साथ जोड़ा चाहे वे किसी भी जाति धर्म से संबंध रखते हों। दरअसल यह पूरे विश्व का आंदोलन था क्योंकि गदर पार्टी के सदस्य पूरे विश्व में फैले हुए थे। सभी धर्मों के लोगों ने एकजुट होकर इस आंदोलन को अपने खून से सींचा था, लेकिन आज स्थिति यह है कि लोग आपस में ही लड़ रहे हैं। वे साम्राज्यवादी ताकतों के खिलाफ क्यों लड़ेंगे? आज जरूरत है लोगों को गदर पार्टी के इतिहास, विरासत व उद्देश्य के संबंध में जागरूक करने की, ताकि वे अपने अधिकारों के लिए एकजुट होकर आंदोलन कर सकें।
    इस अवसर पर विचार चर्चा में भाग लेते हुए का. स्वर्ण सिंह विर्क ने कहा कि समाजवाद का मतलब है सामाजिक समानता व एक हिंदुस्तान हो। का. राजकुमार शेखुपुरिया ने कहा कि आज जातिवाद व साम्प्रदायिकता हमारे समाज के लिए सबसे बड़ा खतरा है। मा. बूटा सिंह ने कहा कि आज देश के हालात गदर आंदोलन से भी बदतर हैं। आज देश के लिए धर्मनिरपेक्षता सबसे बड़ा सवाल है। का. नरभिंद्र ने कहा कि आज के दौर में हमारी युवा पीढ़ी से हमारे इतिहास को दूर किया जा रहा है तथा विरासत को खत्म करने का काम साम्राज्यवादी ताकतें कर रही हैं।
    इस अवसर पर मुख्यतिथि मक्खनलाल गोयल ने कहा कि आज हमारा देश अनेक समस्याओं से घिर चुका है, जिनके समाधान के लिए लोगों को जागरूक करना होगा तथा एकजुट होकर इनका मुकाबला करना होगा। कार्यक्रम के अध्यक्ष ओमसिंह अश्फाक ने कहा कि सभी वर्गों के लोगों को जोड़कर एक ऐसे मजबूत आंदोलन की जरूरत है, जिससे न्याय व समानता की लड़ाई लड़ी जा सके। इस अवसर पर का. अवतार सिंह, परमानंद शास्त्री, प्रो. हरभगवान चावला, डा. जीडी चौधरी, डा. दर्शन सिंह, डा. जसमेल कौर, श्रीमति उर्मिल मोंगा, बलबीर कौर गांधी एडवोकेट, प्रो. आरके सेठी, डा. सुभाष जोधपुरिया, सुरजीत रेणु, मुलख सिंह पीपली, प्रो. रुप देवगुण, मा. गुरटेक सिंह, हमजिंद्र सिंह पाश सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में समिति के संयोजक स्वतंत्र भारती ने सभी का आभार व्यक्त किया।

डीएसपी सहित कई लोगों पर मामला दर्ज

बठिंडा पुलिस ने किया मामला दर्ज

पत्रकार आत्महत्या मामला

सिरसा। डबवाली के पत्रकार सतीश मोदी आत्महत्या मामले में आखिरकार पंजाब पुलिस ने तत्कालीन उपपुलिस अधीक्षक, निरीक्षक, उपनिरीक्षक, मुख्य सिपाही सहित अनेक लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का अभियोग अंकित कर लिया है। अभियोग दर्ज किए जाने की पुष्टि पंजाब पुलिस सब इंस्पेक्टर बलजिन्द्र सिंह ने की है। गौरतलब है कि विगत 17 फरवरी को बठिंडा स्थित रेलवे स्टेशन पर डबवाली के पत्रकार सतीश मोदी का शव बरामद हुआ था। बठिंडा पुलिस को मृतक की तलाशी के दौरान सुसाइड नोट भी मिला था। मोदी ने आत्महत्या के पीछे डबवाली के तत्कालीन उपपुलिस अधीक्षक पूर्ण चंद पंवार, निरीक्षक रवि खुंडिया, उपनिरीक्षक अनिल कुमार, मुख्य सिपाही प्रीतम सिंह व मोदी के रिश्तेदार दीपक गर्ग, नरेश गर्ग, अशोक गर्ग, अजय कुमार व राजेन्द्र कुमार को जिम्मेवार ठहराया था। बठिंडा पुलिस ने उक्त लोगों के विरुद्ध कोई अभियोग दर्ज नहीं किया। मृतक के पुत्र अरुण मोदी ने उक्त आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज करवाए जाने की मांग को लेकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की शरण ली। अभी मामला न्यायालय में विचाराधीन ही था कि आज बठिंडा पुलिस ने उक्त सभी के विरुद्ध भादंसं की धारा 306 के तहत मामला दर्ज कर लिया है।

