ससुरालपक्ष व मायके वालों में तनातनी
सिरसा। गांव झिड़ी निवासी एक विवाहिता ने आज आत्मदाह कर लिया। महिला द्वारा आत्महत्या के कारणों का फिलहाल कोई पता नहीं चल पाया है। विवाहिता की मौत के बाद अस्पताल में ससुराल व मायके पक्ष में तनातनी भी हुई। सामान्य अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों के हवाले कर दिया गया।
मिली जानकारी के अनुसार गांव झिड़ी निवासी 25 वर्षीय मनप्रीत पत्नी मेवा सिंह गत दिवस घर में अकेली थी। मनप्रीत ने घर में रखा मिट्टी का तेल स्वयं पर छिड़क लिया और आग लगा ली। चीखने-चिल्लाने की आवाजें सुन पड़ोसी एकत्रित हो गए और परिजनों को सूचित किया। विवाहिता को उपचार के लिए सामान्य अस्पताल लाया गया। यहां चिकित्सकों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए रैफर कर दिया। बाद में घावों का ताव न सहते हुए मनप्रीत का दम टूट गया। सामान्य अस्पताल में विवाहिता का पोस्टमार्टम करवाया गया। यहां ससुराल व मायके पक्ष में तनातनी हो गई। मायके वाले ससुरालजनों पर मनप्रीत को तंग करने का आरोप लगा रहे थे। वहीं मनप्रीत के पति मेवा सिंह का कहना है कि मनप्रीत को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं थी। फिलहाल पुलिस ने मर्ग दर्ज कर ली है।
मिली जानकारी के अनुसार गांव झिड़ी निवासी 25 वर्षीय मनप्रीत पत्नी मेवा सिंह गत दिवस घर में अकेली थी। मनप्रीत ने घर में रखा मिट्टी का तेल स्वयं पर छिड़क लिया और आग लगा ली। चीखने-चिल्लाने की आवाजें सुन पड़ोसी एकत्रित हो गए और परिजनों को सूचित किया। विवाहिता को उपचार के लिए सामान्य अस्पताल लाया गया। यहां चिकित्सकों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुए रैफर कर दिया। बाद में घावों का ताव न सहते हुए मनप्रीत का दम टूट गया। सामान्य अस्पताल में विवाहिता का पोस्टमार्टम करवाया गया। यहां ससुराल व मायके पक्ष में तनातनी हो गई। मायके वाले ससुरालजनों पर मनप्रीत को तंग करने का आरोप लगा रहे थे। वहीं मनप्रीत के पति मेवा सिंह का कहना है कि मनप्रीत को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं थी। फिलहाल पुलिस ने मर्ग दर्ज कर ली है।
सत्याग्रही हुए रिहा
सिरसा। भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के सत्याग्रह आंदोलन के बाद गिरफ्तार किए गए 24 कार्यकर्ता देर रात्रि सिरसा जेल से रिहा कर दिए गए। सत्याग्रही सात दिन बाद जेल से जमानत पर रिहा हुए। वहीं जेल में एक कैदी की मौत के बाद भूख हड़ताल करने की कथित सजा के तौर पर भाकपा नेता स्वर्ण सिंह विर्क और जयचन्द सहारनी को भी हिसार जेल से जमानत पर रिहा कर दिया गया है। रिहा होने के बाद सत्याग्रहियों का पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा सिरसा जेल के बाहर जोरदार स्वागत किया गया। भाकपा राज्य कार्यकारिणी के सदस्य कामरेड स्वर्ण सिंह विर्क ने कहा कि जेल में एक कैदी रियासत अली की मौत की जांच की मांग को लेकर सी.पी.आई. द्वारा जेल में भूख हड़ताल की गई थी जिसका पूरी जेल के कैदियों और हवालातियों द्वारा समर्थन किया गया गया था लेकिन जेल व जिला प्रशासन द्वारा प्रदेश की कांग्रेस सरकार के इशारे पर उन्हें और जयचन्द सहारनी सहित 18 बंदियों को हिसार जेल में चक्कीबंद कर दिया गया जहां खूंखार अपराधियों व देशद्रोहियों को रखा जाता है। जेल प्रशसन पर आरोप लगाते हुए विर्क ने कहा कि जेल में उन्हें नजरबंद रखा गया तथा इस दौरान न तो किसी से उन्हें मिलने दिया गया और न ही उन्हें दवाई आदि दी गई।
कामरेड जयचन्द सहारनी ने कहा कि भाकपा महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी के विरूद्ध लोगों ...शेष पृष्ठ चार पर
कामरेड जयचन्द सहारनी ने कहा कि भाकपा महंगाई, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी के विरूद्ध लोगों ...शेष पृष्ठ चार पर
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