हजकां में लगती है ओहदों की बोली : वीरभान

सिरसा। हजकां में अब ओहदों की बोली होने लगी है। चाहे यह ओहदा पाने वालों का कोई जनाधार न हो मगर ओहदा उसे मिलेगा जो इसकी एवज में कीमत अदा करेगा। सिरसा जिला में भी ऐसा ही खेल खेला गया है और इस खेल के सूत्रधार खुद कुलदीप बिश्नोई व दूड़ाराम है। यह बात वरिष्ठ नेता वीरभान मेहता ने आज एक होटल में आयोजित प्रेस वार्ता के जरिए कही। उन्होंने कहा कि दरअसल कुलदीप बिश्नोई भी इसी परिपाटी के नेता हैं क्योंकि उन्होंने भी अपने विधायकों को सौदेबाजी में लेना चाहा था लेकिन जीत कर आए विधायकों को उसकी चाल का भेद लग गया और इसी के चलते वे उससे किनारा कर गए। अब दूड़ाराम को सिरसा क्षेत्र में एक ऐसा कार्य सौंपा हुआ है जिसका मकसद संगठन को मजबूत करना नहीं बल्कि संगठन में शामिल होने वाले लोगों से उगाही करना है। मेहता ने हजकां छोड़े जाने के प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि हजकां को सिरसा जिला में उन्होंने बड़ी ईमानदारी और कर्मठता से मजबूत किया था मगर कुलदीप बिश्नोई को यह सब रास नहीं आ रहा था। इसका कारण ये था कि कुलदीप बिश्नोई को अपने सगे भाई चंद्रमोहन पर भी संदेह रहता था तो सो वह दूसरों पर कैसे एतबार कर सकते हैं। यही कारण रहा कि हजकां के शुरूआती दौर जो चौ. भजन लाल के समय शामिल हुए थे, वे सभी उनके बाद से पार्टी छोडऩे को मजबूर हो गए हैं। कुलदीप बिश्नोई ने ऐसे हालात पैदा कर दिए हैं कि कोई भी स्वाभिमानी व्यक्ति इस पार्टी में नहीं रहना चाहता। उन्होंने कहा कि दरअसल कुलदीप बिश्नोई ने पिछले विधानसभा चुनाव में उनका साथ नहीं दिया और इसका उदाहरण देते हुए बताया कि गांव धिगतानियां में आयोजित सभा में उन्होंने दो शब्द भी नहीं कहे। इसका कारण क्या है? आप खुद समझ सकते हैं मगर पार्टी का सुप्रीमों अपने उम्मीदवार के समर्थन में कोई प्रयास न करे तो इससे जाहिर होता है कि कुलदीप बिश्नोई भी संगठन के प्रति सजग नहीं है। उनकी नीतियां भी संदेह के घेरे में रहती है। पार्टी का चाहे कोई नेता हो अथवा कार्यकर्ता कुलदीप बिश्नोई से संपर्क स्थापित नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि अब दूड़ाराम भी अपनी राजनीतिक खुन्नस निकालते हुए उन सभी लोगों को पीछे कर रहे हैं जिन्होंने हजकां के आधार को मजबूत किया है। इसके अलावा दूड़ाराम कुलदीप बिश्नोई के भी हितैषी नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से दुर्योधन के मोह में धृतराष्ट्र ने पूरे कुनेबे का नाश कर लिया था उसी तरह दूड़ाराम जैसे भाई के मोह में कुलदीप पार्टी का खात्मा कर रहे हैं। मेहता ने कहा कि एक मजबूरी के चलते अभी कुलदीप गठबंधन के गीत गा रहे हंै मगर सच्चाई ये है कि कुलदीप की नीतियों के चलते यह गठबंधन जल्द ही टूटने वाला है।

खेलों से होता है सर्वांगीण विकास : उपायुक्त

शहीद भगत सिंह स्टेडियम में शुरू हुई पायका

सिरसा। खेलों से व्यक्ति का सर्वांगीण विकास होता है इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को किसी न किसी खेल में अवश्य भाग लेना चाहिए। खेलों का जीवन में बड़ा महत्व है।
    यह बात उपायुक्त डा. जे. गणेसन ने आज शहीद भगत सिंह स्टेडियम में तीन दिवसीय स्वामी विवेकानंद हरियाणा राज्य ग्रामीण खेलकूद प्रतियोगिता (पायका)का शुभारंभ करने उपरांत खिलाडिय़ों व दर्शकों को कही। उन्होंने कहा कि खेलों से मनुष्य का बौद्धिक व मानसिक विकास भी होता है तथा अनुशासन व भाईचारे की भावना भी पैदा होती है जो किसी भी समाज व राष्ट्र के नवनिर्माण में सहायक सिद्ध होती है।

    डा. गणेसन ने खिलाडिय़ों को सम्बोधित करते हुए कहा कि खेल के नियमों का आदरपूर्वक पालन करते हुए खेंले।  उन्होंने कहा कि खिलाडिय़ों को अनुशासन में रहकर तथा भाईचारे की भावना से खेल खेलना चाहिए। उपायुक्त ने बताया कि स्वामी विवेकानंद हरियाणा राज्य ग्रामीण खेलकूद प्रतियोगिता 16 वर्ष से कम आयु वर्ग के लड़कों में करवाई जा रही है। इन प्रतियोगिताओं में एथलिट्स, हॉकी, बास्केटबाल, वॉलीबाल तथा जूडो के खिलाड़ी भाग लेंगे। इस प्रतियोगिता में जिले के सभी जिलो  अम्बाला, मेहन्द्रगढ,पानीपत, सोनीपत, रेवाड़ी, भिवानी, पलवल, मेवात, फतेहाबाद, हिसार, पंचकुला, फरीदाबाद, गुडग़ांवा, यमुनानगर, जींद, झज्जर, करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र, रोहतक तथा सिरसा के प्रतिभाशाली खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं।
    उपायुक्त ने कहा कि पायका खेल का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में छिपी हुई खेल प्रतियोगिताओं को बढ़ावा देना है।  उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं लागू की है। इस अवसर पर 1500 मीटर की दौड़ करवाई गई इस दौड़ में सुनील जिला सोनीपत प्रथम, मनदीप जिला जींद द्वितीय, तथा सुनील जिला हिसार तृतीय स्थान पर रहे । इन विजेता खिलाडिय़ों को उपायुक्त द्वारा ईनाम वितरित किया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों  का आयोजन भी किया गया।
    इस अवसर पर  अतिरिक्त उपायुक्त शिवप्रसाद शर्मा ने खिलाडिय़ों के साथ आए कोच व खेल विभाग  के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।  इस अवसर पर उपमंडलाधिकारी संत लाल पचार, नगराधीश प्रेम चंद, उपनिदेशक खेल सतीश कुमार नौटियाल, जिला खेल अधिकारी कुलदीप कटारिया तथा खेल विभाग के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

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